महाशिवरात्रि 2022: महाशिवरात्रि पर ग्रह-नक्षत्रों का बन रहा शुभ संयोग.... दया के भंडार हैं भोले बाबा.... इस बार महाशिवरात्रि पर करें ये पाठ.... बन जाएंगे बिगड़े काम.... खुल जाएंगे सफलता के द्वार.... जानिए.....
Mahashivratri 2022 Auspicious coincidence of planets and constellations on Mahashivratri




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डेस्क। महाशिवरात्रि कल 1 मार्च 2022 को मंगलवार के दिन पड़ रही है। शिव के पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ की महिमा के बारे में आपने खूब सुना होगा। ये बेहद सरल और प्रभावी मंत्र और हर तरह से लोगों का कल्याण करने वाला मंत्र बताया जाता है। शिव के इस मंत्र जाप से पृथ्वी, अग्नि, जल, आकाश और वायु पांचों तत्व नियंत्रित किए जा सकते हैं। ये मंत्र मोक्षदायी माना गया है और समस्त वेदों का सार है। इस मंत्र का प्रत्येक अक्षर अपने आप में बेहद शक्तिशाली है। इस पंचाक्षर मंत्र के हर अक्षर की महिमा का गुणगान करने के लिए जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने पंचाक्षर स्तोत्र बनाया था। इस स्तोत्र में पंचाक्षर (न,म,शि,व,य) की शक्ति का वर्णन किया गया है।
ये है पंचाक्षर स्तोत्र
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांगरागाय महेश्वराय, नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै ‘न’ काराय नम: शिवाय।
मन्दाकिनी सलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय, मन्दारपुष्पबहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै ‘म’ काराय नम: शिवाय।
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय, श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै ‘शि’ काराय नम: शिवाय।
वशिष्ठकुम्भोद्भव गौतमार्य मुनीन्द्रदेवार्चित शेखराय, चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय तस्मै ‘व’ काराय नम: शिवाय।
यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय, दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै ‘य’ काराय नम: शिवाय।
पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेत् शिव सन्निधौ, शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते।
पंचाक्षर स्तोत्र की महिमा
कहा जाता है कि श्रद्धापूर्वक इस स्तोत्र का पाठ करने से शिव बेहद प्रसन्न होते हैं। इससे व्यक्ति के सारे कष्ट दूर होते हैं और वो इस संसार में निर्भय होकर जीता है। ये स्तोत्र व्यक्ति की अकाल मृत्यु को टाल सकता है। साथ ही इसे नियमित रूप से पढ़ने से काल सर्प दोष का प्रभाव भी दूर होता है। शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करते समय कपूर और इत्र का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। पंचाक्षर स्तोत्र के मंत्रों में पंचानन यानी पांच मुख वाले महादेव की सभी शक्तियां समाहित हैं। नियमित रूप से यदि इस स्तोत्र को सच्चे मन से पढ़ा जाए तो असंभव कामों को भी संभव बनाया जा सकता है। आप इसकी शुरुआत महाशिवरात्रि के दिन से कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि 2022 शुभ मुहूर्त-
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - मार्च 01, 2022 को 03:16 ए एम बजे।
चतुर्दशी तिथि समाप्त - मार्च 02, 2022 को 01:00 ए एम बजे।
महाशिवरात्रि का महत्व-
मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मनचाहे वर की प्राप्ति का वरदान मिलता है। भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।