मस्तूरी ब्लॉक के निचे बेल्ट के कुछ गांव रोड बिजली कि लो ओलटेज कि समस्या से जूझ रहे थे और अब बारिश कम होने से फसल बर्बाद होने का डर अब सभी किसानो की नजर भरारी डैम पर पढ़े पूरी खबर




मस्तूरी जनपद के निचे बेल्ट के ऐसे 10 से 12 गांव है जहां किसान कम वर्षा होने के कारण चिंतित नजर आ रहे है यहाँ सूखा से किसान अपनी फसलो को लेकर डरे हुए है हमने एक किसान से बात किया जिनका नाम ओमकार पैकरा है जो गांव के सरपंच भी है उन्होंने बताया कि मस्तूरी ब्लॉक के जोंधरा,कुकुरदीकला,अमलडीहा,
परसोड़ी,बसंतपुर,उदाईबंद गोपालपुर भिलौनी ये वो गांव है जहां पानी कि कमी के कारण खेतो में लगे फसल जल रहे है मिट्टी फट रही है इनका कहना है कि जल्द से जल्द भरारी डैम से इनको पानी नहीं मिला तो फसल बर्बाद हो जायगा हालांकि गांव के ही लक्ष्मण साहू ने बताया कि जिनके खेतो में बोर लगा है वो भी फसल को नहीं बचा पाएंगे क्यों कि इस क्षेत्र में लो ओलटेज कि समस्या चरम पर है यहाँ कि बिजली से मोबाईल भी चार्ज नहीं हो पा रहा तो बोर कैसे चलेगा इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार बिजली विभाग में शिकायत दिया है पर इस पर कोई कार्यवाही या सुधार नहीं किया गया है
सूखा से होने वाली समस्या
सूखा प्रभावित क्षेत्रों में फसलों का उत्पादन नहीं होता है और किसानों की एकमात्र आय खेती के जरिए उत्पन्न होती है। इस स्थिति से किसान सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। अपनी जरूरतों को पूरा करने के प्रयास में कई किसान ऋण ले लेते हैं जिसे बाद में उनके लिए चुका पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति के कारण किसानों के लिए बड़ी समस्या कि स्थिति निर्मित हो जाती है