Prostate Cancer 1st stage symptoms: पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के नजर आने वाले इन 5 शुरुआती संकेतों को ना करें इग्नोर...क्योकि ये है एक ये जानलेवा बीमारी....
Prostate Cancer 1st stage symptoms : Do not ignore these 5 early signs of prostate cancer seen in men...because it is a deadly disease.... Prostate Cancer 1st stage symptoms: पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के नजर आने वाले इन 5 शुरुआती संकेतों को ना करें इग्नोर...क्योकि ये है एक ये जानलेवा बीमारी....




Prostate Cancer 1st stage symptoms :
नया भारत डेस्क : प्रोस्टेट कैंसर खासतौर पर पुरुषों में पाया जाने वाला कैंसर है। प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों के मूत्रमार्ग के आधार पर पाई जाने वाली ग्रंथि होती है। अमेरिका और यूरोप में पुरुषों में पाया जाने वाला सबसे आम कैंसर है। भारत में कैंसर की विभिन्न रजिस्ट्रीज़ के मुताबिक प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में पाया जाने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर बनता जा रहा है। पूरी दुनिया में हर साल औसतन पचास हजार पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर पाया जाता है। पुरुषों में यह कैंसर फैला होने के बाद भी इसके बारे में जागरूकता की काफी कमी है। (Prostate Cancer 1st stage symptoms)
प्रोस्टेट पुरुषों की प्रजनन प्रणाली में अखरोट के आकार का एक अंग होता है। यह मूत्राशय के आधार में मूत्रमार्ग के चारों ओर स्थित होता है। वीर्य वाहिनियों के साथ यह एक तरल पदार्थ छोड़कर शुक्राणुओं को पोषण करती है। प्रोस्टेट में घातक ट्यूमर बनने के साथ ही प्रोस्टेट ग्रंथि आकार में बढ़ने लगती है, और मूत्रमार्ग में रुकावट उत्पन्न करती है। हालांकि यह बात भी ध्यान देने वाली है कि प्रोस्टेट का बढ़ना हर बार घातक हो। कभी-कभी सामान्य वृद्धि बिनाईन प्रोस्टेटिक हाईपरप्लेसिया के कारण भी प्रोस्टेट बढ़ सकती है, जो घातक नहीं होती। (Prostate Cancer 1st stage symptoms)
प्रोस्टेट कैंसर का ज्यादा खतरा किसे है?
अनुवांशिक रूप से अफ्रीकी मूल के लोगों को प्रोस्टेट कैंसर होने की ज्यादा संभावना होती है। वृद्ध पुरुष, प्रोस्टेट या अन्य कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाले लोग, यौन संक्रमण की बीमारियों (एसटीआई) का इतिहास रखने वाले लोगों को प्रोस्टेट कैंसर की संभावना ज्यादा होती है। अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, धूम्रपान, तम्बाकू का सेवन, और मोटापे से प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम बढ़ता है। (Prostate Cancer 1st stage symptoms)
प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण
शुरुआत में प्रोस्टेट कैंसर का कोई लक्षण प्रकट नहीं होता। जब प्रोस्टेट का आकार बढ़ता है, तो शुरुआती लक्षण जैसे बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते वक्त जलन महसूस होना, पेशाब रुक-रुक कर होना, पेशाब की गति धीमी होना आदि लक्षण प्रकट होने लगते हैं। प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, और सालों तक इसका कोई प्रोस्टेट कैंसर की जांच है जरूरी लक्षण सामने नहीं आता है। (Prostate Cancer 1st stage symptoms)
प्रोस्टेट कैंसर की जांच है जरूरी
इसके लक्षण तब तक प्रकट नहीं होते, जब तक बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्रमार्ग को प्रभावित न करने लगे। इसलिए नियमित रूप से जांच व परीक्षण कराए जाने पर बल दिया जाता है। प्रोस्टेट मलाशय के काफी नज़दीक होता है, इसलिए इसे डिजिटल रेक्टल परीक्षण द्वारा देखा जा सकता है। परीक्षण का दूसरा तरीका खून की जाँच, प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट (पीएसए) है। पीएसए लेवल के लिए सामान्य कट-ऑफ 4 है, लेकिन प्रोस्टेट की उम्र व आकार के अनुरूप यह कम-ज्यादा हो सकता है। यदि दूसरा पीएसए लेवल ज्यादा हो, तो प्रोस्टेट ग्रंथि का आगे का परीक्षण अल्ट्रासाउंड एवं एमआरआई द्वारा किया जाता है। जरूरत पड़ने पर बायोप्सी करके प्रोस्टेट की पुष्टि की जाती है। (Prostate Cancer 1st stage symptoms)
नियमित रूप से जांच कराएं बुजुर्ग
50 साल से ज्यादा उम्र के पुरुष, और जिन पुरुषों को मूत्र की कोई समस्या है और जिन्हें अनुवांशिक कारणों से प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना हो, उन्हें नियमित रूप से जांच व परीक्षण कराते रहना चाहिए। पीएसए लेवल के लिए सामान्य कट-ऑफ 4 है, लेकिन प्रोस्टेट की उम्र व आकार के अनुरूप यह कम-ज्यादा हो सकता है। यदि दूसरा पीएसए लेवल भी ज्यादा हो, तो प्रोस्टेट ग्रंथि का आगे का परीक्षण किया जाता है। ज्यादा पीएसए लेवल संक्रमण, प्रोस्टेट ग्रंथि में सामान्य या घातक वृद्धि का संकेत है। इसके अलावा, अल्ट्रासाउंड स्कैन, एमआरआई, या प्रोस्टेट बायोप्सी द्वारा जांच की जाती है। (Prostate Cancer 1st stage symptoms)
प्रोस्टेट कैंसर की रोकथाम के उपाय
मेडिकल जांच के साथ सेहतमंद जीवनशैली व आदतें भी जरूरी हैं। इसके रोकथाम के सामान्य उपाय जीवनशैली के सेहतमंद विकल्प चुनना, सही आहार, शारीरिक व्यायाम करना और प्रोसेस्ड फूड, तम्बाकू का सेवन एवं धूम्रपान का त्याग हैं। इसके अलावा सुरक्षित रूप से यौन संसर्ग करना जोखिम को कम करने का अच्छा तरीका है, क्योंकि पूर्व में यौन संक्रमण की बीमारी (एसटीआई) और प्रोस्टेट कैंसर में करीबी संबंध देखा गया है। (Prostate Cancer 1st stage symptoms)
लक्षणों की समय पर पहचान से इलाज संभव
प्रोस्टेटिक बायोप्सी में ग्लीसन स्कोर ने कैंसर की गंभीरता का आकलन होता है। यह स्कोर 2 से 10 के स्केल पर दिया जाता है। 2 से 5 का स्कोर होने पर यह वृद्धि चिंताजनक नहीं होती। 6 से ज्यादा स्कोर चिंताजनक होता है, जो लो-ग्रेड प्रोस्टेट कैंसर को प्रदर्शित करता है। 8 से ज्यादा स्कोर गंभीर कैंसर प्रदर्शित करता है। अच्छी बात यह है कि शुरुआती चरणों में यदि प्रोस्टेट कैंसर की पहचान समय पर कर ली जाए, तो इसका पूरी तरह इलाज संभव है। इसके इलाज के विकल्पों में एक्टिव सर्वियलेंस, फोकल थेरेपी, रोबोटिक रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन, रेडिएशन थेरेपी (कैंसर की कोशिकाओं को जलाने के लिए हाई-पावर एक्स-रे) और हार्मोन एवं इम्युनोथेरेपी (एंटी-कैंसर दवाईयां) शामिल हैं। इसके इलाज का निर्णय कैंसर के ग्रेड और स्टेज तथा मरीज की उम्र व सहरुग्णताओं के आधार पर लिया जाता है। (Prostate Cancer 1st stage symptoms)