बराबर सुमिरन ध्यान भजन करते रहोगे तो जब तक इस दुनिया में रहोगे, सुखी रहोगे...

बराबर सुमिरन ध्यान भजन करते रहोगे तो जब तक इस दुनिया में रहोगे, सुखी रहोगे...
बराबर सुमिरन ध्यान भजन करते रहोगे तो जब तक इस दुनिया में रहोगे, सुखी रहोगे...

बराबर सुमिरन ध्यान भजन करते रहोगे तो जब तक इस दुनिया में रहोगे, सुखी रहोगे

विश्वास के साथ साधना करना शुरू करो, फिर देखो बरकत होना शुरू हो जाएगी

उज्जैन (म.प्र.)। सन्तमत से लोगों को स्थाई और हर तरह का फायदा लाभ दिलाने वाले, सही तरीके से साधना करना सिखाने वाले की वो कबूल हो जाए और साधना में तरक्की हो, अपने भक्तों के लिए लोक और परलोक दोनों बनाने वाले, सब तरीके जानने-जना देने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज ने होली कार्यक्रम में 17 मार्च 2022 प्रातः उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि चाहे नए हो या पुराने हो, सुमिरन करना जिसको नहीं आता है, वो यहां लगातार (सुमिरन) करने वाले पुराने लोगों से पूछ लो। और जिनको सुमिरन वगेरह करना आता है, ध्यान भजन करते हो, आप इन लोगों से पूछ लो कि आप (नये) लोग (सुमिरन ध्यान भजन) करते हो या नहीं। और करते हो तो कैसे करते हो। क्योंकि गलत तरीके से सुमिरन करने पर सुमिरन कबूल नहीं होता है, माना नहीं जाता है। जैसे किसी का नाम सुरेश है और आप महेश महेश बुलाओ तो बोलेगा? (नहीं बोलेगा) ऐसे ही। तो समझ लो। जैसे वह (पुराने अभ्यासी) करते हैं उसी तरह से करो। एक से पूछो, दो से पूछो। कभी ऐसा भी होता है कि जो बहुत पुराना होता है उनको भी रूप नाम ठीक से याद नहीं होता है।

दया के स्रोत घाट कौनसे हैं

महाराज ने 16 मार्च 2020 प्रातः उज्जैन आश्रम बताया कि सन्तमत में गुरु की मदद की जरूरत होती है। गुरु के बगैर आगे कोई बढ़ नहीं सकता है। लेकिन गुरु को रिझाना मुश्किल होता है। जबरदस्ती गुरु से कोई चीज नहीं ले सकता है। किसी से भी कोई जबरदस्ती नहीं ले सकता है लेकिन प्रेम से ले सकता है। हम लोग क्या करते हैं? गुरु को, गुरु के मिशन को भूल जाते हैं। गुरु ने हमको जो काम, नाम दिया, उसी को भूल जाते हैं। नहीं भूलना चाहिए। दया लेनी है तो यह सब दया के घाट है- गुरु से प्रेम करना, गुरु के बताए रास्ते पर चलना, उनकी बातों का अक्षरक्ष: पालन करना, यह दया का स्रोत, घाट है।

बराबर सुमिरन ध्यान भजन करते रहोगे तो सुखी रहोगे

महाराज ने 17 मार्च 2022 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि (सतसंग वचन) सुनो और भूल मत जाओ। देखो! हम बहुत सुनाए। सुनाने का कितना असर पड़ा- यह मैं अब देखना चाहता हूं कि आप सुनते तो हो लेकिन सुन कर चले जाते हो, करते नहीं हो। आपको करना है। आदेश का पालन करना है। नये लोग जो बैठने लगे, उनको फायदा दिखाई पड़ रहा है। पुराने लोगों से ज्यादा दिख रहा है। उन पर गुरु महाराज की दया ज्यादा हो रही है। इसीलिए आप लोग ध्यान भजन सुमिरन बराबर करते रहो। मुक्ति मोक्ष का यही सीधा सरल रास्ता है। जब तक शरीर में, इस मृत्युलोक में रहोगे, यदि सुमिरन ध्यान भजन लगातार करते रहो तब तक सुखी रहोगे।

भजन में बरकत होना शुरू हो जाएगी परीक्षा करके देख लो

महाराज ने 1 जनवरी 2021 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि गुरु महाराज से नए वर्ष के लिए हमारी यह प्रार्थना है कि आप लोगों के लिए दुनिया की कमाई में, मान-सम्मान में तो बरकत आपको दे ही दे लेकिन भजन में भी बरकत दें। लेकिन प्रेमियों मैं आपसे कहूंगा कि आप गुरु के वचन को याद रखो। गुरु महाराज कहे थे कि बच्चा एक घंटा सुबह, शाम भजन करो तो आप विश्वास के साथ करना शुरू करो और फिर देखो। यह जो मैं बोला हूं उसके लिए मैं गुरु से प्रार्थना करूंगा, वह चीज आपको गुरु देते हैं कि नहीं देते हैं, यह आप परीक्षा करके देख लो। यह चीजें आपको मिलनी शुरू हो जाएगी। बढ़ोतरी इन चीजों में होनी शुरू हो जाएगी। इसलिए आप आदेश का पालन करो और गुरु को हमेशा मस्तक पर सवार रखो।