CG VIDEO कान्हा की शरण में पीड़िता : वृंदावन में मिली लेडी कॉन्स्टेबल ने किया बड़ा खुलासा अधिकारियों पर लगाया गंभीर आरोप कहा- ट्रेनिंग के समय ही शारीरिक शोषण की कोशिश हुई, काम के दौरान भी कई बार प्रताड़ित किया गया , तंग आकर नौकरी छोड़ी हूं….और…देखे विडियो…….




डेस्क : रायपुर की लेडी कॉन्स्टेबल की तलाश वृंदावन जाकर पूरी हुई। जब यह युवती पुलिस को मिली तो पूरे केस में एक नई कहानी सामने आई। युवती ने आरोप लगाया है कि साल 2009 में माना के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में उसके साथ शारीरिक शोषण की कोशिश की गई। युवती ने दावा किया है कि वहां महिला आरक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। अधिकारियों की बात नहीं मानने पर छुट्टी नहीं दी जाती है और ट्रेनिंग के दौरान परेशान किया जाता है।
लेडी कॉन्स्टेबल ने इस बात की शिकायत की थी मगर मामले को दबा दिया गया। इसके बाद साल 2016 में रायगढ़ में पोस्टिंग के दौरान भी दो अफसरों ने महिला कॉन्स्टेबल को परेशान किया था। उनके खिलाफ महिला ने विभाग में कंप्लेंट भेजी। मगर विभाग की बदनामी होती देख पुलिस हेड क्वार्टर के कुछ आला अफसरों ने युवती पर ही इस्तीफा देने का दबाव बनाया और इन्हीं बातों से परेशान होकर युवती ने रिजाइन कर दिया और वृंदावन चली आई। वृंदावन में रह रही छत्तीसगढ़ की इस लेडी कॉन्स्टेबल की मानें तो इसकी शिकायतों पर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई बल्कि अफसरों ने उसे ही परेशान करना शुरू कर दिया था।
ऐसे हुआ खुलासा
दरअसल, रायगढ़ में रहने वाली युवती की मां ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। युवती रायपुर के महावीर नगर में रहती थी तो ये केस रायपुर के राजेंद्र नगर थाने की टीम के पास पहुंचा। गुमशुदा लेडी कॉन्स्टेबल को खोजते हुए रायपुर की पुलिस वृंदावन जा पहुंची। पुलिस को देख युवती ने सड़क पर ही बवाल शुरू कर दिया। सरेआम कुछ देर तक हंगामा हुआ। रायपुर की पुलिस के साथ युवती ने धक्का-मुक्की भी की। काफी देर तक समझाने के बाद वह शांत हुई। इसके बाद कैमरे पर आकर विभागीय प्रताड़ना की सारी बात बताई।
परिवार के लोग मुझे मारना चाहते हैं
वृंदावन में मीडिया के सामने युवती ने दावा किया है कि जब वह 10वीं कक्षा में पढ़ती थी तब से ही अपनी मां के साथ उसका कोई संबंध नहीं है। सगी मां होने के बावजूद युवती का मां के प्रति कोई मोह नहीं है। मां के साथ अक्सर विवाद हुआ करता था, जिसके बाद वह अपने मामा-मामी के साथ रहने लगी। युवती का परिवार रायगढ़ और रायपुर दोनों शहरों में रहता है। जब पुलिस की नौकरी मिली तो अपने पैरों पर खड़ी होने की वजह से युवती रायपुर आकर रहने लगी। मगर तब भी वह परिवार से अलग ही रही। युवती का दावा है कि साल 2020 में जुलाई के महीने में कोविड का बहाना बनाकर घर वालों ने मुझे कैद कर रखा था। मैं ड्यूटी तक नहीं कर रही थी, इसलिए मैं यहां आ गई। मेरे वृंदावन आने की बात घर वालों को भी पता है, मुझे जबरन रायपुर लाने के लिए वो गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा रहे हैं।
दूसरी तरफ गुमशुदगी की शिकायत पर कार्रवाई कर रहे राजेंद्र नगर थाने के इंस्पेक्टर विशाल कुजूर ने दैनिक भास्कर को बताया कि जब रायपुर की पुलिस गुमशुदा लेडी कॉन्स्टेबल को लाने वृंदावन गई तो वो मंदिर के बाहर फूल और पूजा का सामान बेचते मिली।
अफसर बोले-ऐसी कोई बात नहीं, सभी आरोप झूठे
युवती रायपुर पुलिस हेडक्वार्टर में CID ब्रांच में पदस्थ थी। उसने आरोप लगाया है कि तब उसके अधिकारी रहे यूबीएस चौहान ने उसे प्रताड़ित किया। इस मामले में यूबीएस चौहान ने बातचीत में कहा कि ऐसी कोई बात नहीं थी।
साल 2017 में युवती ने दो कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत की थी वो भी मामूली आपसी बहसबाजी का मामला था, तब उसकी मैंने विभागीय कार्रवाई की थी। ये पूछे जाने पर की क्या कार्रवाई की गई तो चौहान ने कहा- अब तीन-चार साल पहले की बात है, मुझे ठीक तरह से याद नहीं। मगर एक्शन लिया गया था। कोई गंभीर आरोप नहीं था।