हिट-एंड-रन मामलों में जेल की सज़ा में बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ ड्राइवरों ने पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन शुरू किया।

Drivers begin protests across India

हिट-एंड-रन मामलों में जेल की सज़ा में बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ ड्राइवरों ने पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
हिट-एंड-रन मामलों में जेल की सज़ा में बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ ड्राइवरों ने पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन शुरू किया।

NBL, 02/01/2024, Lokeshwar Prasad Verma Raipur CG: Drivers begin protests across India against increased jail sentences in hit-and-run cases. पढ़े विस्तार से... 

Drivers Strike: देश भर में ड्राइवरों ने नए भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023 के तहत 'हिट-एंड-रन' मामलों में जेल की सजा बढ़ाए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. आपराधिक संहिता कानून, जिसने ब्रिटिश-युग के भारतीय दंड संहिता (IPC) को निरस्त कर दिया है। 

अब दुर्घटनास्थल से भागने और घटना की रिपोर्ट न करने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. IPC में ऐसे मामलों में 2 साल की सजा का प्रावधान था. ड्राइवरों का दावा है कि कोई भी जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता है और वे मौके से भागने को मजबूर होते हैं, क्योंकि गुस्साई भीड़ उन्हें जान से मारने की धमकी देती है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नए प्रावधान ड्राइवरों को हतोत्साहित करेंगे और उन्हें अपनी नौकरी को लेकर भय में डाल देंगे। 

किसी दुर्घटना की स्थिति को लेकर ड्राइवरों का कहना है कि एक्सीडेंट एक ही नहीं कई फैक्टर्स होते हैं और उनमें से कुछ ड्राइवर के कंट्रोल से परे होते हैं. यदि कोहरे के दौरान खराब विजिबिलिटी के कारण कोई दुर्घटना होती है, तो ड्राइवरों को बिना किसी गलती के जेल में सड़ना पड़ेगा. देश के कुछ हिस्सों में ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि ड्राइवर सड़क पर निकल पड़े हैं और कानून को कैंसिल करने या सजा कम करने की मांग कर रहे हैं. कई राज्यों के लोकल एडमिनिस्ट्रेशन हाई अलर्ट पर हैं और ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शनों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। 

* यात्री फंसे... 

विरोध प्रदर्शन के कारण परिवहन व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई, क्योंकि कई यात्री कई शहरों में बस स्टेशनों पर फंसे रह गए. हड़ताल में भाग लेने वाले ड्राइवरों में ट्रक चालक, निजी बस चालक और कुछ मामलों में सरकारी बस चालक भी शामिल हैं. सोशल मीडिया पर लोगों ने दावा किया है कि कुछ राज्यों में कैब ड्राइवर भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं. गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र में, केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) विधेयक, 2023 पारित किया, जिसमें जूडिशियल सिस्टम को आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम को प्रतिस्थापित कर दिया।