भीम राव अंबेडकर की अवधारणा मुख्य रूप से देश के लोकतंत्र में लोक सुख और जनहित के लिए सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक दर्शन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
Mae'r cysyniad o Bhim Rao Ambedkar yn bwysig




NBL, 14/04/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: Mae'r cysyniad o Bhim Rao Ambedkar yn bwysig yn bennaf o safbwynt athroniaeth gymdeithasol, wleidyddol ac economaidd ar gyfer hapusrwydd y cyhoedd a diddordeb y cyhoedd yn nemocratiaeth y wlad.
डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी भारत देश के उन्नति उत्थान के लिए देश के महानायक है, जो देश के सभी रूढ़ि वादी सोच रखने वाले लोगों के लिए एक प्रेरणा व उनके छोटी सोच को बदला है अंबेडकर जी ने, जो आज हम सभी देशवासियों को देखने को मिल रहा है, आज भारत द्रुत गति से आगे बढ़ रहा है, उसका श्रेय माननीय डाक्टर भीम राव अम्बेडकर साहब को जाता है, और इसका मुख्य कारण है शिक्षा का होना जो शिक्षा लेकर शिक्षित होते हैं उनके जीवन चर्या बेहतर होता है, और उनके जाति बोध से आप उनको बोल नहीं सकते क्योकि शिक्षित व्यक्ति अपने आप में एक अलग पहचान बनाते हैं देश समाज में इतना शक्ति होता है शिक्षित इंसानो में।
जो व्यक्ति शिक्षा से वंचित है उनको आप दलित शोषित पीड़ित नीच जाति बोल देते हो बड़ी आसानी से क्योकि वह अशिक्षित है, और यह बोली देश के हर समाज के लोग बोलते है, चाहे वह उंची दलित समाज के हो या स्वर्ण समाज के लोग हो या ओबीसी वर्ण वर्ग के लोग हो या आदिवासी समाज से हो लेकिन अशिक्षित व्यक्ति को हम यही बोलते है अपने समाज के लोगों को कोई अलग पद या वर्ण वर्ग व्यक्ति गत समाज नहीं होता अशिक्षित लोगों की, लेकिन शिक्षा के कमी जिस समाज में ज्यादा था उसी समाज के लोगों को नीच जाति समाज से हम शिक्षित मानव समाज उनको दलित समाज अशिक्षित समाज के श्रेणि में रखकर सदियों से उनके उपर अत्याचार व शोषण करते आ रहे हैं, जिसको भीम राव अम्बेडकर जी ने एक झटके में ही तोड़ दिया अपने शिक्षा के बल से जो आज हम सभी देशवासि उनके जन्म जयंती संपूर्ण राष्ट्र में हर्षोउल्लास के साथ मना रहे हैं। जो व्यक्ति अशिक्षित है वह ना ही देश में ढंग से राजनीति कर पाते हैं ना ही कोई नियम व नीति बना पाते है अपने बल पर ऐसे अशिक्षित व्यक्ति को शिक्षित व्यक्ति हैंडल करते हैं, यही अशिक्षित व्यक्ति की सबसे बड़ी कमजोरी है, जिनको बुरे वक्त से भी गुजरना पड़ जाता है, और देश समाज में हँसी के पात्र बन जाते हैं, खान पान रहन सहन वेष भूषा बोली भाषा उन अशिक्षित लोगों की अलग ही होता है, जो शिक्षित लोगों को पसंद नहीं आता।
जो समाज शिक्षा लेकर शिक्षित है वही समाज को बेहतर माना गया है, उन शिक्षित आदमी का कोई भी धर्म हो या समाज से हैं, कोई फर्क नहीं पड़ता क्योकि वह शिक्षित है और अपने शिक्षा के बल पर उनको सम्मान मिल रहा है, जिसको आजकल आप हम सब देश वासी देख रहे हैं, उच्च शिक्षा लेकर अच्छे उच्च पद पर बैठे अधिकारी या नेता मंत्री देश के शासन प्रशासन के उपर बैठा है भले ही दलित आदिवासी समाज से है लेकिन उनका सम्मान हम उचे स्वर्ण समाज के लोग भी कर रहे हैं, उनके जाति के छोटे बड़े होने का भेद भाव मिट जाता है। और यह आने वाले समय में मानव समाज में और सुधार आयेगा एक दिन ऐसा समय आयेगा की बड़े जाति छोटे जाति समाज का भेदभाव बिल्कुल भी नहीं रहेगा पूरी तरह से मिट ही जायेगा इसके लिए आपको हमको आंदोलन करने की जरूरत नहीं है अलग समाज के है करके आपको बताने की जरूरत नहीं है हम दलित है हमें नीच मानती है बोलने की, बस आप अपने समाज के लोगों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा के बल का प्रभाव बताएं और अपने समाज के सभी लोगों को शिक्षित बनाये तो समाज में सुधार आयेगा और देश का विकास में भी सुधार होगा।
हम उच्च शिक्षा लेकर शिक्षित होंगे तो हमारा आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगा और हमारे घर द्वार, वेष भूषा बदल जायेगा और हमारी बोली भाषा में निर्मलता आयेगी और हम शिक्षित होकर अपने आस पास के वातावरण को भी हम वैसा बनाएंगे जैसा हम चाहते हैं, और हम जैसे शिक्षित व्यक्ति को देखकर आस पास के लोग भी शिक्षित बन कर वह सब चाहेगा जो वह हमारे जैसे शिक्षित के घरों में देख रहा है सुख सम्पति साधन को वैसा वह आस पास के लोग भी करेगा, और वैसा साफ सुथरा सम्पन्न जीवन वह भी जियेंगे, हम मानव समाज शिक्षा के बल पर अपने समाज को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकते हैं, क्योकि आज आप भारत के आजाद लोकतन्त्र मे आपको पूर्ण आजादी है, आपके अपने विकास के लिए, बस चुनाव आपको करना है, देश के जाति धर्म पंथ के आडम्बर में उलझना है की उच्च शिक्षा लेकर हम इंसान अपने आप से एक सबल इंसान बनेंगे?
डाक्टर भीम राव अम्बेडकर मानव रूप में एक देव तुल्य हैं, जिसने अपने आप से सभी कष्टों को सहकर हम मानव जाति के लिए पवित्र शास्त्र का निर्माण किया जो सभी धर्म समाज के मानवों के लिए जन कल्याण कारी है वह है संविधान कानून जो सबके लिए हितकारी है, यही संविधान ग्रंथ हम मनुष्यों को सही न्याय देती है, और सर्व धर्म समाज को बिना भेद भाव से एक दूसरे को जोड़ती है, इसलिए इस पवित्र ग्रंथ संविधान को शिक्षा नीति आयोग को स्कूली पाठ्यक्रम में जोड़ना चाहिए ताकि देश के हर बच्चा कानून कायदा व संविधान के हर प्रकार के ज्ञान प्राप्त कर सके ताकि उनके द्वारा किये जा रहे गलत गति विधि को रोकने में देश के संविधान अहम भूमिका निभा सके अपने आप से भारतीय नागरिको से मै अपील करना चाहता हूँ की भारतीय संविधान कानून ग्रंथ हर भारतीय के घरों में रखा जाए और उस ग्रंथ का उपयोग अपने आप से कर सके अपने धार्मिक शास्त्र की तरह, जितना अपना धर्म जरूरी है अपने संस्कृति सभ्यताओ के लिए उतना ही यह संविधान ग्रंथ भी जरूरी है मानव जन कल्याण के लिए, क्योकि यह संविधान ग्रंथ सभी धर्म समाज के लिए उपयोगी है, और राष्ट्र के सभी धर्मो के लोगों के लिए मान्य है, क्योकि इस संविधान का धर्म एक ही है मानव जन कल्याण करना क्या हिंदू क्या मुस्लिम सभी धर्म लोगों के लिए समान है बिना भेद भाव से।