धनवंतरी, समुद्र मंथन में जो जड़ी-बूटियों के ज्ञान का घड़ा लेकर निकले थे, आज उसकी जरूरत है लोगों को...

धनवंतरी, समुद्र मंथन में जो जड़ी-बूटियों के ज्ञान का घड़ा लेकर निकले थे, आज उसकी जरूरत है लोगों को...
धनवंतरी, समुद्र मंथन में जो जड़ी-बूटियों के ज्ञान का घड़ा लेकर निकले थे, आज उसकी जरूरत है लोगों को...

सरकारों, विद्वानों, आयुर्वेद वालों को चाहिए कि प्रकृति और ऋषि-मुनियों के बनाये नियम-सयंम को लोगों को बताया - सिखाया जाय

धनवंतरी, समुद्र मंथन में जो जड़ी-बूटियों के ज्ञान का घड़ा लेकर निकले थे, आज उसकी जरूरत है लोगों को


उज्जैन (म प्र) : इस समय के पूरे सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त महाराज ने दीपवाली कार्यक्रम में धनतेरस के दिन 10 नवंबर 2023 दोपहर उज्जैन आश्रम में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आज के दिन धनवंतरी निकले थे इसलिए बताना जरूरी है कि शरीर के अंदर जीवात्मा है। करना आपके शरीर से ही है। शरीर को भी स्वस्थ रखने की जरूरत है। शरीर को स्वस्थ रखने वाली चीज यहां हैं। यह सब बनाया किसने? जिसको काल भगवान कहा गया। पेट्रोल बिना गाड़ी, ईंधन लकड़ी बिना राशन काम का नहीं। ऐसे ही उन्होंने मां के पेट में मनुष्य शरीर बनाने के साथ-साथ बाहर निकलने पर बच्चे के लिए मां के स्तन में दूध, बाद में खाने के लिए भोजन पानी आदि सारी चीजों को भी बना दिया।

 अति सर्वत्रे वर्जते

बच्चे, बूढ़े, जवान का मन होता है। मन इस शरीर का राजा बन गया। मन किसी चीज में खाने में लग गया तो बच्चा बार-बार मांगेगा, वही खाएगा। आति सर्वत्र वर्जते। किसी चीज का अति जब हो जाता है तो नुकसान करता है। अधिक बोलना, अधिक चुप रहना, ज्यादा बरसात, ज्यादा सूखा भी अच्छा नहीं होता। मतलब भर की चीज होती हैं। कब? जब जानकारी होती है। जैसे खेत में पानी ज्यादा लगा दो तो वही पौधे को बढ़ाने वाला पानी, पौधे को गला करके खत्म कर देगा। ज्यादा होने पर रोटी को पकाने वाली आंच, उसी रोटी को जला देती है।

इस सृष्टि का मालिक काल भगवान पहले ही सब चीजों को मनुष्य के लिए बनाकर तैयार कर दिया

मान लो अति हो गई और उपाय नहीं मालूम तो रोग का निदान नहीं मिल पाता है। जैसे शुरू में कोरोना का निदान नहीं मिला।तो निदान भी जानना है। सारी चीजों को काल भगवान ने पहले ही बना करके तैयार कर दिया। शरीर का समय पूरा होने पर काल दया करता ही नहीं है। लेकिन जब तक उसने जीने का समय दे रखा है, सांसों की पूंजी है, तब तक इस शरीर के पालन पोषण के लिए सारी चीज उपलब्ध करा दी जिससे तुम अपना काम कर लो। वह अपने सिद्धांत उसूल का बहुत पक्का है। नियम बन गया तो उसको जल्दी तोड़ता नहीं है। लेकिन सब कुछ होते हुए भी आप अगर चूक जाओगे तो छोड़ेगा नहीं, एक दिन अपने गाल में काल ले लेगा।

जड़ी बूटियां सब प्रकृति में हैं, कोई बताएगा तभी तो जानकारी होगी

मान लो को तबीयत खराब हो गई कैसे ठीक होगा बेमौत मरेगा। आदमी को बेमौत नहीं मरने दिया, उसने जड़ी-बूटियां आदि बहुत चीजों को बना दिया। हर तरह की लाभकारी औषधीय पत्तियों को खाने की वजह से बकरी के दूध में ज्यादा गुण होते हैं। कोई यह सोचे कि हम गाय को, बकरी खा लेंगे तो हमारा रोग ठीक हो जाएगा तो रोग ठीक नहीं होगा बल्कि रोग बढ़ेगा। 

 जीवात्मा ऊपर जिस लोक में चली जाएगी उसके जैसे ही हो जाएगी

ऊपर के लोक ऐसे हैं, वहां सब ताकतवर हैं, सब एक जैसे हैं, सब एक जैसा कपड़ा पहनते हैं, सबके अंदर एक जैसा गुण है। आपकी जीवात्मा अगर ऊपर चली जाए, जिस लोक में जाएगी उसके जैसे ही हो जाएगी, उसके ही पावर में आ जाती है चाहे सरस्वती पार्वती के लोक में जाए, चाहे शिव ब्रह्मा के लोक में जाए।