मोदी सरकार का फैसला: फर्टिलाइज़र पर सब्सिडी और 100 सैनिक स्कूलों को मोदी कैबिनेट की मंज़ूरी.... इन योजनाओं को भी हरी झंडी.... पढ़िए कैबिनेट बैठक के बड़े फैसले.....




नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) के परिणामों पर जोर, सभी शहरों में ठोस कचरे का वैज्ञानिक प्रसंस्करण शुरू करने और जनगणना 2011 में 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों (ऐसे शहर जिन्हें अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) में शामिल नहीं किया गया था) में अपशिष्ट जल के प्रबंधन पर जोर के साथ, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है। 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए, 36,465 करोड़ रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ एसबीएम-यू 2.0 के लिए कुल 1,41,600 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय तय किया गया है, जो मिशन के पिछले चरण के 62,009 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय से 2.5 गुना ज्यादा है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवीकरण और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन - अमृत 2.0 को 2025-26 तक के लिए मंजूरी दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज 2025-26 तक नवीकरण और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत 2.0) को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम के रूप में और पानी की सर्कुलर इकोनॉमी के जरिए शहरों को 'जल सुरक्षित' एवं ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के उद्देश्य से मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल का मानना है कि शहरी परिवारों को विश्वसनीय और सस्ती जलापूर्ति तथा स्वच्छता सेवाएं प्रदान करना एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है। यह सभी घरों को चालू नल कनेक्शन प्रदान करके, जल स्रोत संरक्षण/वृद्धि, जल निकायों और कुंओं का कायाकल्प, शोधित किए गए पानी का पुनर्चक्रण/पुन: उपयोग और वर्षा जल संचयन द्वारा प्राप्त किया जाएगा। इस परियोजना से शहरी परिवारों को पाइप से जलापूर्ति और सीवरेज/सेप्टेज की सुविधा उपलब्ध कराकर उनके जीवन में सुगमता लायी जाएगी।
नवीकरण और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन, देश का पहला केंद्रित राष्ट्रीय जल मिशन है जिसे जून 2015 में 500 शहरों में नागरिकों को नल कनेक्शन और सीवर कनेक्शन प्रदान करके जीवन में सुगमता लाने के लिए शुरू किया गया था। अब तक 1.1 करोड़ घरेलू नल कनेक्शन और 85 लाख सीवर/सेप्टेज कनेक्शन दिए जा चुके हैं। 6,000 एमएलडी सीवेज शोधन क्षमता विकसित की जा रही है, जिसमें से 1,210 एमएलडी क्षमता पहले से ही बनाई जा चुकी है, जिसमें 907 एमएलडी शोधित सीवेज के पुन: उपयोग का प्रावधान है। 3,600 एकड़ क्षेत्रफल वाले 1,820 उद्यान विकसित किए गए हैं, जबकि अन्य 1,800 एकड़ क्षेत्र में हरियाली है। अब तक 1,700 बाढ़ बिंदुओं को समाप्त कर दिया गया है। अमृत के तहत किए गए उल्लेखनीय प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, अमृत 2.0, सभी 4,378 सांविधिक शहरों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करके पानी की आपूर्ति के सार्वभौमिक कवरेज का लक्ष्य रखता है। 500 अमृत शहरों में घरेलू सीवरेज/सेप्टेज प्रबंधन का 100 प्रतिशत कवरेज इसका एक और उद्देश्य है। मिशन का लक्ष्य 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 2.64 करोड़ सीवर/सेप्टेज कनेक्शन प्रदान करना है ताकि अपेक्षित परिणाम मिलें। अमृत 2.0 के लिए कुल सांकेतिक परिव्यय 2,77,000 करोड़ रुपये है जिसमें वित्त वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों के लिए 76,760 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा शामिल है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा सैनिक स्कूल सोसाइटी के साथ सरकारी और निजी क्षेत्र के 100 विद्यालयों की सम्बद्धता को अनुमोदन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप आगे बढ़ते हुए भारत सरकार ने राष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और विरासत पर गर्व करने तथा चरित्र के साथ प्रभावी नेतृत्व, अनुशासन, राष्ट्रीय कर्तव्य और देशभक्ति की भावना को विकसित करने के लिए बच्चों को सक्षम बनाने वाली मूल्य आधारित शिक्षा पर और बल देने का निर्णय लिया है । सैनिक स्कूलों के मौजूदा पैटर्न में प्रतिमान विस्थापन करते हुए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 12 अक्तूबर 2021 को आयोजित हुई बैठक में सैनिक स्कूल सोसाइटी, रक्षा मंत्रालय के साथ सम्बद्ध होने वाले विद्यालयों को लांच करने संबंधी प्रस्ताव को अनुमोदित किया है । ये विद्यालय विशिष्ट स्तंभ के रूप में कार्य करेंगे जो रक्षा मंत्रालय के मौजूदा सैनिक स्कूलों से विशिष्ट और भिन्न होंगे । प्रथम चरण में 100 सम्बद्ध होने वाले भागीदारों को राज्यों/एनजीओ/निजी भागीदारों से लिया जाना प्रस्तावित है ।
सैनिक स्कूलों ने आकांक्षी माता-पिता और बच्चों की पहुंच के भीतर न केवल मूल्य आधारित उत्तम गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की है अपितु सैन्य नेतृत्व, प्रशासनिक सेवाओं, न्यायिक सेवाओं तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं उद्यमिता जैसे जीवन के अन्य क्षेत्रों में साधारण पृष्ठभूमि से उच्चतम सोपानकों पर पहुंचते हुए विद्यार्थियों का गौरवशाली इतिहास भी प्रस्तुत किया है । इन कारकों की वजह से और अधिक संख्या में नए सैनिक स्कूल खोलने की मांग हमेशा बढ़ती रही है ।
देशभर में फैले 33 सैनिक स्कूलों के प्रशासनिक अनुभव का लाभ उठाने के लिए 100 नए संबद्ध सैनिक स्कूलों की स्थापना का निर्णय लिया गया है जिसमें सैनिक स्कूल सोसाइटी से संबद्ध होने के लिए आवेदन हेतु सरकारी/निजी स्कूलों/एनजीओ से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। इच्छुक पक्ष https://sainikschool.ncog.gov.in की यूआरएल पर अपने प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं जहां योजना की महत्वपूर्ण विशेषताएं और अर्हक पात्रता, हितधारकों अर्थात रक्षा मंत्रालय और स्कूल प्रबंधन के उत्तरादायित्व सूचीबद्ध हैं।
फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पीएंडके) उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को कैबिनेट ने मंजूरी दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2021-22 (1 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक) के लिए पीएंडके उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों के निर्धारण के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) के लिए अनुमोदित दरें निम्नानुसार होंगी:
प्रति किलोग्राम सब्सिडी दर (रुपये में) |
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एन (नाइट्रोजन)
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पी (फास्फोरस)
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के (पोटाश)
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एस (सल्फर)
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18.789 |
45.323 |
10.116 |
2.374 |
(i) रोलओवर की कुल राशि 28,602 करोड़ रुपये होगी।
(ii) 5,716 करोड़ रुपये की संभावित अतिरिक्त लागत पर डीएपी पर अतिरिक्त सब्सिडी के लिए विशेष एकमुश्त पैकेज।
(iii) 837 करोड़ रुपये की अस्थायी लागत पर तीन सबसे अधिक खपत वाले एनपीके ग्रेड अर्थात एनपीके 10-26-26, एनपीके 20-20-0-13 और एनपीके 12-32-16 पर अतिरिक्त सब्सिडी के लिए विशेष एकमुश्त पैकेज। कुल आवश्यक सब्सिडी 35,115 करोड़ रुपये होगी।
सीसीईए ने एनबीएस योजना के तहत गुड़ (0:0:14.5:0) से प्राप्त पोटाश को शामिल करने को भी मंजूरी दी।