आजकल भारत में पक्ष/विपक्ष सभी राजनीतिक दलों के नेता अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं, जो मै कह रहा हूं वही सच है, तो झूठ क्या है?
Nowadays, leaders of all political parties in India




NBL, 22/07/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: Nowadays, leaders of all political parties in India are running away from their responsibilities, what I am saying is the truth, so what is the lie?
जब देश का लोकतंत्र राजनीति के दम पर चल रहा है तो फिर लोकतंत्र की हत्या क्यों की जा रही है, बीजेपी नेता कहते हैं कि कांग्रेस राज में ऐसा हो रहा है, लोकतंत्र खतरे में है और बीजेपी राज में कांग्रेस नेताओं की खैर नहीं है, लोकतंत्र खतरे में है, तो फिर किस पार्टी के नेता के राज्य का लोकतंत्र सुरक्षित है, इसलिए आज भारत की सभी पार्टियों के नेता अपनी-अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं और केवल राजनीति का खेल खेल रहे हैं। और मैं अच्छा हूं, मेरी पार्टी का नेता अच्छा है, लेकिन अगर आप देश के चारों ओर देखें तो देश के किसी भी राजनीतिक दल के नेता अच्छे नही है, बस कोई राजनीतिक दल हिंदू के नाम पर राजनीति कर रहा है तो कोई मुस्लिम के नाम पर राजनीति कर रहा है, लेकिन कोई राजनीतिक दल नेता सच्चा देशभक्त बनकर पूरे भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए कोई भी सख्त कदम नहीं उठा रहा है, कुल मिलाकर देश का लोकतंत्र अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए रो रहा है और देश के लोकतंत्र को बढ़ती महंगाई या रोजगार की चिंता है या अपनी बहन-बेटियों की इज्जत बचाने की चिंता है, मगर देश के विपक्षी दलों के नेताओं को बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी सरकार को हटाने की चिंता है और बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी को कांग्रेस व देश के बहुत से दलों को मिटाने की चिंता है, लेकिन देश के लोकतन्त्र की कोई भी मुद्दा इन राजनीति करने वालों नेताओं के लिए कोई मुद्दा नहीं है।
थोड़े कुछ देश राज्य में विकास करके राजसत्ता में बैठे राजनीतिक दल बहुत कुछ देश के लोकतन्त्र से वसूल कर लेते हैं, क्योकि यह फार्मुला देश के राजनीतिक दल नेता जी लोग ही जानते हैं, हम देश वासी इनके थोड़े से विकास से ही हम देशवासी खुश हो जाते हैं, चाहे बीजेपी पार्टी बोले चाहे विपक्षी दलों के गठबंधन नेता लोग बोले लेकिन हम देशवासी इनके बोलने की कला में फँस ही जाते हैं इनसे बड़ा कलाकार कोई हो ही नही सकता देश के अनेको धर्म भी इन्ही राजनीति के बल पर चलते हैं, मंदिर कौन बना रहे हैं कौन मस्जिद बना रहे कौन मुक्ति धाम का निर्माण कर रहे तो कौन मुस्लिमो के लिए कब्रिस्तान बना रहे हैं, देश के मुस्लिमो के लिए कौन सा राजनीतिक दल ठीक है। और देश के हिंदुओ के लिए कौन सा राजनीतिक दल ठीक है उसके हिसाब से देश में राजनीति होती है आपसी भाईचारा को दूर करने वाले यही राजनीतिक दल नेता होते है। कोई मुस्लिम खेमे में जाकर उनके त्योहारों में गोल टोपी लगाकर भाई चारा का संदेश देते है तो कोई हिंदुओ के मंदिर में जाकर उनके देवी देवताओं का पूजा कर हिंदुओ की हितैषी बन जाते हैं और हिंदू/मुस्लिम बटवारा भी यही राजनीतिक दल नेताओ द्वारा किया जाता है, और बात करते हैं देश के लोकतन्त्र बचाने की तो कैसे बच पायेगा देश के लोकतन्त्र क्योकि देश में राजनीतिक दल आपसी सहमति नही बना पाते तो देश के अनेको धर्मो के लोगों को कैसे सहमत कर पाएंगे तो लोकतन्त्र खतरे में होगा ही होगा अब कोई कुछ भी बोले देश ऐसा ही चलता रहेगा और देश धीरे धीरे आगे बढ़ते रहेंगे लेकिन हम लोकतन्त्र को खुद से कर्म शील होना होगा तो ही देश का विकास संभव है।
आजकल देश की संसद का मानसून सत्र और प्रदेश में विधानसभा सत्र चल रहा है और पूरा भारत इन सत्रों के कुछ अच्छे नतीजों का इंतजार कर रहा है, लेकिन देश में बैठे सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई जा रही है और विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा इसमें बाधा डाली जा रही है, दोनों पार्टियां मिलकर दोनों सदनों को चलने नहीं देती हैं और अपने राजनीतिक फायदे को देखते हुए बहस में सदनों की कार्यवाही में बाधा डालती हैं, तो देश के राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा देश के लोकतंत्र का भला कब होगा हम देश के लोकतन्त्र इन राजनीतिक दलों के नेताओं को चुन कर इसलिए लाते हैं ताकि देश राज्य की विकास की बाते देश के संसद और राज्य के विधानसभा में हो सके लेकिन विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा ना ही रोजगार पर होती हैं ना ही देश में बढ़ती महंगाई पर बात करती है और ना ही देश के सुरक्षा पर बात होती हैं लेकिन बात होती हैं इन नेताओं के द्वारा अडानी/अंबानी को देश की दौलत लुटा दिया सता पक्ष ने और जो घटना राज्य में घट रही है उस राज्य में जिसका सत्ता है उसके उपर बात करना और जो बोलने वाले दलों के राज्य में घटना घट रही है उसके उपर बात करना यही इनके राजनीतिक दंगल है और बात करते हैं सभी दलों के नेताओं ने की देश के लोकतन्त्र खतरे में है।
तो पक्ष और विपक्ष दोनों देश के राज्यों में अपना और अपने ढंग से राजसत्ता चला रहे हैं तो वहाँ की लोकतन्त्र की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है। अब अकेले बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी संपूर्ण देश राज्य में अपनी सरकार तो नही चला रहे है और एक देश भारत का प्रधानमंत्री है और देश के कुछ राज्यों में बीजेपी की सरकार है बाकी देश राज्यों में अलग अलग राजनीतिक दलों की सरकार चल रही है तो पीएम नरेंद्र मोदी सरकार और बीजेपी के द्वारा कैसे बोल सकते है इन विपक्षी दलों के नेता की पीएम नरेंद्र मोदी सरकार व उनके बीजेपी से देश के लोकतन्त्र खतरे में है जैसे: वेस्ट बंगाल में टीएमसी से ममता बनर्जी सीएम है और छ्त्तीगढ़ में कांग्रेस से भूपेश बघेल सीएम है और दिल्ली में आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल सीएम है वैसा ही देश के बहुत से राज्यों में अलग अलग राजनीतिक दलों के राजसत्ता है तो पीएम नरेंद्र मोदी सरकार और उसके बीजेपी से सम्पूर्ण भारत के लोकतन्त्र कैसे खतरे में है। और अकेला पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी देश राज्य में महंगाई, बेरोजगारी और सुरक्षा हेतु कैसे कड़े कदम उठा सकते है इस प्रकार के विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा अफवाह फैला रहा है देश के अंदर उस विषय को देश के लोकतन्त्र को गंभीरता से सोचना चाहिए जिस राज्य में कांग्रेस की सत्ता है तो कांग्रेस को सोचना होगा अपने राज्य में महंगाई दर को कैसे कम किया जाए और बेरोजगारो को कैसे रोजगार दिया जाए और अपने राज्य की सुरक्षा कैसे मजबूत करना है मुझे और इन सबके लिए देश के पीएम नरेंद्र मोदी सरकार से मदद ले सकते हैं और केंद्र से मदद ना मिलने पर आप पीएम नरेंद्र मोदी के उपर सवाल खड़े कर सकते हैं और पारदर्शी तरीका से आप अपने राज्य के लोगों को बता सकते है की बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार हम कांग्रेस राज्य सरकार को कुछ भी मदद नही दे रहे हैं तो हम कैसे आपके इन मुद्दों को हल करेंगे जबकि केंद्र सरकार पीएम नरेंद्र मोदी राज्य सरकार को मदद कर रहे हैं चाहे वह जिस भी दल पार्टी से हो और पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के दिये गये मदद से अपने पार्टी का नाम लेकर राजनीति कर रहे है और पीएम नरेंद्र मोदी सरकार को बदनाम कर रहे हैं देश के लोकतन्त्र खतरे मे है, खतरे को बचाना तो आप राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
आप देश के सभी राजनीतिक दल नेता सच बोल रहे है तो झूठ कौन बोल रहा है जिससे आज देश के लोकतन्त्र को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है और देश के पढ़े लिखे युवा वर्ग बेरोजगार होकर घूम रहे हैं, देश के सभी राज्यों के बहन बेटी सुरक्षित नहीं है और देश के लोकतन्त्र खतरे में और देश में मजहबी तकरार चल रहा है और देश के विकास को कौन रोक रहा है और कौन सा देश के राजनीतिक दल सच्चे है और कौन झूठे है ये तो देश के लोकतन्त्र को ही तय करना होगा लेकिन मेरे नजरो में देश के सभी राजनीतिक दल नेता अपने,अपने जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं और वर्तमान में केवल एक ही राजनीति चल रहा है हम कैसे इस दल को नीचे स्तर पर ले जाए और देश में कैसे राजसत्ता हासिल करे बस यही राजनीति देश में चल रहा है, बाकी हम देश के लोकतन्त्र इन राजनीति दलों के लिए एक मोहरा हैं।