यदि जयगुरुदेव नाम पर आपकी वजह से आंच आएगी तो माफी नहीं होगी

यदि जयगुरुदेव नाम पर आपकी वजह से आंच आएगी तो माफी नहीं होगी
यदि जयगुरुदेव नाम पर आपकी वजह से आंच आएगी तो माफी नहीं होगी

यदि जयगुरुदेव नाम पर आपकी वजह से आंच आएगी तो माफी नहीं होगी

कार्यक्रम में आने वालों का कोई, किसी तरह का नुक्सान नहीं होगा

उज्जैन (म.प्र.)। जब बड़ा काम बाकी रहता तो जैसे बाप, बेटे को अपनी पूरी पॉवर ही नहीं देने बल्कि और ज्यादा पॉवर देने की व्यवस्था करके जाता है, तो निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, कलयुग को पदस्थापित कर सतयुग लाने में दिन-रात लगे, अनेकाने कलाओं से युक्त, अपने गुरु के नाम काम मिशन को सर्वोपरि मानने वाले, और उसे पूरा करने में अपना सर्वस्व लगा देने वाले, अपने गुरु के सच्चे शिष्य चेले भगत, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 7 मई 2023 प्रातः उज्जैन (म.प्र.) में एनआरआई संगत को ऑनलाइन दिए संदेश में बताया कि - 

कार्यक्रम में आने वालों का कोई, किसी तरह का नुक्सान नहीं होगा

देखो हर लाभ का फायदा तभी मिलता है, जब अवसर आता है। जैसे कभी सेल का अवसर आता है। सेल में हर तरह का माल रहता है। अगर छांट कर के ले लिया तो अच्छा माल सस्ते में मिल जाता है। तो मौके का फायदा स्वयं भी उठाना चाहिए और अपने हित मित्रों परिवार वालों को भी दिलाना चाहिए। गुरु महाराज कहते थे जब कार्यक्रम की खबर मिले, चल पड़ना बच्चों। एक-एक आदमी 20-20 आदमी, कभी 10 आदमी बोला, कभी 5 आदमी बोले, उनको साथ में ले आना। उनको भी नाम दान दिला देना। चैलेंज के साथ मंच से बोलते थे, इस मंच से जो मैं बोलूंगा, एक बात भी गलत नहीं होगी। समझाते भी थे कि कुछ नहीं बिगड़ेगा। ज्यादतर छोटे लोगों को पकड़ा। जिनकी दुकान थी, उन्हें भी समझाते, तुम दुकान बंद करके चले आना और यहां से जब जाओगे तो देख लेना, तुम्हारी आमदनी पिछले महीने से ज्यादा होगी। तुम्हारा कोई नुकसान नहीं होगा, आमदनी बढ़ जाएगी। तुम को कम नहीं तोलना रहेगा, मिलावट नहीं करनी रहेगी, झूठ बेमानी अपनाना नहीं पड़ेगा, तुम्हारी बिक्री बढ़ जाएगी। यहां तक स्वामी जी महाराज बोले कि तुम्हारे एक ही ग्राहक भेज दिया जाएगा जो सारा सामान खरीद लेगा और उसी में तुमको मुनाफा मिल जाएगा। तो देने वाले तो गुरु हैं। दाता केवल सतगुरु, देत न माने हार। गुरु छप्पर फाड़ करके देते हैं। आप लोग इस तरह का अनुभव कर भी रहे होंगे कि आपका बढ़ता ही चला जा रहा है, धन भी, प्रतिष्ठा भी। लेकिन उसी के साथ-साथ भक्ति भी जिसकी बढ़ती है, उसका यह बढ़ता है। जब भक्ति में कमी आती है, गुरु के प्रति अभाव पैदा होता है, कर्मों की सजा जब मिलती है, गुरु को झूठा बताते हैं, गुरु पर शंका करने लगते हैं तब और तकलीफ बढ़ जाती है। इंदौर के एक प्रेमी के किस्से से समझाया कि मेहनत और ईमानदारी की कमाई करो। देने वाले का बड़ा लंबा हाथ होता है। कहा गुरु महाराज ने कर्मचारियों, अधिकारियों! अगर एक बीमारी से तुमको छुटकारा दिला दिया गया तो तुम्हारा बहुत रुपया बच जायेगा, जैसे हॉस्पिटल में एडमिट हो जाए, विदेश में इलाज के लिए जाए, किराया भाड़ा आदि बहुत बच जायेगा। अरे विश्वास करो। किसानों! अगर न विश्वास पड़े तो यहां की मिट्टी ले जाओ और अपने खेत के बीच में डाल देना। पडोसी उसके खेत में जितनी करे, उसकी आधी सिंचाई करना, खाद मत डालना, पैसे बचेंगे और जब फसल तैयार हो जाएगी तब तौल कर देख लेना, पडोसी से ज्यादा पैदावार तुम्हारे खेत में होगी। मुख्य रूप से समझो 

दाता केवल सतगुरु, देत न माने हार

वो प्रभु ही परवरिश करता है, चलाता वह है। हमारा कोई जोर दबाव नहीं है लेकिन हमको जो गुरु महाराज की दया मिली, उसको मैं आपको बता रहा हूं। दया का समय होता है, दया का घाट होता है। दया की बरसात होती है। श्रद्धा विश्वास भाव के अनुसार मिलेगा। देखो बारिश में बाहर वाला भीगता है और कमरे में बैठने वाला नहीं। तो कहां से उसे फायदा हो पाएगा? विचार करो, समय निकालो। जो दया दुआ हमको गुरु की मिल रही है, आप लोगों को भी मिल जाए। बराबर भजन ध्यान सुमिरन में लगे रहो। मत सोचो की हम अमर होकर आये हैं, प्राणों को हथेली पर देखते रहो, पता नहीं कब उड़ जाए। मेहनत ईमानदारी से अपना काम करते रहो और बचत को हमेशा अच्छे काम में हमेशा लगाते रहो तो उससे लक्ष्मी बढ़ जाएगी। भजन ध्यान करने लगोगे तो उससे शांति मिलेगी। दूसरों को सतसंग सुनाओगे, गुरु की चर्चा करोगे, गुरु की बातें बताओगे तो उससे आपके मन को शांति, लाभ मिलेगा। बराबर आप लोग इस काम में लगे रहो। बोलो जयगुरुदेव।

जयगुरुदेव नाम पर आंच आएगी तो माफी नहीं होगी

महाराज ने 1 जनवरी 2020 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि बच्चों की शादी के लिए फोटो देखना मैंने बंद कर दिया है। हमको तो अब दिखाना मत कोई। शादी ब्याह, घर की समस्या, यह वह जो हमारा नाम सब जगह लेते हो और हमको लोग गाली देने लगते हैं, और हमारे गुरु के लिए यह कहने लगते हैं कि बाबा ने क्या उनको यही सिखाया और आपको महाराज जी ने क्या यही सिखाया? यह जो हमारे काम में रुकावट आती है, यह आनी नहीं चाहिए। आपकी वजह से मिशन में कोई कमी, रुकावट आई और हमारे गुरु महाराज के नाम पर, जयगुरुदेव नाम पर कोई आंच आई तो आप समझ लो माफी नहीं होगी, सजा भोगने के लिए तैयार रहना। इस चीज को आप लोग समझ लो। चंट चालकी संगत में नहीं होनी चाहिए। सरल भाव होना चाहिए।