बाबा उमाकान्त ने बताई बच्चों की शादी करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें...




बाबा उमाकान्त ने बताई बच्चों की शादी करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
सतसंग सुनते रहो, बच्चों को सुनाते रहो
उज्जैन (म.प्र.)। यदि गृहस्थी की टेंशन ज्यादा होगी तो आध्यात्मिक साधना में मन लगना बड़ा मुश्किल है तो इस दुनिया के झंझटों तकलीफों परेशानियों का स्थाई और पक्का उपाय बता कर अपनी जीवात्मा के कल्याण के लिए प्रेरणा देने वाले, नामदान रूपी अमोलक आध्यात्मिक दौलत फ्री में लुटाने वाले, गृहस्थी सेट करने के उपाय बताने वाले, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, लोकतंत्र सेनानी, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त ने 1 जनवरी 2021 प्रातः उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि सन्तों के पास लोगों का आना-जाना हो गया बंद। तो खुद नहीं समझ पाते हैं कि गृहस्थ का धर्म क्या है? किस तरह से खाना, पहनना, रहना, एक-दूसरे के साथ व्यवहार करना चाहिए। इसीलिए कहा गया कि बराबर सतसंग सुनते रहो और बच्चों को भी सुनाते रहो, उनके अंदर संस्कार डालते रहो। गृहस्थ धर्म का अगर पालन होने लग जाए और इसकी एक रूपरेखा बन जाए तो अभी जीवन सुखमय हो जाए।
सात वर्ष तक के बच्चों को कर्मों की माफी हो जाती है
महाराज ने 8 मार्च 2020 सांय उज्जैन आश्रम में बताया कि अनजान अज्ञान होने की वजह से सात वर्ष तक के बच्चे द्वारा किये कर्मों की माफ़ी हो जाती है। चूँकि कर्मों की सजा तो मिलनी ही मिलनी होती है तो सजा उसके मां-बाप को मिलती है क्योंकि मां-बाप ने उसको समझाया बताया नहीं। लड़के ने गलती कर दिया, जीव को मार काट दिया तो जीव हत्या का पाप तो लगेगा ही लगेगा लेकिन बच्चे को नहीं बल्कि उसके मां-बाप को लगता है कि तुमने बताया समझाया नहीं। जब बच्चा बड़ा हो जाता है तब उसको जानकारी ज्ञान हो जाता है। उस समय जब गलती करता है तो सजा मिलती है। जानकारी के बाद जब सजा मिलती है तो सख्त सजा मिलती है। फिर कोई माफी नहीं होती है। यमराज उस समय कुछ माफ नहीं करता है।
बच्चों की शादी करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
महाराज ने 12 नवंबर 2020 दोपहर उज्जैन आश्रम में बताया कि आप जो लड़की वाले हो, जो मैं कहता हूं उस बात के आधार पर, उस मापदंड में आप देख लो कि लड़का कमाने लायक है, शुद्ध सात्विक धार्मिक विचारधारा का है। ठीक से पता लगा लो कि समय से उसकी शादी ब्याह कर दे रहे हैं या नहीं। लेट तो नहीं हो गया कि इधर-उधर उनका मन बहक गया हो और उसका लगाव कहीं और हो गया हो और उसके घर वाले दबाव डालकर के लड़के से मेरी लड़की की शादी करा दे रहे हो और फिर न निभे। तो लड़की वाले आप इस बात को समझ लो। और लड़के वाले भी आप देख लो कि समय से आप लड़के की शादी नहीं कर पाए और उसका लगाव कहीं दूसरी जगह हो गया और फिर आपने ध्यान नहीं दिया और मना करते हुए भी आपने जबरदस्ती शादी कर दिया या शरीर से सक्षम नहीं है तो उसका आपने कर दिया। फिर आपके लिए दिक्कत हो जाएगी, कलंक हो जाएगा। आपका जीवन सुखमयी रहना मुश्किल हो जाएगा। यह बातें मुझको इसलिए मंच से बतानी पड़ रही है कि आप जब बच्चों से परिवार वालों से दुखी रहोगे, गृहस्थी में तकलीफ रहेगी तो आप भजन नहीं कर सकते हो, आपका मन ध्यान उधर ही लगा रहेगा। तो एक साथ दो ध्यान कैसे लग सकता है? मन कैसे दो जगह लग जाएगा? मन एक ही तरफ रहेगा। गृहस्थी की परेशानियों की तरफ ही रहेगा, भजन ध्यान की तरफ मन नहीं लग पाएगा। इसीलिए मन इसमें लगे, उसके लिए आप गृहस्थी को सेट करो। शुरू से ही जब आप ध्यान रखोगे, जिसके बच्चे छोटे हैं कि कहां जा रहे हैं, क्या कर रहे हैं तो यह जो समस्या पैदा हो रही है, यह नहीं पैदा होगी। और जो बिगड़ भी रहे हैं, देख भी रहे हो, अच्छे लोगों का साथ करो, अच्छे लोगों के साथ उठे बैठें, उन्ही के उम्र के अच्छे बच्चों के साथ उठे बैठे तो उनके अंदर सुधार आ जाएगा। भजनांनदी के पास बैठने लगेंगे बच्चे बच्चियां तो भजनांनदी बन जाएंगे। अच्छा माहौल, अच्छा वातावरण तैयार हो जाएगा।