CG:सरकारी डाक्टर निजी चिकित्सालय में दे रहे थे सेवा, बेमेतरा सीएमओ ने थमाया नोटिस... तीन दिन में मांगा जवाब..बेमेतरा जिला हास्पिटल में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. अरविंद साहु को मिला नोटिस..बहुत से डा.अपने निजी चिकित्सालय में देते है ध्यान




संजु जैन:7000885784
बेमेतरा:निजी चिकित्सालय में सेवा दे रहे सरकारी डाक्टर को सीएमओ ने नोटिस जारी किया है। साथ ही तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। शासन की महत्वकांक्षी योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत जिला चिकित्सालय बेमेतरा में हड्डी रोग विशेषज्ञ रूप में अरविंद साहू की नियुक्ति अप्रैल 2020 से की गई है। लगभग ढाई साल के कार्यकाल में कई बार जिला चिकित्सालय प्रभारी बेमेतरा तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बेमेतरा के द्वारा कार्य में अनियमितता, सेवा में अनुपस्थिति सहित अन्य मसलों को लेकर कई बार नोटिस थमाया जा चुका है किंतु सार्थक कार्यवाही के अभाव में जांच और कार्यवाही महज नोटिस तक ही सीमित रह जाती है। हालांकि अभी 7 जुलाई को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बेमेतरा के द्वारा हड्डी रोग विशेषज्ञ अरविंद साहू को इस बाबत नोटिस थमाया गया है कि उनके द्वारा न केवल नियुक्ति आदेश के नियमों का उल्लंघन किया किया जा रहा है, बल्कि नियुक्ति आदेश की कंडिका क्रमांक 5 के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डिफरेंशियल सैलेरी पैकेज के तहत नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और शासन से 68000 प्रति माह वेतन के रूप में लिया जा रहा है जबकि संविदा नियुक्ति में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि संविदा नियुक्ति में नियुक्त चिकित्सक निजी नर्सिंग होम में अपनी सेवा नहीं दे सकते।
बहरहाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा दिए गए उक्त नोटिस का जवाब 3 दिनों के भीतर मांगा गया है तथा संतोषजनक जवाब नहीं देने की स्थिति में संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पत्र लिखकर हालात से अवगत कराने की बात कही गई है। बताया जाता है कि उक्त चिकित्सक के द्वारा जिला चिकित्सालय बेमेतरा में उपस्थिति महज औपचारिकता ही रहती है। ड्यूटी के दौरान वे अपने निजी नर्सिंग होम में सेवा भी देते हैं और मजे की बात तो यह है कभी-कभार जब ड्यूटी के लिए पहुंचते हैं तो मरीजों को अपने नर्सिंग होम में उपचार की सलाह भी देते हैं। पहले भी इस संबंध में कई बार जिला चिकित्सालय प्रभारी बेमेतरा के द्वारा नोटिस जारी कर जिला चिकित्सालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं किंतु इसे विडंबना ही कही जा सकती है कि अब तक उक्त चिकित्सक के ऊपर कार्यवाही के नाम पर महज नोटिस तक ही बात सीमित हो जाती है। सार्थक कार्यवाही के अभाव में चिकित्सक के हौसले न केवल बुलंद हो गए हैं बल्कि किसी तरह की कार्यवाही का भी कोई परवाह चिकित्सक को नहीं रह गया है।
हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति महज कागजों तक
विदित हो कि जिला चिकित्सालय में एकमात्र हड्डी रोग विशेषज्ञ रूप में उक्त चिकित्सक की नियुक्ति की गई है किंतु विकलांग प्रमाण पत्र सहित अन्य उपचार के लिए मरीज आज भी जिला चिकित्सालय में भटकते हुए देखे जाते हैं और लोग शिकायती लहजे में यह भी कहते हैं जिला चिकित्सालय बेमेतरा में हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति महज कागजों तक सीमित रह गई है। इससे पहले यह बताना लाजिमी होगा कि और भी कई ऐसे चिकित्सक जिले में पदस्थ रहे जो कि शासन से वेतन तो लेते हैं किंतु सेवा अपनी निजी नर्सिंग होम में दे रहे हैं। प्रशासनिक दक्षता के चलते समुचित कार्यवाही नहीं हो पाने के चलते यह रवैया दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहा है।