इंटरनेशनल डॉग डे के बारे में जानते है डॉ सुमित्रा से...

इंटरनेशनल डॉग डे के बारे में जानते है डॉ सुमित्रा से...
इंटरनेशनल डॉग डे के बारे में जानते है डॉ सुमित्रा से...

इंटरनेशनल डॉग डे के बारे में जानते है डॉ सुमित्रा से 

डॉ सुमित्रा अग्रवाल
आर्टिफीसियल ऑय को
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कब और क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल डॉग डे 

नया भारत डेस्क : जानवरों में कुत्तों को सबसे वफादार माना गया है| इसलिए मनुष्य इन्हें अपने शौक के साथ अपनी जरुरत के लिए भी पालता है| इन्हें यूँ ही "मेंस बेस्ट फ्रेंड" नहीं कहा जाता है| विश्व में एक दिन वर्ल्ड डॉग डे के रूप में मनाया जाता है|
 

इंटरनेशनल डॉग डे कब है

वर्ल्ड डॉग डे की स्थापना अमेरिका की पशु अधिवक्ता और पालतू एवं पारिवारिक जीवन शैली विशेषज्ञ "कोलीन पेज" द्वारा 2004 में करी गई| इस दिन को मनाने का उद्देश्य रेस्क्यू सेंटर में कुत्तों की संख्या के प्रति जागरूकता फैलाना और लोगों को इन्हें गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करना था। कोलीन पेज ने दस वर्ष की आयु में 26 अगस्त को अपने पहले कुत्ते को गोद लिया था। इसीलिए बाद में उन्होनें इस दिन यानी 26 अगस्त को अंतराष्ट्रीय डॉग डे के रूप मनाए जाने का फैसला लिया।

वर्ष 2013 में न्यूयॉर्क राज्य में इसे मान्यता दी गई। तब से भारत समेत दुनिया के अन्य कुत्ते-प्रेमी देशों, संगठनों और व्यक्तियों ने अंतराष्ट्रीय डॉग डे को अपनाने के संकेत दिए हैं। इस कोरोना के समय लॉकडाउन में जीवन ने हमें न केवल अपने परिवारों के साथ बल्कि पालतू जानवरों के साथ क्वालिटी समय बिताने का मौका दिया है। इस कीमती समय ने हमें उनकी सभी प्यारी विचित्रताओं और मजाकिया व्यक्तित्वों को पहले से कहीं ज्यादा देखने और समझने का अवसर दिया है।

 


29 अगस्त को ही क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय खेल दिवस, इतिहास और महत्व


हर साल 29 अगस्त का दिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का भी जन्म हुआ था। 'मेजर ध्यानचंद सिंह' ने हॉकी में भारत को ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक दिलवाया था। तो उन्हें सम्मानित करने के लिए हर साल उनके जन्म दिवस 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस (National के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। मेजर ध्यानचंद ने अपने करियर में 400 से भी ज्यादा गोल दागे थे।  

राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास 

साल 2012 में भारत सरकार ने मेजर ध्यानचंद की जंयती को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। इस मौके पर अलग-अलग खेल में अपना योगदान देने वाले खिलाडियों को भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित करते हैं। 

हॉकी के जादूगर थे मेजर ध्यानचंद

- मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ध्यान सिंह के रूप में हुआ था।
- साल 1922 में, ध्यानचंद भारतीय सेना का हिस्सा बने और एक सैनिक के रूप में देश की सेवा की।
- साल 1956 में वह मेजर के पद से भारतीय सेना से रिटायर हुए।
- ध्यानचंद ने हॉकी में अपना ऐसे कई करतब दिखाए जिसकी वजह से उन्हें "हॉकी का जादूगर" के खिताब से दिया गया।
- भारत ने 1928, 1932 और 1936 के समर ओलंपिक में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने की पहली हैट्रिक हासिल की जिसमें मेजर ध्यानचंद ने अहम भूमिका निभाई।
- भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण 1956 में ध्यानचंद को दिया गया था।
- मेजर ध्यानचंद की मृत्यु के बाद उनके सम्मान में भारतीय डाक विभाग ने डाक टिकेट ज़ारी किया और दिल्ली के राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद स्टेडियम किया गया।

राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व

राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को खेलों के महत्व के बारे में बताना और उसे बढ़ावा देना है। खेल फिट रखने का बहुत ही बेहतरीन जरिया हैं, तो इंडोर या आउटडोर जैसे भी पॉसिबल हो..किसी न किसी खेल को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं।