पैसे बनाने की चाह में फिर गई राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवा की जान,कोरबा में चल रहा है बड़ा खेल,निजी अस्पताल के दलालो का जमावड़ा रहता है जिला चिकित्सालय में,गीता देवी मेमोरियल अस्पताल की घोर लापरवाही फिर आई सामने,जिला चिकित्सालय के कर्मचारी भी सक के घेरे में,पढ़ें पूरी खबर...देखे वीडियो......
President's adopted son Pahari Korwa lost his life in the quest to make money, a big game is going on in Korba




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विमल सिंह नयाभारत कोरबा 12फरवरी2022 जिला चिकित्सालय में इलाज को लेकर फिर सवाल उठ रहे है, जिला चिकित्सालय मेडिकल कॉलेज हो गया है,बावजूद इसके इतने बड़े अस्पताल में महज हाथ फैक्चर का इलाज भी संभव नही है...? या फिर ऐसा कहा जाये की कमिशन कि लालच में निजी अस्पतालों में मरीजों को दलालों के माध्यम से भेजा जा रहा है इसलिये इलाज नही किया जाता है।
मिली जानकरी के अनुसार राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र सुख सिंह पिता ननका राम आदिवासी पहाडी कोरवा निवासी कोरईपारा सतरेंगा जिला कोरबा है जिनकी पत्नी सोनी बाई कोरवा उम्र लगभग 50 वर्ष के हाथ में हल्का सा फैक्चर था जिनको उनके बच्चों के द्वारा 09/02/2022 को ईलाज कराने के लिये जिला अस्पताल कोरबा लाया गया। परिजन मरीज के उपचार या भर्ती की प्रक्रिया में आगे बढ़ते इससे पहले जिला अस्पताल के परिसर में शुभम नाम का व्यक्ति जिला अस्पताल में ईलाज ना कराते हुये निजी अस्पताल *गीता देवी मेंमोरियल* में ईलाज कराने की बात कहने लगा,उन्हें कहने लगा कि 02 दिनों मे उनका अच्छा उपचार कर छुट्टी कर दिया जायेगा,इतने कहते हुये उन्हें वहाँ से चलने को कहा। फिर कुछ ही पल में 02-03 लोग आ गये जो इन्हें जिला अस्पताल से अपने वाहन में बैठा कर अपने निजी अस्पताल *गीता देवी मेमोरियल हास्पिटल* ले गए , जिन्हें 09/02/2022 को दोपहर लगभग 02:00 बजे भर्ती करा दिये, सुख सिंह ने बताया कि मेरी पत्नी सोनी बाई का केवल हाथ फैक्चर था,और वह पूरी तरह से स्वस्थ थी एडमिट करने के बाद अस्पताल प्रशासन व डॉक्टरो के द्वारा ऑपरेशन के नाम पर,कई तरह के जाँच के नाम पर मेरी पत्नी को 03 दिनों तक भूखा रखा गया।
अस्पताल प्रबंधन द्वारा परिजनों को रक्त व्यवस्था करने को कहा गया, परिजनों के द्वारा रक्त के लिये समाजिक कार्यकर्ता सरफराज से संपर्क किया,जिनके माध्यम से 02 यूनिट रक्त की व्यवस्था रात को ही करा दी गई थी साथ में हड्डी के डॉक्टर भी अस्पताल में मौजूद नहीं थे जिससे ईलाज में देरी हुई एवं अन्य कई लापरवाहियो के कारण सोनी बाई कोरवा की 11 एवं 12/02/2022 की दरमियान रात में हो गई। रात लगभग 1:15 बजे मृत्यु हो जाने की खबर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा हमे दी गई।
परिजनों के द्वारा जिला प्रशासन से गुहार लगाया है कि जिस तरह से जिला अस्पताल में निजी अस्पतालों के दलाल मौजूद है और निजी अस्पतालों के साथगांठ है जिसमे की पी.एम रिपोर्ट भी गलत बनाने की गुंजाइश से है,इसलिये बाहर के डॉक्टर से पोस्टमार्टम कराने की कृपा करे। सुख सिंग ने कहा, मैं अपनी पत्नी की मृत्यु का इंसाफ चाहता हूं, हास्पिटल प्रबंधन के द्वारा हमे कई प्रकार का लालच दिया गया कि हमारी शिकायत मत किजीये लेकिन मैं इंसाफ चाहता हूं तत्काल एफ.आई.आर दर्ज करते हुये स्वपनिल झॉ, डॉ बृजलाल कवची,डॉ संध्या कश्यप एवं पूरे हास्पिटल प्रबधन पर कार्यवाही करे। अगर आपके द्वारा एफ.आई.आर दर्ज नही होती है और तत्काल कार्यवाही नही होता है तो अस्पताल के मेन रोड में परिवार सहित मृत शरीर को लेकर रोड़ में बैठने पर बाध्य होना पडेगा। हम आदिवासी है तथा अच्छी तरह से अपनी बातो को नही बता पाते है।
*निजी अस्पताल के दलालो का जिला चिकित्सालय में जमावड़ा रहता है*
अनेक परिजनों के माध्यम से ये बात सामने आती रहती है की जिला चिकित्सालय में निजी अस्पताल के दलालों का अड्डा रहते है,जिला अस्पताल में आने वाले गरीब और जरूरतमंद तबके के लोगो को ये दलालों के द्वारा बहला फुसला के निजी अस्पतालों में उपचार कराने के लिए भेजा जाता है। इसके एवज में इन दलालों को मोटी रकम मिलती है।
*जिला अस्पताल के कर्मचारी भी सक के घेरे में*
जिस तरह से जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने का काम किया जाता है वो क्या केवल निजी अस्पताल दलालों से संभव है...? कही ना कही जिला चिकित्सालय के कर्मचारियों का काम भी संदिग्ध है हो न हो सभी का दान दक्षिणा बंधा हो गा इसअवलिए बे धड़क जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की जानकरी निजी अस्पतालों तक पहुँचती है।
*गीता देवी मेमोरियल अस्पताल में स्वास्थ विभाग ने लगा चुका है जुर्माना*
लगभग 02 माह पूर्व स्वास्थ विभाग को गीता देवी मेमोरियल अस्पताल की शिकायत मिकी थी जिसमें की अस्पताल द्वारा आयुष्मान कार्ड योजना के तहत गड़बड़ी करने और कार्ड से इलाज के बावजूद मरीजों से नगद पैसे लेने की शिकायत पर स्वास्थ विभाग ने *गीता देवी मेमोरियल अस्पताल* का आयुष्मान कार्ड का लाइसेंस रदद् कर दिया था,साथ ही लगभग 2.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
*बिना लाइसेंस अवैध रूप से संचालित गीता देवी मेमोरियल अस्पताल पर तत्काल दर्ज हो एफआईआर साथ ही तत्काल सील किया जाये- जफ़र अली*
निःशुल्क हेल्प सेंटर समिति के अध्यक्ष जफर अली ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिख कर बताया है कि शाहर के निर्मला स्कूल के पास संचालित निजी चिकित्सालय *गीता देवी मेमोरियल अस्पताल* पूर्ण रूप से अवैध तरीके से संचालित है,अस्पताल के द्वारा नर्सिंग एक्ट के नियमो की खुले आम धज्जियाँ उड़ाई जा रही है,अस्पताल मे सुविधा का अभाव है,अनेक प्रकार की खामियों को गिनाते हुये तत्काल एफआईआर दर्ज कर सील करने के कार्यवाही की जाये।
*अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से दत्तक पुत्र की मृत की ख़बर मिलते ही अनेक लोग समर्थन में*
जैसे ही अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र की ख़बर शहर में फैली अनेक संगठन व राजनेता परिजनों के समर्थन में सामने आये जिसमे मुख्य रूप से नागरिक संघर्ष समिति,निःशुल्क हेल्प सेंटर समिति एवं अन्य सामने आये,साथ ही रामपुर विधायक व वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर भी न्याय की माँग को लेकर धरने पर बैठ गये है।
*कब तक और कहाँ तक मिलेगी नया देखने होगा*
मामले के इतने तूल पकड़ने के बाद देखने वाली बात ये होगी की पीड़ित को नया कहाँ तक व कब तक मिलेगी।