टीएमसी में ममता बनाम अभिषेक की लड़ाई जो अब तक परोक्ष रूप से चल रही थी, वह अब खुलकर सामने आ रही है।
The fight between Mamata vs Abhishek in TMC




NBL, 02/01/2024, Lokeshwar Prasad Verma, The fight between Mamata vs Abhishek in TMC, which was going on indirectly till now, is now coming out openly, पढ़े विस्तार से....
स्थापना दिवस के दिन ही आज टीएमसी में उस समय फूट की तस्वीर सामने आयी जब वरिष्ठ नेता सुब्रत बख्शी ने कहा कि 'अभिषेक पीछे नहीं हटेंगे व ममता का नाम लेकर ही आगे बढ़ेंगे', जिसके बाद बंगाल के सियासी गलियारे में भूचाल आ गया।
टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने ये कहने में देर नहीं लगायी की अभिषेक बनर्जी दल के सेनापति हैं. दोनों नेताओं के बयान से साफ दिख रहा है कि टीएमसी में ममता बनाम अभिषेक की लड़ाई जो अब तक परोक्ष रूप से चल रही थी, अब प्रत्यक्ष हो गयी है।
कुणाल घोष ने कहा कि अभिषेक पीछे नहीं हटेंगे. मैं जानना चाहूंगा कि इसका मतलब क्या है? वो पीछे क्यों हटेंगे? वो तो दल को नेतृत्व दे रहे हैं. टीएमसी में नवीन बनान प्रवीन की लड़ाई लंबे समय से चल रही है, गत वर्ष टीएमसी के सुवा नेताओं ने सोशल मीडिया पर यह मांग करते हुए कैंपेन भी चलाया था कि एक व्यक्ति एक ही पद पर रहे. नये और पुराने नेताओं की लड़ाई के बीच राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि दल में नये नेता भी रहेंगे और पुराने भी।
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* पार्टी में रार...
सुब्रत बख्शी ने कहा, 'जो चुनाव आगे आ रहा है, अभिषेक बनर्जी हमारे राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी हैं. निश्चित ही वे पीछे नहीं हटेंगे और वे ममता बनर्जी को ही आगे रखकर लड़ाई करेंगे. उधर, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि अभिषेक बनर्जी के पीछे हटने का सवाल कहां से उठता है? अभिषेक तो नेतृत्व दे रहे हैं और देते रहेंगे. अगर दल को आगे बढ़ाने की बात को लेकर कुछ कहना है तो दल अभिषेक से वार्ता करेंगा. बड़ा दल है बड़ा परिवार, यह सब लगा रहता है, चुनाव सब इकट्ठा होकर लड़ेंगे।
* 'ये सिंडिकेट की लड़ाई'...
टीएमसी नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि बूढ़ों के साथ लड़ाई हो गयी, बड़ा मजा आता है सुनकर? बूढ़ों जवानों में लड़ाई हो गयी, बॉबी के साथ लड़ाई हो गयी, सुनकर बहुत मज़ा आता है, हम सब ममता बनर्जी के सैनिक हैं, सब मिलकर लड़ेंगे. भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल कहते हैं कि ये पारिवारिक द्वंद है. इसपर सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि हर मोहल्ले में देखेंगे कि टीएमसी के कई दफ्तर होते हैं, ये कोई ममता तो कोई भाई तो कोई भतीजे के नाम से शरण लेकर बैठा है, ये सब सिंडिकेट की लड़ाई है कि किसको कितना पैसा मिलेगा।