Strawberry Farming: स्ट्रॉबेरी की खेती से बदल जाएगी किसानों की किस्मत, बरसेगा पैसा ही पैसा! जानें डिटेल्स...

Strawberry Farming: The fate of the farmers will change with the cultivation of strawberries, money will rain! Learn details... Strawberry Farming: स्ट्रॉबेरी की खेती से बदल जाएगी किसानों की किस्मत, बरसेगा पैसा ही पैसा! जानें डिटेल्स...

Strawberry Farming: स्ट्रॉबेरी की खेती से बदल जाएगी किसानों की किस्मत, बरसेगा पैसा ही पैसा! जानें डिटेल्स...
Strawberry Farming: स्ट्रॉबेरी की खेती से बदल जाएगी किसानों की किस्मत, बरसेगा पैसा ही पैसा! जानें डिटेल्स...

Strawberry Farming :

 

स्ट्रॉस्ट्रॉबेरी (Strawberry) अपनी एक अलग ही रंग और विशेष स्वाद के लिए पहचानी जाती हैं। इसके फल बङे लुभावने, रसीले एवं पौष्टिक होते हैं। स्ट्रॉस्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) ने बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले बृजकिशोर की जिंदगी में खुशहाली भर दी. आज वो सालाना 7.50 लाख रुपए से ज्यादा कमा रहे हैं.

नया भारत डेस्क : भारत जैसे देश में किसान राष्ट्र की आत्मा हैं. भारत के दो तिहाई लोगों की आजीविका का साधन खेती-किसानी ही है. अब बहुत सारे किसान परंपरागत खेती से इत्तर आधुनिक तकनीक से खेती के नए-नए तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं और फसल की उपज भी बढ़ा रहे हैं. (Strawberry Farming)

बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले बृजकिशोर उन्ही किसानों में से एक हैं जो स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) से आज लाखों में कमाई कर रहे हैं. दूसरे किसानों की तरह बृजकिशोर भी पहले काम आमदनी वाले मौसमी सब्जी की खेती करते थे. लेकिन स्ट्रॉबेरी की खेती ने उनकी जिंदगी में खुशहाली भर दी. आज वो सालाना 7.50 लाख रुपए से ज्यादा कमा रहे हैं. स्ट्रॉबेरी की अच्छी खेती से गांव के अन्य किसान भी प्रभावित हुए और Strawberry की खेती शुरू की. (Strawberry Farming)

कैसे मिला Strawberry Faming का आइडिया?

बृजकिशोर को स्ट्रॉबेरी फार्मिंग का आइडिया उनके बेटे ने दिया. आर्थिक तंगी की वजह से उनका बेटा रोजगार के उद्देश्य से हरियाणा का हिस्सा गया. यह वह एक प्रगतिशील किसान के यहां Strawberry की खेती में काम किया. अपने बेटे के कहने पर बृजकिशोर हिसार स्ट्रॉबेरी की खेती देखने गया और एक महीने रूककर खेती में लागत और आय की जानकारी लिया. वहां का जलवायु और यहां का जलवायु लगभग समान लगा. इसके बाद वो स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए मानसिक रूप से तैयार हो गए. (Strawberry Farming)

ऐसे शुरू हुई Strawberry की खेती :

बृजकिशोर के मुताबिक, स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू करने के लिए हिसार से इसके 7 पौधे लाए. इसके बाद लगातार पौधों से पौधा बनाता गया. साल 2014 में 1500 पौधा तैयार कर उसे करीब 2 कट्ठे खेत में लगाकर खेती किया. खेती की शुरुआत करने से पहले बिहार कृषि विभाग उद्यान निदेशालय की ओर से सब्सिडी रेट पर ड्रिप सिंचाई तकनीक और प्लास्टिक मल्च लिया, जो खेती का अहम हिस्सा है. (Strawberry Farming)

साल 2015 में खेती को बढ़ाकर करीब 1 एकड़ में किया जिसमें लगभग 25000 पौधा लगाया गया, जिसकी खेती सफल हुई और आय भी अच्छी रही. इसके बाद उनका परिवार सुखी-सम्पन्न जीवन यापन कर रहा है. Strawberry के पौधे पुणे से मंगाते हैं. एक हेक्टेयर में कुल 60,000 पौधे लगाए जाते हैं. (Strawberry Farming)

एक साल में कमा लिए 7.5 लाख रुपए :

बृजकिशोर स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) अपनाने से पहले 2 हेक्टेयर में भिंडी और अन्य सब्जी की खेती से सालाना आय 78,500 रुपए थी. स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू करने के बाद 2 हेक्टेयर में समय पर स्ट्रॉबेरी की खेती के बाद अन्य सब्जी की खेती से सालाना 7.5 लाख रुपए कमाई हो रही है. (Strawberry Farming)

Strawberry की बिक्री :

उनके मुताबिक, स्ट्रॉबेरी की बिक्री की कोई समस्या नहीं है. कोलकाता, बोकारो, रांची, पटना और छत्तीसगढ़ के रायपुर के व्यापारी अपने प्रतिनिधि को उत्पादन के समय गांव भेज देते हैं और वे इन शहरों में जाने वाली बसों के जरिए रोजाना Strawberry भेज देते हैं. बिहार कृषि विभाग ने बृजकिशोर प्रसाद मेहता की सफलता की कहानी बताई. (Strawberry Farming)

प्रति हेक्टेयर 50 हजार का अनुदान :

राज्य सरकार द्वारा घोषित योजना के तहत स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को प्रत्येक हेक्टेयर 50 हजार रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा की गई है। इसके अतिरिक्त ड्रिप उपकरणों की खरीद पर 90 फीसदी और मलचिंग उपकरण की खरीद पर 50 फीसदी सब्सिडी की भी व्यवस्था की गई है। (Strawberry Farming)

बिहार में स्ट्रॉबेरी-खेती के लिए मिल रही अनुदान :

बिहार में स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने अनुदान योजना शुरु की है। इसके तहत स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए सरकार के तरफ से किसानों को उपकरणों की खरीद पर 90 फीसदी तक अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए किसानों को कृषि विभाग के कार्यालय में आवेदन करना होगा। (Strawberry Farming)