BIG वैक्सीन NEWS: PM मोदी के ऐलान के बाद देश के प्राइवेट अस्पतालों में मिलने वाली वैक्सीन की कीमतें तय… प्राइवेट अस्पताल नहीं कर सकेंगे 'ओवरचार्ज'.... जानें Covaxin, Covishield और स्पुतनिक-V के लिए कितने पैसे देने होंगे?......

BIG वैक्सीन NEWS: PM मोदी के ऐलान के बाद देश के प्राइवेट अस्पतालों में मिलने वाली वैक्सीन की कीमतें तय… प्राइवेट अस्पताल नहीं कर सकेंगे 'ओवरचार्ज'.... जानें Covaxin, Covishield और स्पुतनिक-V के लिए कितने पैसे देने होंगे?......


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए कोरोना वैक्सीन की कीमत तय कर दी है। इसके तहत प्राइवेट हॉस्पिटल कोविशील्ड के लिए 780 रुपये से ज्यादा नहीं ले सकेंगे। कोवैक्सिन की कीमत 1,410 रुपये तय की गई है। Sputnik V के लिए 1,145 रुपये की कीमत फिक्स की गई है। को-विन पोर्टल पर कोरोना वैक्सीन का रेट अपडेट किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को इस संबंध में जानकारी दी है। राज्यों से कहा गया है कि वह अपने-अपने यहां इस फैसले को अमल कराएं।

 

केंद्र सरकार ने मंगलवार को कोविड-19 रोधी टीकों - कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 44 करोड़ खुराक के लिए आर्डर दिए हैं।अगर आप किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में कोविशील्ड लते हैं तो आपको 780 रुपए देने होंगे। इसके अलावा कोवैक्सीन के लिए 1410 और रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी के लिए 1145 रुपए खर्च करने होंगे। आपको बता दें कि इसमें  प्रतिशत जीएसटी के साथ-साथ 150 रुपए का सर्विस चार्ज भी शामिल है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पूरे देश में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों के वैक्सीनेशन के लिए केंद्र सरकार 21 जून से राज्यों को फ्री टीके देगी। आने वाले दिनों में देश में टीकों की आपूर्ति बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने बताया था कि केंद्र ने टीका निर्माताओं से राज्य के 25 फीसदी कोटे समेत 75 फीसदी डोज खरीदने और इसे राज्य सरकारों को मुफ्त देने का फैसला किया है।

 

इसी के साथ प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि देश में बन रहे टीके में से 25 फीसदी निजी क्षेत्र के अस्पताल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी। निजी अस्पताल वैक्सीन की निर्धारित कीमत के ऊपर एक डोज पर अधिकतम 150 रुपये ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे। इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा।

 

केंद्र की तरफ से राज्यों को वैक्सीन के जितने डोज मिलेंगे, उनमें राज्यों को प्राथमिकता तय करनी होगी। इस प्रायोरिटी में हेल्थकेयर वर्कर्स सबसे ऊपर रहेंगे। इसके बाद 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग और फिर उन लोगों को प्राथमिकता देनी होगी, जिनका दूसरा डोज बाकी है। इसके बाद 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का नंबर आएगा। इनके वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकार अपने हिसाब से प्रायोरिटी तय कर सकेगी।