धमतरी जिला की अंतिम छोर बोराई क्षेत्र के स्वसहायता समूह की महिलाएं समर्थन मूल्य पर साल बीज की खरीदी कर रहे हैं...वनोपज खरीदी में जुड़े स्वसहायता समूह के महिलाएं मिल रहा है स्वरोजगार.निरंतर रोजगार मिले ऐसा कार्य करने की इच्छुक...

धमतरी जिला की अंतिम छोर बोराई क्षेत्र के स्वसहायता समूह की महिलाएं समर्थन मूल्य पर साल बीज की खरीदी कर रहे हैं...वनोपज खरीदी में जुड़े स्वसहायता समूह के महिलाएं मिल रहा है स्वरोजगार.निरंतर रोजगार मिले ऐसा कार्य करने की इच्छुक...

धमतरी जिला मुख्यालय से तकरीबन सौ कि.मी.से ज्यादा दूरी पर बसे जिले की अंतिम छोर की गांव घुटकेल की 13 महिलाओं की स्वसहायता समूह वनोपज संग्रहण कर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं...समुह के अध्यक्ष देवकी बाई ध्रुव और हेमलता ध्रुव ने बताया 2019 में स्वसहायता समूह निर्माण किए हैं इस साल प्राथमिक वनोपज मर्यादित सहकारी समिति बोराई से जुड़कर सरकारी दर पर साल बीज का संग्रहण कार्य कर रहे हैं अभी तक तकरीबन 700 क्वींटल साल बीज की  खरीदी कर चुके है समुह के महिलाओं ने बताया फिर हाल छत्तीसगढ़ शासन की साल बीज.की निर्धारित दर  प्रति कि.ग्राम 20 रुपये की दर से खरीदी कर रहे हैं।संग्राहकों से खरीदे गए साल बीज का भुगतान समर्थन मूल्य पर सीधे सीधे संग्राहकों की खाते में ट्राँसफर कर दिया जाता है जिसे सीधे सीधे संग्राहकों को लाभ मिलता है।वहीं क्षेत्र के वनोपज संग्रहण समिति के प्रबंधक सुरेन्द्र नेताम ने बताया स्वसहायता समूह को साल बीज खरीदी करने वाले समूह को इस एवज में कमीशन के साथ संग्रहण ब्यय और रोजगार प्राप्त हो रहा है बोराई क्षेत्र उड़ीसा प्राँत के साथ एक ओर टायगर रिजर्व तो दूसरी ओर बस्तर सीमा लगा हुआ है जिनसे सामान्य वन क्षेत्र का क्षेत्र कम होने से ग्रामीणों को अन्य वनोपज संग्रहण की दिक्कतें होती है...

बोराई वनोपज सहकारी समिति के अंर्तगत बोराई कोटपारा,लिखमा,मोतिनडीही बनियाडिही,मैनपुर एवं घुटकेल ग्राम सम्मिलित हैं जहां पाँच गांवों में महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से साल बीज समर्थन मूल्य पर खरीदी किया जा रहा है। ग्राम घुटकेल में महिला स्व सहायता समूह तकरीबन 20 समूह है जिनमें 18 समूह नवा बिहान योजना से जुड़े हैं जिला एवं ब्लॉक मुख्यालय से दूरी होने की वजह से महिलाओं के समूह को योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ आजतक नहीं मिल पाया। इस बात का महिलाओं में पीड़ा है कुछ कर गुजरने की क्षमता रखने वाले घुटकेल के महिला स्वसहायता समूह को शासन से बहत सारी अपेक्षा है। वहीं संग्रहण के साथ दिक्कत वनोपज संग्रहण में स्वसहायता समूह व्दारा गांव में हाट बाजारों में संग्रहण किया जा रहा है लेकिन साल के अलावा अन्य वनोपज संग्रहण में सफल नहीं है उनका मुख्य कारण है अन्य वनोपज का समर्थन मूल्य खुला बाजार भाव में समर्थन मूल्य से ज्यादा है इसी लिए सग्राहक समर्थन मूल्य पर बेचने को तैयार नहीं होते।जिस वजह से साल के अलावा अन्य वनोपज खरीदी में सफलता नहीं मिल पा रहा है।वहीं घुटकेल में वनधन केन्द्र की माँग ग्रामीण एवं स्वसहायता समूह के सदस्यों ने की है वनोपज खरीदी के लिए उचित भवन की आवश्यकता जाहिर किया भवन नहीं रहने से स्वसहायता समूह के सदस्य किराए के भवन में खरीदी एवं स्टोरेज कर रहे हैं।महिला स्वसहायता समूह के सदस्य हेमलता ध्रुव,माया कोर्राम,लक्ष्मीबाई ध्रुव,सविता बाई यादव,सरस्वती ध्रुव, अखिलेखा मरकाम, असला ध्रुव,बुधन्तीन ध्रुव,जमुनाबाई ध्रुव, सोनाबाई मरकाम, नीराबाई यादव,अश्वनी यादव,ये महिलाएं साल बीज खरीदी कर रोजगार प्राप्त कर रही हैं मगर निरंतर रोजगार नहीं होने से निराश हैं ।

 

विशेष सहयोगी हमारे सुरेन्द्र राज नेताम जी