CG- विधानसभा स्थगित: आरक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष का सदन में हंगामा... नारेबाजी भी... कल तक के लिए कार्यवाही स्थगित.....

Vidhansabha News, Second day of winter session of Chhattisgarh Legislative Assembly, Uproar over issue of reservation रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन रहा. स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने कार्यवाही बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी. आरक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने सदन में जोरदार हंगामा किया. हंगामे और नारेबाजी के कारण दूसरे दिन भी कार्यवाही बाधित हुई. जिसके बाद स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने पहले दस मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी. इसके बाद जब कार्यवाही फिर शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा.

CG- विधानसभा स्थगित: आरक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष का सदन में हंगामा... नारेबाजी भी... कल तक के लिए कार्यवाही स्थगित.....
CG- विधानसभा स्थगित: आरक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष का सदन में हंगामा... नारेबाजी भी... कल तक के लिए कार्यवाही स्थगित.....

Vidhansabha News, Second day of winter session of Chhattisgarh Legislative Assembly, Uproar over issue of reservation

 

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन रहा. स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने कार्यवाही बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी. आरक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने सदन में जोरदार हंगामा किया. हंगामे और नारेबाजी के कारण दूसरे दिन भी कार्यवाही बाधित हुई. जिसके बाद स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने पहले दस मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी. इसके बाद जब कार्यवाही फिर शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा.

 

स्पीकर ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाने की अपील की, लेकिन जब दोनों पक्ष शांत नहीं हुए तो उन्होंने कार्यवाही बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी. प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद सत्ता पक्ष के विधायकों ने आरक्षण के मुद्दे पर हंगामा और नारेबाजी शुरू की. आसंदी से उन्हें शांत रहने के निर्देश दिए गए. लेकिन विधायक शांत नहीं हुए. इसके बाद कार्यवाही रोकनी पड़ी. शून्यकाल के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा शुरू किया. 

 

उनका कहना था विधानसभा से विधेयक पारित हुए एक महीने हो चुके हैं, फिर भी दस्तखत नहीं होने के कारण अब तक आरक्षण की व्यवस्था लागू नहीं हो सकी है. भाजपा ने इस पूरे मामले में राज्य सरकार पर आरोप लगाया है. भाजपा विधायकों ने कहा कि राज्य सरकार ने बिना तैयारी के आरक्षण लागू किया. राज्यपाल के मांगने पर क्वांटिफाएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट नहीं दे रहे. यहां तक कि सदन में भी रिपोर्ट नहीं रखी जा रही है. राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं.