2500 छात्रों का भविष्य दांव पर

2500 छात्रों का भविष्य दांव पर
2500 छात्रों का भविष्य दांव पर

-जेएनवीयू और एमबीएम विश्विद्यालय के बीच छात्रों के नामांकन स्थानांतरण का मामला


जोधपुर। जेएनवीयू और एमबीएम विश्वविद्यालय के बीच छात्रों के नामांकन स्थानांतरण के मामले को लेकर गुरुवार को जोधपुर उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधिपति विनीत कुमार माथुर ने सभी पक्षों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए। न्यायायलय ने निम्नलिखित सभी पक्षों को जारी किए नोटिस
1. सचिव,कॉलेज शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार
2रजिस्ट्रार, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर
3. रजिस्ट्रार,एम.बी.एम. विश्वविद्यालय, जोधपुर
4. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार), 
5.सदस्य सचिव,अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली 

वहीं अधिवक्ता प्रियंका बोराना ने जानकारी देते हुए बताया कि न्यायालय द्वारा मामले में स्थगन आदेश पर अगली सुनवाई 2 सितंबर को नियत की गई है। याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता प्रियंका बोराना ने पैरवी करते हुए कोर्ट को बताया कि, ये बच्चो के स्थानान्तरण का मुद्दा एमबीएम विश्विद्यालय के संविधान के अनुरूप नही है व यह एमबीएम के संविधान के अधिकारातीत है व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा निर्देशों का भी उल्लंघन है। एमबीएम और जेएनवीयू द्वारा अपने अधिकारों से परे जाकर व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की धारणाओं को निराधार करते हुए बच्चो के भविष्य और उनकी डिग्री की वैधता को संशय में डालने का काम किया है। साथ ही कुलपति द्वारा एमबीएम के संविधान को बिना जांचे-परखे निर्णय लिया गया है। अधिवक्ता बोराना ने यह भी बताया कि कुलपति द्वारा स्थानांतरण की क्रियाविधि पर भी सवाल उठे है।