31 से अधिक कांग्रेसी नेताओं ने ठोकी दावेदारी, स्वयं को बड़ा बताने शक्ति प्रदर्शन से भी गुरेज नहीं...




जगदलपुर विधानसभा ; एक अनार सौ बीमार कहावत चरितार्थ कर रहे कांग्रेसी - आलोक अवस्थी
31 से अधिक कांग्रेसी नेताओं ने ठोकी दावेदारी, स्वयं को बड़ा बताने शक्ति प्रदर्शन से भी गुरेज नहीं
क्षेत्रीय विधायक रेखचंद जैन की कार्यकुशलता पर कांग्रेसी नेताओं ने ही लगाया प्रश्न चिन्ह
महापौर, पूर्व महापौर, पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष,एमआईसी सदस्य, कई कांग्रेसी पार्षद तक कतार में, विधायक का सेहरा सिर पर सजाने कांग्रेसियों में मचा घमासान सार्वजनिक
जगदलपुर : प्रदेश में सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं की अति महत्वाकांक्षायें चंद्रमा में पहुँच चुके भारत के चन्द्रयान-3 से भी आगे निकल गयी है। जगदलपुर विधानसभा सीट में विधायक बनने की लालसा में कांग्रेसी नेताओं में होड़ मची हुई है। 31 से अधिक छोटे-बडे़ कांग्रेसी नेताओं ने विधिवत आवेदन जमा करके विधायक बनने दावा ठोका हैं। जो खुले रुप में दर्शा रहा है कि कांग्रेस के अंदर कैसी व कितनी गहरी खींचतान व अन्तर्विरोध चल रहा है।
जहाँ सभी एक दूसरे को पटखनी व मात देने में दम लगा रहे हैं। मोतीलाल नेहरू वार्ड के भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी ने कहा कि जिले में कांग्रेस के भीतर एक अनार सौ बीमार की कहावत चरितार्थ हो रही है। स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने मिलकर कांग्रेस के क्षेत्रीय विधायक रेखचंद जैन के कामकाज व कार्यकुशलता पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।
भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी ने कहा कि जगदलपुर विधानसभा सीट में विधायक का सेहरा सिर पर सजाने कांग्रेसी नेताओं के मध्य मचा घमासान सार्वजनिक हो गया है। क्षेत्र की जनता भी अब कांग्रेस की अन्तर्कलह का आनंद ले रही है।
जगदलपुर विधानसभा सीट के लिये महापौर, पूर्व महापौर, निवर्तमान शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष, महापौर परिषद के सदस्यों से लेकर कांग्रेस के पार्षदों तक ने अपनी दावेदारी ठोकी है। उसपर अपने समर्थकों की भीड़ व ढोल बाजे के साथ शक्ति प्रदर्शन करते हुये कईयों ने खुले रुप में आवेदन जमा किया हैं। दावेदारी करने वाले कांग्रेसी नेताओं का शक्ति प्रदर्शन किसको दिखाने बताने के लिये किया गया है, यह समझ से परे है। चूंकि प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार है और वर्तमान क्षेत्रीय विधायक भी कांग्रेस से ही है, जनता यह प्रश्न पूछ रही है।
भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं की कलह आसन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी पड़ने वाली है। कांग्रेस का साढ़े चार साल से अधिक का कुशासन और अब कांग्रेसी मित्रों की आपसी फूट व लड़ाई से जनता पूर्णतः परिचित हो गयी है। जिसने कांग्रेस को विदा कर भारतीय जनता पार्टी को अपना आशीर्वाद देने मन बना लिया है।