Post Office Privatization : बड़ी खबर! अब पोस्ट ऑफिस का होगा प्राइवेटाइजेशन ? केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ने दिया बड़ा बयान, जाने पूरी जानकारी...

Post Office Privatization: Big news! Now will the post office be privatized? Union Telecom Minister gave a big statement, know the complete information... Post Office Privatization : बड़ी खबर! अब पोस्ट ऑफिस का होगा प्राइवेटाइजेशन ? केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ने दिया बड़ा बयान, जाने पूरी जानकारी...

Post Office Privatization : बड़ी खबर! अब पोस्ट ऑफिस का होगा प्राइवेटाइजेशन ? केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ने दिया बड़ा बयान, जाने पूरी जानकारी...
Post Office Privatization : बड़ी खबर! अब पोस्ट ऑफिस का होगा प्राइवेटाइजेशन ? केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ने दिया बड़ा बयान, जाने पूरी जानकारी...

Post Office Privatization :

 

नया भारत डेस्क : राज्यसभा ने सोमवार को डाकघर विधेयक, 2023 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इसका मकसद भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 को निरस्त करना और देश में डाकघर से जुड़े कानून को समेकित और संशोधित करना है। इस कानून के जरिये कई प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है। साथ ही सुरक्षा संबंधी उपाय भी किए गए हैं। प्रस्तावित बदलाव डाकघरों की उभरती भूमिका को देखते हुए किए गए हैं। उन्‍हें सिटीजन-सेंट्रिक सर्विसेज के सेंटर के तौर पर विकसित किए जाने का प्‍लान है। (Post Office Privatization)

इसे लेकर कई तरह की आशंकाएं भी थीं। इन्‍हें केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दूर किया। सबसे बड़ी आशंका इनके निजीकरण को लेकर थी। उन्‍होंने यह भी साफ कर दिया कि सरकार का प्रयास डाकघरों को सर्विस प्रोवाइडर बनाने के साथ बैंक में तब्दील करना है। अश्विनी वैष्णव ने कहा, यह विधेयक 125 साल पुराने डाकघर कानून में संशोधन करने के लिए लाया गया है। देशभर में डाक, डाकघर और डाकिया ऐसे संस्थान हैं, जिन पर देश और जन-जन का काफी विश्वास है। (Post Office Privatization)

उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा आ गया था जब लगने लगा था कि डाक और डाकघर अप्रांसगिक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि विशेषतौर पर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के शासन काल में इसे खत्म करने की बात होने लगी थी। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पिछले नौ वर्ष में जिस प्रकार से डाकघर संस्थान के पुनरूद्धार के प्रयास किए गए उसकी छाप इस विधेयक में दिखाई पड़ती है। पिछले नौ साल में डाक, डाकघर और डाकिया संस्थान को चिट्ठी बांटने के स्थान पर सेवा प्रदान करने वाले संस्थान के रूप में बदला गया है। (Post Office Privatization)

पांच हजार नए डाकघर खुले

अश्विनी वैष्णव ने कहा, डाकघरों को व्यावहारिक रूप से एक बैंक में तब्दील किया गया है। डाकघरों के विस्तार को देखें तो 2004 से 2014 के बीच 660 डाकघर बंद किए गए। वहीं 2014 से 2023 के बीच में करीब पांच हजार नए डाकघर खोले गए और करीब 5,746 डाकघर खुलने की प्रक्रिया में हैं। (Post Office Privatization)

अश्विनी वैष्णव ने ये जानकारियां दीं

– 1,60,000 डाकघरों को कोर बैंकिंग और डिजिटल बैंकिंग से जोड़ा गया

– 434 पासपोर्ट सेवा केंद्र डाकघर में बने, करीब सवा करोड़ पासपोर्ट आवेदनों पर कार्रवाई की

– 13,500 डाकघर में आधार सेवा केंद्र खोले गए

– 03 करोड़ से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खुले डाकघर में, 41 हजार करोड़

डाकघर विधेयक, 2023 के उद्देश्य

विधेयक के उद्देश्य एवं कारण में कहा गया है कि इसका उद्देश्य भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 को निरस्त करना और भारत में डाकघर से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करना और उससे जुड़े या उसके प्रासंगिक मामलों का प्रावधान करना है। इसमें कहा गया है कि भारतीय डाकघर कानून, 1898 भारत में डाकघर के कामकाज को संचालित करने की दृष्टि से 1898 में अधिनियमित किया गया था। यह कानून मुख्यतया डाकघर के जरिए प्रदान की जाने वाली मेल सेवाओं से संबंधित है। (Post Office Privatization)