भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि देश का लोकतंत्र संविधान के नियमों के अनुसार चलना चाहिए। जब ​​विपक्षी दल सत्ता में थे, तो उनकी सोच हमेशा यही रही कि देश का लोकतंत्र हमारी शक्ति के बल पर चलना चाहिए। दोनों की सोच में यही सबसे बड़ा अंतर है।

India's Prime Minister Narendra Modi

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि देश का लोकतंत्र संविधान के नियमों के अनुसार चलना चाहिए। जब ​​विपक्षी दल सत्ता में थे, तो उनकी सोच हमेशा यही रही कि देश का लोकतंत्र हमारी शक्ति के बल पर चलना चाहिए। दोनों की सोच में यही सबसे बड़ा अंतर है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि देश का लोकतंत्र संविधान के नियमों के अनुसार चलना चाहिए। जब ​​विपक्षी दल सत्ता में थे, तो उनकी सोच हमेशा यही रही कि देश का लोकतंत्र हमारी शक्ति के बल पर चलना चाहिए। दोनों की सोच में यही सबसे बड़ा अंतर है।

NBL, 09/10/2024, Lokeshwar Prasad Verma Raipur CG: India's Prime Minister Narendra Modi thinks that the country's democracy should run according to the rules of the Constitution. When the opposition parties were in power, their thinking was always that the country's democracy should run on the strength of our power. This is the biggest difference in the thinking of both. पढ़े विस्तार से..... 

भारत की पिछली सरकारों के कार्यकाल पर नजर डालें तो आपको सत्ता की चमक-दमक और दिखावटीपन दिखेगा, जिसे आज की भाषा में आप सत्ता का अहंकार कह सकते हैं, नेता जो भी कह दे वही सत्य और वही कानून है, क्योंकि इन प्रभावशाली नेताओं का करिश्मा अब से अलग था, क्योंकि पहले सरकार जातिवाद, गरीबी, अमीरी, शिक्षा, अशिक्षा और छुआछूत की भावनाओं के आधार पर अपनी नीयत और नीतियों को लागू करती थी, किस व्यक्ति का सम्मान करना है और किसका नहीं, सब उनके उपर निर्भर करता था।

क्योंकि उस समय बहुत ही कम लोग नेता बनते थे, जो आज आपको हर गली-मोहल्ले में कोई न कोई नेता आसानी से मिल जाएगा, पहले के नेता जिस पर हाथ रख देते थे उसकी किस्मत बदल जाती थी, पहले के नेता इतने प्रभावशाली होते थे, लोग उनकी गलतियों पर भी आवाज नहीं उठाते थे, उन्हें वोट देने वाले मतदाता उनसे इतने डरते थे क्योंकि पुलिस थाना, कोर्ट उनके नाम से डरते थे, क्योंकि इन नेताओं के पास एकतरफा लोकतंत्र की ताकत होती थी। और देश लोकतंत्र की ताकत से चलता है और ये लोकतंत्र के शासक नेता थे।

देश में आज जितने भी गुंडे हैं, वे सभी पिछली सरकारों के कार्यकाल में ही पैदा हुए हैं। अवैध खनन से लेकर छीना-झपटी, गुंडागर्दी, भू-माफिया, भ्रष्टाचार, ये सब उन्हीं पिछली सरकारों के राज में पैदा हुए और उन्होंने पूरे देश को दीमक की तरह खोखला करना शुरू कर दिया और देश के सारे संसाधन इन गलत लोगों के हाथों में आ गए, जिससे देश की तरक्की पूरी तरह रुक गई और आज इन बदमाशों के घरों से करोड़ों रुपए बरामद हो रहे हैं जो भारत की मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के लिए सिरदर्द बन चुके हैं और ये उनकी बदनामी ही है कि विपक्षी दलों के नेता कह रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय जांच एजेंसियों को हमारे पीछे लगा दिया है और बदले की राजनीति कर रहे हैं। जबकि ये तो विपक्षी दलों के राज में ही होना था कि आज पीएम नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार सफाई अभियान चला रहे हैं।

देश का लोकतंत्र इस मुद्दे पर आपसी विवादों में उलझा हुआ था पूर्व के सरकार में किसे न्याय दिया जाए और किसे नहीं, क्योंकि भारत में रहने वाले सभी धर्मों के लोग भारत माता की संतान हैं। इसी आपसी भाईचारे को कायम रखने के लिए आज वर्तमान भारत सरकार पीएम नरेंद्र मोदी नई-नई योजनाएं लेकर आते हैं ताकि देश का लोकतंत्र देश के संविधान के अनुसार चले और सभी एकजुट होकर आगे बढ़ें और भारत की तरक्की में सहयोग करें।

लेकिन विपक्षी दलों के नेता मतभेद पैदा करके देश के लोकतंत्र को गुमराह करते हैं, उनमें से ज्यादातर भारत के मुस्लिम धर्म के मुसलमान हैं जो पीएम नरेंद्र मोदी के आपसी भाईचारे को हिंदू और मुस्लिम के बीच के मतभेदों से जोड़ते हैं, जबकि ये उनके भविष्य की सुख-शांति के लिए बड़े फैसले हैं। जिन धर्मों के लोगों को पिछली सरकार ने देश में मतभेद पैदा करके अपना राजनीति का हिस्सा बना कर रखा है, पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें सबका साथ सबका विकास के माध्यम से देश के संविधान के तहत जीने का समान अधिकार दे रहे हैं, उनकी यह पारदर्शिता नीति देश के लोकतंत्र को वर्तमान में तुरंत दिखाई नहीं देने वाली है, लेकिन एक दिन जनहित में यह पारदर्शिता देश के लोकतंत्र को दिखायी देगी और यही उनके अच्छे नियत और नीति भविष्य में देश के सर्व धर्म लोकतंत्र को सुख-शांति प्रदान करेगी।

डॉ. भीम राव अंबेडकर जी ने एक ऐसा दूरदर्शी संविधान बनाया है जो हमारे धार्मिक ग्रंथों जितना ही पवित्र है। पूर्व में सत्ताधारी दल के नेताओं ने इसे मजबूती नहीं दी, जबकि आज इनके बल पर देश की न्यायपालिका में सुधार हो रहा है। नए युग के नए न्यायधीश इस संविधान को नए रूप में संशोधित कर नए आयाम स्थापित कर रहे हैं, हमारे संविधान की महत्ता को बढ़ा रहे हैं, शीघ्र निर्णय दे रहे हैं, पहले की तरह तारीखें नहीं दी जाती हैं, अब निर्णय विलंबित होते हैं जो बहुत विवादास्पद होते हैं, साक्ष्य का आधार सही नहीं होता है, केस में समय लगता है। अब नए युग में संविधान अधिक शक्तिशाली हो गया है और इस संविधान को कोई मिटा नहीं सकता है। यह भीम राव अंबेडकर जी का संविधान है जो उनके दर्द और पीड़ा की जीवित आत्मा की कहानी है, जो भारत के संकटग्रस्त लोगों का उद्धार करने वाली न्याय व्यवस्था का धार्मिक संविधान है, जो भारत के सभी धर्मों के लोगों को समान न्याय देता है। यही भीम राव अंबेडकर की आत्मा है और उनकी जीवंत आत्मा जैसे संविधान को मिटाना भारत को अनंत अंधकार की गहराइयों में धकेलने के बराबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार इसी संविधान से प्रेरित होकर 'एक देश, एक संविधान, सबका साथ, सबका विकास' के आदर्श वाक्य के साथ देश के लोकतंत्र को समान प्रगति के पथ पर ले जाना चाहती है।

वर्तमान भारत सरकार पीएम नरेंद्र मोदी इतनी मजबूत है कि विपक्षी दलों के नेता अब केवल एक ही आरोप लगाते हैं, पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार की योजनाओं में यह या वह कमी है, जबकि ये आरोप साबित भी नहीं हो पाते, विपक्षी दलों के नेता इनका पर्दाफाश भी नहीं कर पाते, वे केवल देश के लोकतंत्र को गुमराह करने वाली बातें कहते हैं। जब ये विपक्षी दल पहले सत्ता में थे, तो देश का लोकतंत्र हर दिन भ्रष्टाचार और घोटालों की नई खबरें देखता और सुनता था और आज उनके साथ गठबंधन करने वाले कई राजनीतिक दलों का रवैया भी ऐसा ही था। कांग्रेस पार्टी की नीयत और नीतियों को पसंद न करने के कारण देश में कई नेताओं ने अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टियां बना लीं और कांग्रेस की नीयत और नीतियों को गलत तरीके से पेश करके अपनी राजनीति को मजबूत किया और लोकतंत्र के दिलों में अपने लिए जगह बनाई और देश के राज्यों में अलग-अलग पार्टियों के नेताओं ने सत्ता स्थापित की और कांग्रेस की नीयत और नीतियों से अलग हुए ये राजनीतिक दल। 

जो आज कांग्रेस के साथ एकजुट होकर पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की कसम खा चुके हैं, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी देश में इतनी मजबूत सरकार चला रहे हैं कि सभी विपक्षी दलों के नेता एकजुट होने पर मजबूर हो गए हैं, फिर भी इन विपक्षी दलों की एकता से बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, क्योंकि देश का लोकतंत्र समझता है कि आज भारत को मजबूत करने में कौन सा नेता सक्षम है और वर्तमान में देश के लोकतंत्र को केवल बीजेपी के पीएम नरेंद्र मोदी नेता ही मजबूत नजर आते हैं। देश के लोकतंत्र की नेक नीयत और नीतियों के कारण ही आज भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व के किसी भी देश में अपनी विदेश कूटनीति को मजबूत करते हुए शेर की तरह दहाड़ते हुए कहते हैं कि हम भारत अपने आप में स्वतंत्र हैं हम किसी के दबाव में नहीं आ सकते और उनका यह कहना देश के लोकतंत्र की मजबूती के कारण ही संभव हो पाया है जो देश में कड़े फैसले लेकर देश के लोकतंत्र को आसान बना रहा है और अपनी तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को सफल बना रहा है और देश-दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहा है। यह संविधान का वास्तविक मूल्य है जो पीएम नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार मुक्त नये भारत के निर्माण के लिए कर रहे हैं।

भारत की पिछली सत्ताधारी पार्टियों के समय में देश में इतना पैसा था कि देश के लोकतंत्र के हर कोई व्यक्ति समृद्ध दिखता था, लेकिन उन्होंने गलत कामों के दम पर इतना पैसा कमाया, भ्रष्टाचार ने सरकारी संस्थाओं से लेकर हर जगह इतनी मजबूत पकड़ बना ली थी कि हर किसी ने इसे मुफ्त में पैसा कमाने का जरिया बना लिया था, इसके साथ ही कई गलत लोगों ने नकली नोट छापकर देश के असली पैसे के अस्तित्व को नष्ट कर दिया और नकली नोटों के जरिए बाजार में लेन-देन किया जो वास्तव में असली नोट नहीं थे, इसीलिए देश के हर व्यक्ति के हाथ में काफी पैसा था, जबकि इससे देश मजबूत नहीं हो रहा था बल्कि खोखला हो रहा था, क्योंकि इन नकली नोटों का व्यापार हमारे दुश्मन देश से चल रहा था, ये नकली नोट वहीं बनते थे और उनके पास भारत सरकार के असली नोट थे और नकली नोट भारत के लोकतंत्र के पास थे, पिछली कांग्रेस सरकार इतने सारे गलत कामों को इतनी आजादी देकर भारत पर राज कर रही थी, इसीलिए कई लोग कहते हैं कि कांग्रेस के राज में कानून इतना सख्त नहीं था जितना अब है, इसीलिए आज पीएम नरेंद्र मोदी इन काले कारनामों को करने वाले लोगों के लिए भारत में यम दूत बनकर आए हैं गलत लोगों को नर्क तक पहुँचाने का काम,भारत संविधान कानून अब कर रहे हैं। और इसका पालन बखूबी पीएम नरेंद्र मोदी निभा भी रहे है, देश को मजबूत करने के लिए।

अब सारे अवैध धंधे बंद हो रहे हैं और आज पाकिस्तानी भूखे मर रहे हैं क्योंकि भारत में नकली नोट चलाकर वे असली भारतीय नोटों से अपना पेट भर रहे थे और आतंकवादी संगठन को मजबूत करके भारत के कई शहरों में बम और गोला-बारूद विस्फोट करके जनहानि करते थे। भारत में उनसे बात करने और उन्हें रोकने के लिए कोई मजबूत सरकार नहीं थी। आज वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सभी जांच एजेंसियों को खुली छूट दे दी है और देश के संविधान को भी इतना मजबूत कर दिया है कि उन्होंने देश में गलत मानसिकता वाले लोगों को पकड़े जाने पर कड़ी सजा देने की खुली छूट दे दी है। इसे कहते हैं संविधान की ताकत जो गलत मानसिकता वाले लोगों को कड़ी सजा देने की खुली छूट देती है।

अब सरकारी कर्मचारी और अधिकारी भी पांच सौ रुपये की रिश्वत लेने से डरते हैं कि कहीं एसीबी उन्हें पकड़ न ले और आज हर किसी के पास कैमरा और वीडियो वाला मोबाइल फोन है जिससे कुछ भी उजागर हो सकता है। अब देश का लोकतंत्र अपनी असली मेहनत से आगे बढ़ रहा है, इसीलिए विपक्षी दलों के नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज में सब कुछ टाइट लग रहा है। जबकि अब भारत धीरे-धीरे सशक्त बन रहा है, भारत मेहनतकश देश बन रहा है, जो लोग मुफ्त में खाते थे वे अब बेरोजगार हैं और भूखे मर रहे हैं, आज उनके लिए पीएम नरेंद्र मोदी सरकार सही नहीं है, क्योंकि जो लोग मुफ्त में खाते थे उनका कारोबार आज पूरी तरह से ठप हो गया है।

पिछली सरकार के दौरान देश के सभी संसाधनों का दोहन किया जा रहा था, यहां तक ​​कि नक्सलवादी भी उनके शासन के दौरान बढ़े, जिन्हें खत्म करने के लिए वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी सरकार को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है, यही हाल आतंकवादियों का है जो हर दूसरे दिन भारत में आते हैं और यहां के पुलिस बल और सेना के जवानों को नुकसान पहुंचाते हैं और अंत में उन आतंकवादियों को मार दिया जाता है और वर्तमान सरकार देश के लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए हर समय सतर्क रहती है।

पिछली सरकारों के दौरान इतने लुटेरे पैदा हुए कि आज उन्हें खत्म करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है। चाहे वो विदेशी घुसपैठिये हों या कुछ अन्य गलत मानसिकता वाले लोग, जो भारत को नुकसान पहुंचाने की नीयत से भारत में आते हैं और फर्जी दस्तावेज बनाकर भारत में रह रहे हैं, उन्हें ढूंढ़ना और पकड़ना बहुत ही कठिन कार्य है, फिर भी भारत की सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सतर्कता और मेहनत से वे वर्तमान सरकार द्वारा पकड़े जा रहे हैं, जो भारत को कमजोर कर रहे थे, इन छोटी-छोटी गलत गतिविधियों को पिछली सरकारों द्वारा नहीं रोका गया, जिसके कारण आज इन दुष्ट लोगों को पकड़ने में समय लग रहा है, तभी भारत मजबूत बनेगा, जब देश का लोकतंत्र मजबूत अवस्था में रहेगा, तभी भारत एक मजबूत और उन्नत भारत बनेगा।

हरियाणा में भाजपा को जो जनादेश मिला है, वह उनके लिए ऐतिहासिक जीत है। वास्तव में देश की जनता भाजपा को मिले अपार जनादेश से देश में भाजपा की राष्ट्रवादी सोच को आगे बढ़ा रही है। लोकतंत्र की राष्ट्र प्रथम की यह प्राथमिकता देश को मजबूत बनाती है। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 ने कांग्रेस की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। हरियाणा में उनके वादे खोखले साबित हुए। कांग्रेस ने हरियाणा की जनता को हर तरह की सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन हरियाणा की जनता ने कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया। अब कांग्रेस धीरे-धीरे देश में सिमटती जा रही है और जिन राज्यों में वह सत्ता में है, वहां दोबारा सत्ता हासिल नहीं कर पा रही है। 

जबकि भाजपा जिन राज्यों में अपनी सरकार चला रही है, वहां दो-तीन बार दोबारा निर्वाचित हो रही है। यह भाजपा की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उस राज्य की जनता उनकी कार्यशैली से काफी संतुष्ट है और उनका मानना ​​है कि भाजपा यहां सही तरीके से विकास कर रही है और अब उन्हें कांग्रेस पर उतना भरोसा नहीं रहा, इसीलिए उन्हें दोबारा सत्ता नहीं मिलती। ऐसा क्यों हो रहा है? कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। अब देश का लोकतंत्र कांग्रेस की अफ़वाहों पर यकीन नहीं करता। उनके द्वारा बोले गए झूठ देश के लोकतंत्र की पकड़ में आसानी से आ जाते हैं। और इसी वजह से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ रहा है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का नेतृत्व बकवास और अफ़वाहों से भरा हुआ है। वे हर पल गिरगिट की तरह अपना रंग बदलते रहते हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी जिस तरह से देश की हर मजबूत सरकारी व्यवस्था के बारे में बयान देते हैं, उससे देश के लोकतंत्र पर कोई गहरा असर नहीं पड़ता, बल्कि उनके बयानों को देश के हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रोल किया जाता है या कपिल शर्मा के शो की तरह वह देश भर में उनका कही बातों का वीडियो घूम-घूम कर अपना मजाक उड़वाते हैं और देश के लोकतंत्र का मनोरंजन करते हैं, जबकि राहुल गांधी को अपनी आत्मा से विचार उत्पन्न करने चाहिए और अगर वह देश में केवल अच्छी बातें ही कहेंगे तो उनके बयानों से देश का लोकतंत्र प्रभावित होगा, क्योंकि राहुल गांधी की नीयत और नीतियां देश के हित में लगती हैं, लेकिन राहुल गांधी दूसरों के बयानों से प्रभावित होकर दूसरों के बयानों को देश के सामने पेश करते हैं, इसीलिए वह ठीक से बोल नहीं पाते और दूसरे लोगों के बयानों को ही अपने शब्द बता देते हैं और उनके द्वारा कही गई अधूरी बातों के कारण वह हंसी का पात्र बन जाते हैं।

एक अच्छे नेता होने के साथ-साथ वह देश की तकदीर और तस्वीर भी बदलना चाहते हैं। राहुल गांधी देश के लिए बीजेपी के पीएम नरेंद्र मोदी से बेहतर करना चाहते हैं, लेकिन उनके इर्द-गिर्द उनके ही नेता उन्हें सही ज्ञान नहीं देते, ये फर्जी गुरु ज्ञान उनकी कांग्रेस पार्टी को पीछे धकेल रहा है, जबकि राहुल गांधी को ये बाहरी गुरु ज्ञान छोड़ देना चाहिए, तभी देश में कांग्रेस सुधरेगी और उनके कई नेता भी यही बात कहते हैं, ये अंदरूनी मामला है अगर ये बात कोई राहुल गांधी तक पहुंचा दे तो क्या पता देश में कांग्रेस की एक नई तस्वीर दिखने लगे।

भारत एक बहुधार्मिक देश है और इसकी अधिकांश जनसंख्या सनातनी हिन्दू है। लेकिन कांग्रेस एक धर्म को अपना वोट बैंक मानकर उस पर काम कर रही है, यही कांग्रेस के पतन का सबसे बड़ा कारण है, देश की जांच एजेंसियों पर सवाल उठाना, पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाना, चुनाव आयोग पर सवाल उठाना, देश की सेना पर सवाल उठाना, देश की कर्तव्यनिष्ठ अदालत पर सवाल उठाना, देश के संविधान पर सवाल उठाना, देश के लोकतंत्र की जातियों पर सवाल उठाना, सवाल उठाना कि देश का लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है, विदेश में जाकर सवाल उठाना कि देश के मुसलमान खतरे में हैं, और कांग्रेस के नेताओं द्वारा अनेक बातों पर सवाल उठाना, देश में अफवाह फैलाना, अपने ही देश के उद्योगपतियों के हित में न बोलना, देश में उनका अपमान करना और इन सब अनेक कारणों से कांग्रेस देश के लोकतंत्र में जाकर देश के लोकतंत्र में भ्रम पैदा करती है।

क्या कांग्रेस को देश चलाने का कोई और फार्मूला पता है कि वो देश के मामलों की बात विदेश में करती है, देश के लोकतंत्र में उसकी नीति और नीयत क्या है ये साफ नहीं है, कांग्रेस देश में कौन सी नई चीज करना चाहती है जिससे देश की जनता का भला हो, देश के लोकतंत्र को और मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का फार्मूला क्या अपनाया जा रहा है? क्या वह आलू से सोना बनाने जा रही है? और वह इसे बनाकर देश की जनता को देगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनके नेताओं को इन सब बेतुकी बातों से बचना चाहिए, उन्हें सबको साथ लेकर चलना चाहिए। अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो उन्हें देश को इन्हीं संस्थाओं के जरिए चलाना होगा जो आज भाजपा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सरकारी संस्थाओं के जरिए चला रहे हैं। और देश का लोकतंत्र इन्हीं सरकारी संस्थाओं से चलता है।

यही हाल इन दिनों आम आदमी पार्टी का है जो वर्तमान कांग्रेस की नीतियों पर चल रही है जो हरियाणा में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। वह भी गिरगिट की तरह अपना रंग बदलती है। कभी भाजपा नेताओं के पैर पकड़ती है तो कभी अपनी नाकामियों का ठीकरा दिल्ली के एलजी पर फोड़ती है। आजकल आम आदमी पार्टी दिल्ली में अति आत्मविश्वास की राजनीति कर रही है। आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल सीएम पद से इस्तीफा देकर कछुए की तरह खुद को सेफ जोन में ले आए हैं और दिल्ली की जनता के बीच खुद को ईमानदार दिखाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि मौजूदा सीएम आतिशी उनकी अंडरग्राउंड सीएम हैं। अरविंद केजरीवाल सभी को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वही कहावत सामने आ रही है कि हाथी के खाने के दांत अलग और दिखाने के दांत अलग होते हैं। अरविंद केजरीवाल उसी कहावत का चरित्र दिल्ली में निभा रहे हैं ताकि दिल्ली की जनता भ्रमित हो जाए और मेरी आम आदमी पार्टी दिल्ली में फिर से मजबूती से खड़ी हो जबकि पीएम नरेंद्र मोदी दुनिया के देशों में हमारे देश का मान बढ़ाया है।

और उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर लाकर देश के जरूरतमंद लोगों को लाभान्वित किया है, इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी गर्व से शेर की तरह दहाड़ते हैं और उनके अच्छे कार्यों के कारण, भाजपा को देश के कई राज्यों में लाभ मिल रहा है। आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल साहब, आप पढ़ाई करके आए हैं, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी संघर्ष करके आए हैं, एक छोटे से पार्टी कार्यकर्ता से सीएम से पीएम तक का सफर तय करने वाले नरेंद्र मोदी एक अनुभवी व्यक्ति हैं। अन्ना हजारे के एक छोटे से विरोध प्रदर्शन से पैदा हुए, वे आपकी तरह नेता नहीं बने, वे आपकी तरह नेता नहीं हैं जो मौका मिलते ही चौका मार देते हैं, नरेंद्र मोदी कई कठिनाइयों का सामना करने के बाद आज देश के प्रधानमंत्री बने हैं, उनके अच्छे पारदर्शी अनुभव आज देश को मजबूत बना रहे हैं। वह दुनिया को शांति का पाठ पढ़ा रहे हैं, युद्ध कोई समाधान नहीं है, पीएम नरेंद्र मोदी एक अहंकार रहित नेता हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी जहां अपने भाषणों में देश की दूसरी राजनीतिक पार्टियों को आगे बढ़ने का फार्मूला बताते हैं, लेकिन उनके विरोधी दल के नेता उनका विरोध करने के चक्कर में इस ओर ध्यान नहीं देते, पीएम नरेंद्र मोदी अपने दुश्मनों को भी आगे बढ़ने के नए-नए तरीके बताते हैं, लेकिन उनके विरोधी नेता उन्हें चाय बेचने वाला एक गरीब नेता मानते हैं। यानी ये अमीर नेता अहंकार वश उन्हें एक गरीब और कमजोर नेता के रूप में देखते हैं, जबकि उनके विरोधी नेता उनकी बुद्धि की ताकत को आज तक समझ नहीं पाए हैं। 

क्योंकि ये लोग अमीर परिवारों से नेता बने हैं और पीएम नरेंद्र मोदी गरीबी से नेता बने हैं और इसलिए उन्हें जमीन के बारे में ज्यादा जानकारी है और उस जमीनी जानकारी को ही वह अपना आधार बनाकर आगे बढ़ रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी देश के राज्यों की जमीनी हकीकत को समझकर वहां के लोगों को सुविधाएं देने की बात करते हैं और जब वह सत्ता में आते हैं तो तुरंत उन सुविधाओं को जमीन पर ले आते हैं और इसका फायदा बीजेपी को बार-बार मिल रहा है। देश की जरूरतमंद जनता की मनोकामनाएं पूरी होने के कारण ही वह पीएम नरेंद्र मोदी को अपना ताकतवर नेता मानते हैं, चमत्कार को सलाम।