ग्राम पंचायत लोहर्सी में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया दुर्गा पूजा सरपंच पति रंजीत भैना ने 9 दिनों का उपवास रख गांव और गांव वालों के सुख समृद्धि के लिए जगत जननी मां दुर्गा से मांगी दुआ




मस्तूरी ब्लाक के ग्राम पंचायत लोहर्सी में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया दुर्गा पूजा वर्तमान सरपंच पति रंजीत भैया के घर के पास विराजित मां जगत जननी दुर्गा पंडाल में आज हवन कार्यक्रम के पश्चात नव कुंवारी कन्याओं को कन्या भोजन कराकर उनकी पूजा अर्चना की गई वहीं सरपंच लोहर्सी ने 9 दिन तक व्रत रखकर मां दुर्गा से गांव व गांव वालों की सुख समृद्धि के लिए दुआ मांगी
कहते है नवरात्रि की पूजा बिना कन्या पूजन के सफल नहीं मानी जाती है। कहते हैं कन्या पूजन नहीं किया जाए तो व्रत का फल अधूरा ही मिलता है। शारदीय और चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है। इस दिन 9 कन्याओं को माता स्वरूप मानते हुए उनका पूजन किया जाता है। तो आइए जानते हैं कन्या पूजा की तारीख महत्व और विधि।
तो नवरात्रि में हर दिन कन्याओं को भोजन कराने का विधान हैं। लेकिन, अगर आप सभी दिन कन्या पूजन नहीं कर पाते हैं तो षष्ठी से लेकर नवमी तक भी कन्या पूजन कर सकते हैं। यदि यह भी संभव न हो तो अष्टमी और नवमी को कन्याओं को भोजन कराना चाहिए। कन्याओं की संख्या विषम यानी 1,5, 7 और 9 संख्या होनी चाहिए। सुबह से लेकर दोपहर तक कन्या पूजन करना उत्तम रहता है।
सरपंच लोहर्सी रंजीत भैना ने कि बताया कन्या पूजन में सबसे पहले कन्याओं के चरण धोये इसके बाद उन्हें तिलक लगाएं और फिर आसन पर बैठाएं और फिर उन्हें भोजन कराएं। कन्या पूजन में कन्याओं को उपहार में लाल वस्त्र भेट किए हैं। दरअसल, माता रानी को लाल वस्त्र बेहद प्रिय हैं। यदि आप वस्त्र नहीं दे पाते हैं तो आप लाल रंग की चुन्नी भी उन्हें उपहार के रूप में दे सकते हैं। ऐसा करने से भी आपको देवी मां का आशीर्वाद मिलेगा। इसके अलावा उन्हें एक फल भी उपहार के रूप में दिया गया