CG- एक ताली कलेक्टर के नाम VIDEO: कलेक्टर के लिए CM भूपेश के सामने जमकर बजने लगी तालियां… CM बोले, जब कलेक्टर इतना अच्छा कर रहे हैं काम….तो मैं साथ ले जाऊं…. फिर जो हुआ.... देखें VIDEO......

CG- एक ताली कलेक्टर के नाम VIDEO: कलेक्टर के लिए CM भूपेश के सामने जमकर बजने लगी तालियां… CM बोले, जब कलेक्टर इतना अच्छा कर रहे हैं काम….तो मैं साथ ले जाऊं…. फिर जो हुआ.... देखें VIDEO......

जगदलपुर, 17 अक्टूबर 2021। बस्तर दौरे पर पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जनसभा में जगदलपुर कलेक्टर रजत बंसल के कार्याे की तारीफ में जनता ने तालियों की झड़ी लगा दी। देर तक तालिया बजते रहने से हैरान सीएम भूपेश बघेल मुस्कुराते हुए लोगों से पूछ बैठे....बाकी सब के लिये थोड़ी और कलेक्टर के लिये इतनी देर तालियां क्यो? जनता के जवाब के बाद मुख्यमंत्री का प्रश्न और भी लाजवाब रहा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे, तो उन्होंने बस्तर कलेक्टर की तरफ शुरू किये गये “योदय” “मेंबर-मेंबरिन”,  “बादल” और कलागुड़ी जैसे कार्यक्रमों की तारीफ की और इस काम के लिए सभी तारीफ में तालियां बजायी। इसी दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा…एक बार जोरदार ताली हमारे कलेक्टर साहब और उनकी पूरी टीम के लिए एक बार जोरदार ताली बजाइये, मुख्यमंत्री का कहना था कि कार्यक्रम तालियों से गूंज उठा और फिर तालियां एक भार बजनी शुरू हुई तो फिर बजती ही रही…जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि

बाकी लोगों के लिए कम ताली बजी, कलेक्टर के लिए ताली ज्यादा बज रहा है ,तभी भीड़ से लोगों ने कहा कलेक्टर साहब अच्छा काम कर रहे हैं…जिसके बाद मुख्यमंत्री ने हंसते हुए कहा…ठीक काम कर रहे हैं , तो मैं अपने साथ रायपुर ले जाऊं....जिसके बाद भीड़ से आवाज आने लगी… नहीं… नहीं तो मुख्यमंत्री ने कहा……अच्छा यही रहने दें…

 

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कलेक्टर रजत बंसल की तारीफ में मुख्यमंत्री के सामने देर तक तालियां गूंजती रही। …तालियां इतनी बजी कि खुद मुख्यमंत्री को भी लोगों से पूछना पड़ गया…..कि बाकियों के लिए थोड़ी-थोड़ी और कलेक्टर के लिए इतनी सारी तालियां क्यों ?….दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बस्तर के दो दिवसीय दौरे पर जगदलपुर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान कई सारे कार्यक्रमों में शिरकत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आसना पहुंचे, जहां उन्हें “बादल और कलागुड़ी” का लोकार्पण करना था। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के पहले बादल और कलागुड़ी का नजारा देखा तो प्रशासन के काम से कायल बन गये।

 

*बस्तर की जनजातीय संस्कृति को सहेजने और संवारने में 'बादल एकेडमी' की होगी महत्वपूर्ण भूमिका : श्री भूपेश बघेल*

*मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लेंगवेज (बादल) का किया लोकार्पण*

*बस्तर के लोक नृत्य, स्थानीय बोलियां, साहित्य एवं शिल्पकला के संरक्षण और संवर्द्धन को मिलेगा बढ़ावा*

*लगभग 5.71 करोड़ रुपए की लागत से की गई है एकेडमी की स्थापना*

*देश दुनिया बस्तर की संस्कृति से हो सकेगी परिचित*

*अधिकारियों-कर्मचारियों को बस्तर की स्थानीय बोली और भाषा का दिया जाएगा प्रशिक्षण*

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के समीप आसना ग्राम में बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लेंग्वेज (बादल) के नवनिर्मित परिसर का लोकार्पण किया।


 मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि जनजातीय संस्कृति के केन्द्र के रुप में प्रसिद्ध बस्तर के लोक नृत्य, स्थानीय बोलियां, साहित्य एवं शिल्पकला के संरक्षण और संवर्द्धन में आज शुरू हुई  बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लैंग्वेज (बादल) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस केन्द्र की स्थापना 5 करोड़ 71 लाख रुपए की लागत से की गई है। बादल एकेडमी के जरिए बस्तर की विभिन्न जनजातीय संस्कृतियों को एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी तक हस्तान्तरण करना, बाकी देश-दुनिया को इनका परिचय कराना, शासकीय कार्यों का सुचारु सम्पादन के लिए यहां के मैदानी कर्मचारी-अधिकारियों को स्थानीय बोली-भाषा का प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर की गौरवशाली संस्कृति की गूंज हिंदुस्तान ही नहीं देश दुनिया में सुनाई देती है। बादल एकेडमी के जरिये बस्तर की संस्कृति को नई पहचान मिलेगी। 


    बादल एकडमी की स्थापना के लिए पर्यटन विभाग के जीर्णशीर्ण हो चुके आसना में निर्मित अनुपयोगी मोटल का चयन किया गया। इसका क्षेत्रफल लगभग दो एकड़ था, लेकिन राजस्व विभाग एवं अन्य जमीन को मिलाकर इस हेतु लगभग पांच एकड़ जमीन तैयार की गई। जमीन मिलने के पश्चात प्रारंभ हुआ बस्तर अकादमी फॉर डॉस आर्ट लिटरेचर एंड लेंग्वेज (बादल) का निर्माण। इस अकादमी में प्रमुख रूप से लोकगीत एवं लोक नृत्य प्रभाग, लोक साहित्य प्रभाग, भाषा प्रभाग और बस्तर शिल्प कला प्रभाग है। लोक गीत एवं लोक नृत्य प्रभाग के तहत बस्तर के सभी लोक गीत, लोक नृत्य गीत का संकलन, ध्वन्याकंन, फिल्मांकन एवं प्रदर्शन का नई पीढ़ी को प्रशिक्षण दिया जायेगा। जिसमें गंवर सिंग नाचा, डण्डारी नाचा, धुरवा नाचा, परब नाचा, लेजागीत, मारीरसोना, जगार गीत, आदि प्रमुख है। लोक साहित्य प्रभाग के तहत बस्तर के सभी समाज के धार्मिक रीति-रिवाज, सामाजिक ताना-बाना, त्यौहार, कविता, मुहावरा आदि का संकलन, लिपिबद्ध कर जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। भाषा प्रभाग के तहत बस्तर की प्रसिद्ध बोली हल्बी, गोंडी, धुरवी और भतरी बोली का स्पीकिंग कोर्स तैयार कर लोगों को इन बोली का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बस्तर शिल्प कला प्रभाग- इसी तरह बस्तर की शिल्प कलाओं में काष्ठकला, धातु कला, बांसकला, जूटकला, तुम्बा कला आदि का प्रदर्शन एवं निर्माण करने की कला सिखाई जाएगी।


*वीर शहीदों के नाम पर किया गया भवनों का नामकरण*


बादल एकेडमी में निर्मित तीन भवनों का नामकरण वीर शहीदों के नाम पर किया गया है। इनमें प्रशासनिक भवन का नाम शहीद झाड़ा सिरहा के नाम पर, आवासीय परिसर का नाम हल्बा जनजाति के शहीद गेंदसिंह के नाम पर और लायब्रेरी व अध्ययन भवन को धुरवा समाज के शहीद वीर गुंडाधुर के नाम पर किया गया है। बादल एकेडमी के शुभारंभ के अवसर पर समाज से संबंधित स्थानीय कलाकारों द्वारा इन विभूतियों के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। 


*बादल और इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के मध्य हुआ एमओयू*


इस अवसर पर आज बादल एकेडमी और इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के मध्य एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय द्वारा बादल एकेडमी में लोक नृत्य और लोक संगीत के लिए साझा तौर पर कार्य किया जाएगा। विश्वविद्यालय द्वारा बादल एकेडमी को मान्यता प्रदान करते हुए अपने पाठ्यक्रमों से संबंधित विधाओं का संचालन किया जाएगा। 


*थिंक-बी और चार अन्य संस्थानों के मध्य हुआ एमओयू*


इसके साथ ही यहां आज मुख्यमंत्री की मौजूदगी में थिंक-बी और आईआईएम रायपुर, आईआईआईटी रायपुर, हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंसेस के साथ एमओयू किए गए। उद्यमिता और स्वरोजगार के इच्छुक बस्तर के युवाओं के स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के साथ ही उन्हें इंक्यूबेट करने के लिए यह एमओयू किया गया। 


बादल अकादमी में लाइब्रेरी, रिकॉर्डिंग रूम, ओपन थिएटर, डांस गैलरी, चेंजिंग रूम, गार्डन एवं रेसिडेंशियल हाउस, पाथवे, एग्जीबिशन हॉल, कैफेटेरिया बनाए गए हैं। इस अवसर पर उद्योग मंत्री एवं बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा, बस्तर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति श्री दीपक बैज, राज्यसभा सांसद श्रीमती फूलोदेवी नेताम, संसदीय सचिव श्री रेखचन्द जैन, विधायक कोंडागाँव श्री मोहन मरकाम,विधायक श्री राजमन बेंजाम, श्रीमती देवती कर्मा, विधायक एवं छत्तीसगढ़ राज्य हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चन्दन कश्यप, विधायक श्री विक्रम मंडावी, नगरनिगम जगदलपुर की महापौर श्रीमती सफीरा साहू, अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि, भतरा,हल्बा, धुरवा,मुरिया, कोया और मुंडा आदिवासी समाज सहित विभिन्न समाज के प्रतिनिधि और सदस्य इस अवसर पर उपस्थित थे।इस अवसर पर भतरा,हल्बा, धुरवा,मुरिया, कोया और मुंडा को मुख्यमंत्री द्वारा आदिवासी विकास विभाग के माध्यम  साजसज्जा,वेशभूषा और वाद्ययंत्र ख़रीदी के लिए 18 लाख 50 हजार राशि दी गई है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बस्तर को 232 करोड़ 37 लाख रुपए के 47 विकास कार्यों की दी सौगात

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने दो दिवसीय जगदलपुर प्रवास के दौरान आज ग्राम आसना स्थित बादल एकेडमी परिसर में आयोजित समारोह में 186 करोड़ 55 लाख रुपए से अधिक के 32 कार्यों का लोकार्पण और 45 करोड़ 82 लाख रुपए से अधिक के 15 कार्यों का भूमिपूजन किया। 


    इसके तहत श्री बघेल ने लगभग 6 करोड़ रूपए की लागत से बस्तर विश्व विद्यालय जगदलपुर में नव निर्मित एमबीए अध्ययन शाला भवन, 68 लाख रूपए की लागत से ग्राम कुरंदी में निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन, 95 लाख 35 हजार रूपए की लागत से जगदलपुर विकासखण्ड के पुसपाल में निर्मित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन, 23 करोड़ 17 लाख रूपए की लागत से जगदलपुर शहर में मां दन्तेश्वरी मंदिर से एनएमडीसी रेस्ट हाऊस तक 3.52 किलोमीटर लम्बी प्रगति पथ, 43 करोड़ 21 लाख रूपए की लागत की 25.50 किलोमीटर नानगूर-नेतानार-कोलेंग मार्ग, 14 करोड़ 4 लाख रूपए की लागत से ग्राम-परपा मंे निर्मित 112 नग जी टाईप पुलिस आवासगृह, 22 करोड़ 82 लाख रुपए की लागत से निर्मित 29 किलोमीटर लंबी दरभा से कटेकल्याण मार्ग, 35 करोड़ 90 लाख रुपए की लागत से निर्मित 45 किलोमीटर लंबी चित्रकोट बारसूर मार्ग, लगभग 2 करोड़ 57 लाख रुपए की लागत से निर्मित सात किलोमीटर लंबी एरमुर से कस्तुरपाल मार्ग, लगभग 2 करोड़ 72 लाख रुपए की लागत से निर्मित 5 किलोमीटर लंबी लामकेर-टिकनपाल-बालेंगा मार्ग, लगभग 1 करोड़ 68 लाख रुपए की लागत से निर्मित 3.20 किलोमीटर लंबी घाटपाली से महुपाल बरई मार्ग, लगभग 1 करोड़ 85 लाख रुपए की लागत से निर्मित 5.5 किलोमीटर लंबी केशरपाल-सोरगांव मार्ग, लगभग 2 करोड़ 66 लाख रुपए की लागत से निर्मित 7 किलोमीटर लंबी मुंडागांव से राजपुर मार्ग, 1 करोड़ 63 लाख रूपए की लागत से निर्मित 2.20 किलोमीटर लंबी दरभा से तीरथगढ़ मार्ग तथा 1 करोड़ 48 लाख रूपए की लागत से तीरथगढ़ कटेकल्याण मार्ग, 69 लाख 30 हजार रूपए की लागत से 3-3 केव्ही के 6 स्थानों पर स्थापित सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्र, 4 करोड़ 10 लाख रूपए की लागत से ग्राम चित्तालुर में 6 स्थानों में स्थापित 120 एचपी का सामुदायिक सौर सिंचाई योजना, लगभग 2 करोड़ 66 लाख रूपए की लागत से 18 स्थानों में जल जवीन मिशन अन्तर्गत स्थापित सोलर ड्यूल पम्प, लगभग 1 करोड़ 13 लाख रूपए की लागत से 20 स्थानों में पेजयल सोलर ड्यूल पम्प, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अन्तर्गत लगभग 49 लाख रूपए की लागत से जिला पंचायत जगदलपुर के पास सीएससी भूतल एवं प्रथम तल, लगभग 19 लाख रूपए की लागत से शहीद पार्क जगदलपुर में गढ़कलेवा में निर्मित कार्य, लगभग 2 करोड़ 58 लाख रूपए की लागत से जगदलपुर में निर्मित कन्या क्रीड़ा परिसर भवन, लगभग 1 करोड़ 21 लाख रूपए की लागत से जिला पुरातत्व संग्रहालय भवन में निर्माण एवं अन्य मरम्मत कार्य, लगभग 1 करोड़ 92 लाख रूपए की लागत से दलपत सागर की उतरी छोर में बनाए गए पाथवे, पेंटिंग एवं विद्युतीकरण कार्य, लगभग 76 लाख रूपए की लागत से दलपत सागर के आईलैण्ड में सौन्दर्यीकरण के कार्य, लगभग 54 लाख रूपए की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तितिरगांव और कुम्हरावंड में निर्मित 2-2 एच टाईप स्टॉफ क्वार्टर, लगभग 16 लाख रूपए की लागत से हर्राकोडेर में निर्मित आयुर्वेदिक औषधालय भवन, 5 करोड़ 21 लाख रुपए की लागत से ग्राम आसना में निर्मित बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लैंग्वेज, 2 करोड़ 6 लाख रुपए की लागत से निर्मित बस्तर आर्ट गैलरी (कलागुड़ी), 87 लाख रुपए की लागत से लालबाग मैदान में स्थापित हाईमास्ट लाईट एवं 49 लाख रुपए की लागत से दलपत सागर में बाह्य विद्युतीकरण कार्य का लोकार्पण किया।
    इसके साथ ही लगभग 9 करोड़ 16 लाख रूपए की लागत से जगदलपुर शहर के गोल बाजार के विकास कार्य एवं विद्युतीकरण कार्य,  50 लाख रूपए की लागत से माता रूकमणी सेवा संस्थान विनोबा ग्राम डिमरापाल जगदलपुर में मिनी फुटबाल ग्राउण्ड का निर्माण, 7 करोड़ 63 लाख रूपए की लागत से 150 स्थानों पर सोलर हाईमास्ट, 1 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से 15 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों प्री बर्थ वेटिंग कक्ष, 20 लाख रूपए की लागत से धुरवा समाज के लिए सामाजिक भवन, लगभग 50 लाख रूपए की लागत से ग्राम छिन्दावाड़ा में आश्रम भवन का नवीनीकरण एवं प्रथम तल में अतिरिक्त कक्ष निर्माण,  लगभग 1 करोड़ 89 लाख रूपए की लागत से ग्राम नगरनार के बाजार स्थल को विकसित करने का कार्य, लगभग 50 लाख रूपए की लागत से ग्राम बुरूंदवाड़ा सेमरा में अहाता निमार्ण कार्य, 2 करोड़ रूपए की लागत से मेडिकल कॉलेज डिमरापाल जगदलपुर परिसर में गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के परिवारजनों एवं सुश्रुषा करने वालों के लिए ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण, 4 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत से विभिन्न मार्गों 24 मार्ग पर नवीनीकरण एवं पेच रिपेयर कार्य, लगभग 4 करोड़ 93 लाख रूपए की लागत से विभिन्न मार्गों 25 मार्ग पर नवीनीकरण एवं पेच रिपेयर कार्य, 5 करोड़ 46 लाख रूपए की लागत से बस्तर विकासखण्ड अन्तर्गत विभिन्न मार्गों 12 मार्ग पर नवीनीकरण एवं पेच रिपेयर कार्य का भूमिपूजन करेंगे। 5 करोड़ 1 लाख रूपए की लागत लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड अन्तर्गत विभिन्न मार्गों 18 मार्ग पर नवीनीकरण एवं पेच रिपेयर कार्य, 1 करोड़ 85 लाख रूपए की लागत से लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड अन्तर्गत विभिन्न मार्गों 7 मार्ग पर नवीनीकरण एवं पेंच रिपेयर कार्य, 13 लाख 60 हजार रूपए की लागत से जगदलपुर विकासखण्ड अन्तर्गत दलपत सागर के उत्तरी छोर में दुकान निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया।