विश्व हिन्दू परिषद के नेता व भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता द्वारा फेसबुक शोसल मिडिया मे भिलाई मे अवैध मज्जिद को तोड़ा गया का दुश प्रचार कर व बस्तर मे अवैध मज्जिद व चर्च इस पर क्या और पांच साल इन्तेजार करना पड़ेगा सनातनिओ को,का विचार रख लिखकर पोस्ट करना गैर संवैधानिक कृत्य, धार्मिक भावनाओं को चोंट पहुंचाने का प्रयास, बेहद निंदनीय, निवेदन बस्तर पोलिस कोई कार्यवाही ना करें क्यूंकि धर्म के आड़ पर जबरन हीरो बनने का मात्र प्रयास - नरेन्द्र भवानी /छ. ग. यु. म. संस्थापक




विश्व हिन्दू परिषद के नेता व भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता द्वारा फेसबुक शोसल मिडिया मे भिलाई मे अवैध मज्जिद को तोड़ा गया का दुश प्रचार कर व बस्तर मे अवैध मज्जिद व चर्च इस पर क्या और पांच साल इन्तेजार करना पड़ेगा सनातनिओ को,का विचार रख लिखकर पोस्ट करना गैर संवैधानिक कृत्य, धार्मिक भावनाओं को चोंट पहुंचाने का प्रयास, बेहद निंदनीय, निवेदन बस्तर पोलिस कोई कार्यवाही ना करें क्यूंकि धर्म के आड़ पर जबरन हीरो बनने का मात्र प्रयास - नरेन्द्र भवानी /छ. ग. यु. म. संस्थापक
जगदलपुर : मामले मे छत्तीसगढ़ युवा मंच मे संस्थापक नरेन्द्र भवानी नें बयान जारी काहा है की बस्तर विश्व हिन्दू परिषद के नेता व भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता द्वारा अपने शोसल मिडिया फेसबुक आई.डी मे यह लिखकर पोस्ट करके भ्रमक जानकारी पोस्ट किया गया की कुछ दिन पूर्व भिलाई में अवैध मज्जिद को तोड़ा गया, जबकि सच्चाई यह है की भिलाई में जो कार्यवाही हुवा वह मज्जिद तोड़ने का नहीं बल्की दरगाह के बाउंड्री,आजु बाजू निर्माणधीन मकाने जो अवैध रूप से बन रहें थे जानकारी के आभाव में यह हुई थी कार्यवाही जीस पर समाज को भी कोई आपत्ति नहीं रही, दरगाह मज्जिद इबादत करने का वह स्थान है जिसे तोडना तों दूर, तोड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकते चाहे सरकार किसी की भी हों, अब ऐसे स्थिति में कुछ धार्मिक नेता शांत जगह को अशांत करने के प्रयास में गलत जानकारी देते हुवे,अपना लोकप्रियता हासिल करने हेतू यह कृत्य करते है जो गैर संवैधानिक है।
भवानी नें आगे काहा है की भाजपा की सरकार में उनके कइयों कार्यकर्ताओ द्वारा देखा गया है की खुलेआम शोसल मिडिया में पोस्ट कर रहें है, अब मज्जिद और चर्च अवैध के नाम पर हटाने या तोड़ने की चर्चा, लिखा तों यह भी जा रहा है की अब क्या फिर पांच साल इन्तेजार करना पड़ेगा तों ऐसे बुद्धि जीवियों के लिए मेरा कहना है को भारत का देश किसी सरकार से नहीं चलता बल्की भारत के संविधान से चलता है, देश के कानून से चलता है एक भी धार्मिक स्थल चाहे वह मज्जिद हों या चर्च या हों मंदिर या गुरुद्वारा किसी भी धार्मिक स्थल को तोड़ने का दम किसी भी सरकार में नहीं जब तक वह धार्मिक स्थल किसी विकास कार्यों में बाधित ना हों रहा हों या अन्य कोई जरुरी रीजन ना हों, ऐसा कहना सोचना बिलकुल गलत गैर संवैधानिक कृत्य संविधान के अनुच्छेद 19 (1) A का उलघ्न है जीस पर आई. पी. सी. की धारा 152 A के तहत 3 साल तक का सजा का प्रावधान है, और यही संविधान का ताकत है, ऐसे मानसिकता रखने वाले एक बार संविधान की ओर दृष्टि जरूर करिएगा।
वहीं भवानी नें काहा की ही बस्तर के विश्व हिन्दू संघठन के नेता व भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता द्वारा फेसबुक में खुलकर काहा गया है की बस्तर में भी अवैध मज्जिद व सैकड़ो चर्च है, इसका क्या, तों इन नेता को बयान के माध्यम से कहना चाहूंगा कितने अवैध मज्जिद व चर्च की सूची है तत्काल वें जिला प्रशासन के पास जाए शिकायत दर्ज कराए और नियम तः कार्यवाही की मांग करें यु माहौल खराब करते हुवे एक समुदाय से दूसरे समुदाय को लड़ाने व आशान्ति फैलाने का कृत्य ना करें ऐसा कृत्य गैर कानूनी है गैर संवैधानिक है पर चिंता ना करें कोई शिकायत या कोई गिरफ़्तारी की मांग पर कोई आवेदन नहीं देंगे, क्यूंकि ऐसे कृत्य बचकाना हरकत है और अकसर ऐसे हरकतो को नजर अंदाज करके चलना ही समझदारी होता है क्यूंकि हम शांत के पक्ष में रहने वाले से में है।
भवानी नें बताया है की संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (A) के तहत सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है. इंटरनेट और सोशल मीडिया ने इसे प्रोत्साहित करने में अहम रोल निभाया है. हालांकि अभिव्यक्ति की यह आजादी उसी सीमा तक है, जहां तक आप किसी कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं और दूसरे को आहत या नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.अगर किसी पोस्ट पर या फिर किसी पोस्ट को शेयर करने से किसी की भावना आहत होती है या दो समुदायों के बीच नफरत पैदा होती है, तो ऐसा कृत्य करने वालों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है. भारतीय संसद ने साइबर क्राइम को रोकने के लिए साल 2000 में इनफॉर्मेशन एक्ट यानी आईटी एक्ट भी बनाया था, इसी लिए मै हमेशा बोलता हूँ देश भारत के संविधान से चलता है नहीं तों ऐसे विचार रखने वाले पूरा देश में खून की नदिया बहा देंते पर बड़ा दुःख का विषय है बस्तर में बस्तर पोलिस सायबर टीम द्वारा ऐसे कृत्य करने वालों को खुला आजादी दें रखी है तों वहीं गलती से भी किसी मुसलमान या ईसाई भाइयों से कोई पोस्ट शेयर भी जाए तों उनका जेल जाना पक्का है ऐसे भेदभाव क्यूँ।