CG BEMETARA:सहसपुर पोल्ट्री फार्म में प्रवासी श्रम नियमों का खुला उल्लंघन...श्रम विभाग की टीम ने दी दबिश, प्रबंधन दस्तावेज दिखाने में नाकाम...संस्थान की ओर से सम्बंधित थाना में भी बाहरी मजदूरों की जानकारी नही दी जा रही... स्थानीय मजदूरों को रोजगार देने के दावे की खुली पोल, 60 प्रतिशत से अधिक बाहरी मजदूर कार्यरत है... .पुलिस अधीक्षक ने श्रम विभाग से रिपोर्ट तलब की

CG BEMETARA:सहसपुर पोल्ट्री फार्म में प्रवासी श्रम नियमों का खुला उल्लंघन...श्रम विभाग की टीम ने दी दबिश, प्रबंधन दस्तावेज दिखाने में नाकाम...संस्थान की ओर से सम्बंधित थाना में भी बाहरी मजदूरों की जानकारी नही दी जा रही... स्थानीय मजदूरों को रोजगार देने के दावे की खुली पोल, 60 प्रतिशत से अधिक बाहरी मजदूर कार्यरत है... .पुलिस अधीक्षक ने श्रम विभाग से रिपोर्ट तलब की

पोल्ट्री फार्म में कार्यरत 431 मजदूर में से 259 मजदूर दीगर प्रदेश के ..पोल्ट्री फार्म प्रबंधन की ओर से श्रम विभाग को मजदूरों की समस्त जानकारी देने के दावे निकले झूठे

संजू जैन:7000885784
बेमेतरा:साजा विधानसभा के ग्राम सहसपुर में संचालित पोल्ट्री फार्म में अंतर राज्यीय प्रवासी श्रमिक अधिनियम के उल्लंघन की शिकायत पर श्रम विभाग की टीम ने दबिश दी । जहां विभाग को नियमो के उल्लंघन के साथ बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली । इसके अलावा रोजगार में स्थानीय को दरकिनार कर दीगर प्रदेश के मजदूरों को प्राथमिकता दिए जाने की पुष्टि भी श्रम विभाग की जांच में हुई । उल्लेखनीय है कि इस सम्बंध में हरिभूमि में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने पश्चात जिला श्रम अधिकारी एनके साहू ने जांच के आदेश दिए । जांच के लिए दो सदस्यीय टीम का गठन किया गया । जिसमें श्रम निरीक्षक सोरी और रमन सिंह मंडावी को जांच के लिए सहसपुर पोल्ट्री फार्म भेजा गया ।

उड़ीसा,पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश समेत अन्य प्रदेश के 259 मजदूर कार्यरत  जहां विभागीय टीम ने अंतर्राज्यीय श्रम नियमो समेत अन्य प्रावधानो के तहत संस्थान में पड़ताल की, जहां जांच टीम को बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली । श्रम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सहसपुर पोल्ट्री फार्म में कुल 431 मजदूर कार्यरत हैं, जिसमे 259 मजदूर दीगर प्रदेश के है । शेष 172 मजदूर स्थानीय है । यानि 60 प्रतिशत से अधिक बाहरी मजदूर है । आकड़ो से स्पष्ट है कि संस्थान मे रोजगार में दीगर प्रदेश के मजदूरों को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है । संस्थान में उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश समेत अन्य प्रदेश के मजदूर कार्यरत हैं । 

सम्बंधित पंचायत को नही दी जा रही जानकारी
प्रबंधन की ओर से बाहरी मजदूरों की समस्त जानकारी सम्बंधित पंचायत, थाना और श्रम विभाग में दिए जाने के दावे किए जा रहे थे, लेकिन प्रबंधन के दावे की उस समय पोल खुल गई, जब सम्बंधित अधिकारियों ने जानकारी होने से इंकार कर दिया । सरपंच दुर्गा हंसा ने बताया कि प्रबंधन की ओर से पंचायत को आवश्यक जानकारी देने से परहेज किया जाता है । जानकारी मांगने पर साफ इंकार कर दिया जाता है । 

प्रबंधन बाहरी मजदूरों के सम्बंध में आवश्यक जानकारी देने में नाकाम रहा

जांच अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार प्रबंधन की ओर से प्रवासी मजदूरों की विधिवत जानकारी विभाग को नही दी जा रही थी । गौरतलब हो कि जिन संस्थानों पर अंतर राज्यीय प्रवासी श्रमिक अधिनियम लागू होता हैं, उन्हें अधिनियम की नियम और शर्तों का पालन करते हुए मजदूरों से संबंधित सारी जानकारी श्रम विभाग को देनी होती है । जिसमें मजदूरों का पंजीयन, उनकी वास्तविक संख्या, यात्रा भत्ता मजदूरी भुगतान आदि शामिल है ।  सहसपुर पोल्ट्री फार्म प्रबंधन बाहरी मजदूरों के सम्बंध में आवश्यक जानकारी देने में नाकाम रहा । नियमो के तहत  आवश्यक जानकारी के लिए पंजी का संधारण करना जरूरी है, लेकिन संस्थान में नियमो का खुला उल्लंघन जारी है । 

प्रवासी कर्मकार श्रम नियमो के तहत न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा प्रकरण
जिला श्रम अधिकारी ने बताया कि जांच प्रतिवेदन के अनुसार कार्रवाई की जा रही है । जिसमे अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979 के तहत प्रकरण तैयार कर, आगे की कार्रवाई के लिए न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा । इसके अलावा पाई गई गड़बड़ियों के लिए मिनिमम वेजेस एक्ट, बोनस एक्ट, ग्रेच्युटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी । संस्थान से सप्ताह भर के भीतर आवश्यक दस्तावेज मांगे गए हैं । सहसपुर पोल्ट्री फार्म की ओर से अब तक बाहरी मजदूरों की वास्तविक संख्या नही बताई गई थी । जानबूझकर बाहरी मजदूरों की संख्या नही बताई जा रही थी, ताकि बाहरी मजदूरों को प्राथमिकता दिए जाने का विरोध ना हो सके । 

सम्बंधित प्रदेश सरकारों को प्रवासी मजदूरों की नही दी गई जानकारी

अधिनियम के तहत प्रवासी श्रमिकों के बारे में वह सभी जानकारियां जो निश्चित की गई हों, दोनों राज्य की सरकारों को, अर्थात् जिस राज्य से वे आए हैं और जिस राज्य में का कर रहे हैं, काम पर लगाए जाने के पंद्रह दिनों के अंदर देना अनिवार्य है ।  संस्थान सभी प्रवासी श्रमिकों को एक पासबुक, जारी करेगा, जिसमें उस श्रमिक की एक फोटो लगी होगी तथा हिंदी और अंग्रेजी या उस भाषा में जो मजदूर जानता हो, मे कार्य का नाम और जगह का नाम जहां काम हो रहा हो, नियोजन की अवधि, दी जाने वाली मजदूरी की दर एवं मजदूरी देने का तरीका, विस्थापन भत्ता, वापसी का किराया जो कि मजदूरी को दिया जाता है तथा कटौती आदि के बारे में जानकारी।

प्रवासी मजदूरों को कार्यस्थल पर नही मिल रही जरूरी सुविधाएं
प्रवासी कर्मकार अधिनियम के तहत संस्थान द्वारा मजदूर को मजदूरी का नियमित भुगतान, पुरूष और महिला को समान वेतन, कार्य स्थल पर अच्छी सुविधाएं, कार्य के दौरान मजदूरों के रहने की व्यवस्था करना, मुफ्त चिकित्सीय सुविधाएं, सुरक्षात्मक कपड़ों को उपलब्ध कराना, किसी प्रकार की कोई दुर्घटना होने पर उसके सगे-संबंधियों एवं दोनों राज्यें के संबंधित अधिकारियों को सूचना देगी जैसी सुविधाएं शामिल हैं 
======
पुलिस अधीक्षक ने श्रम विभाग से रिपोर्ट तलब की

पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए, श्रम विभाग से बाहरी मजदूरों के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की है। क्योंकि संस्थान की ओर से सम्बंधित थाना में भी बाहरी मजदूरों की जानकारी नही दी जा रही है। जिसमे मजदूरों की पहचान सम्बंधित दस्तावेज समेत कार्यावधि की जानकारी देनी होती है  इसलिए पुलिस अधीक्षक ने ने श्रम विभाग से रिपोर्ट मांगने के साथ साजा थाना प्रभारी को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं ।