अगर विपक्षी दलों का कोई नेता देश का प्रधानमंत्री बन जाए तो क्या देश का लोकतंत्र मजबूत और सुरक्षित हो जाएगा, जरा सोचिए कि क्या बंगाल के पंचायत चुनाव में बंगाल का लोकतंत्र सुरक्षित था? जो कि विपक्षी पार्टियों का हिस्सा है.
If a leader of the opposition parties becomes the Prime Minister




NBL 12/07/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: If a leader of the opposition parties becomes the Prime Minister of the country, will the democracy of the country become strong and safe, just think whether the democracy of Bengal was safe in the panchayat elections of Bengal? Which is part of the opposition parties.
विपक्षी दलों के नेताओं का एक ही कहना है बीजेपी पीएम मोदी के शासन काल में देश की लोकतन्त्र खतरे में है, और देश में बीजेपी चारों तरफ नफरत फैला रही है, और मणिपुर उसका उदाहरण है, कांग्रेस नेता राहुल गाँधी जी भारत जोड़ों यात्रा के दौरान एक ही बात करते थे हम प्यार की राजनीति करते हैं और बीजेपी नफरत की राजनीति करते हैं, और हम प्यार बाँटने का काम कर रहे हैं, नफरत बाँटने का काम बीजेपी की है, और प्यार बाँटने कांग्रेस नेता राहुल गाँधी जी मणिपुर के धरती पर चले गए कई प्रकार के अड़चनों के बावजूद वहाँ के लोगों से मिला जो आज बहुत से तखलिफो से गुजर रही है मणिपुर की आवाम और देश के अखबार व टीवी चैनल पर खूब प्रचार किए कांग्रेसी नेता लोग और खुद राहुल गाँधी जी सोशल मीडिया के ट्विटर पर अपने प्यार वाले कारनामे को ट्वीट कर देश को बीजेपी शाषित राज्य मणिपुर के बिगड़े हालातो को सम्पूर्ण देश को बताया।
जबकि मणिपुर में दो समुदायों की लड़ाई है और इस दंगे का मुख्य मुद्दा कोर्ट के दिए गए फैसले के कारण हुआ अपने जाति समाज के आरक्षण पर ये समुदाय आपस में लड़ झगड़ पड़े और आगजनी और कुछ जान माल की नुकसान भी हुआ और यह उन दोनों समुदायो की बहुत पुरानी लड़ाई झगड़े है जो कोर्ट ने हवा दे दी आरक्षण को लेकर अब इस पर अगर विपक्षी दलों के नेता बोलने लग गए की बीजेपी से मणिपुर जल रहा है तो थोड़ा अध्ययन कर लेवे किस कारण से मणिपुर जल उठा और जानमाल की नुकसान किस कारण से हुआ और अब मणिपुर कंट्रोल मे है गृहमंत्री अमित शाह के प्रयास से और जबरदस्ती कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्यार की राजनीति करने मणिपुर पहुँच गया और बायरोड जाने का जिद कर अपने प्यार वाले राजनीतिक एजेंडा सेट कर रहे थे राहुल गाँधी जी आने वाले 2024 चुनाव के लिए जबकि वहाँ के बिगड़े हालातो के चलते वहाँ पर तैनात सुरक्षा बलों ने उनके बायरोड वाले जिद पर रोक लगाई ताकि जान माल का नुकसान ना हो करके लेकिन राजनीति भी राजनीति होती है सही बात भी उल्टा लगता है और गलत बात सही लगता है क्योकि कांग्रेस को बीजेपी के नफरत वाले राजनीति करना था।
अभी वेस्ट बंगाल में पंचायत चुनाव हुआ और बंगाल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सीएम ममता बनर्जी और चुनाव आयोग को फटकार लगाए थे की सम्पूर्ण बंगाल में चुनाव शांति पूर्ण ढंग से होनी चाहिए और लायन आर्डर मजबूत होनी चाहिए और बंगाल स्टेट पुलिस व केंदीय सुरक्षा बलो को तैनात किया जाए और यह सब चुनाव आयोग और सीएम ममता बनर्जी ने किया भी लेकिन पंचायत चुनाव शांति पूर्ण ढंग से नहीं बल्कि अशांति पूर्वक हुआ तो इसमें किसका गलती है, चुनाव आयोग की या सीएम ममता बनर्जी की जो उस राज्य की मुख्यमंत्री है, और पंचायत चुनाव था कोई दो समुदायों की लड़ाई झगड़े नही था जो जान माल बम बारूद बंदूक और मत पेटी लूट कर भाग जाना और मत पेटी को जला देना या तालाब पोखरे के जल में फेक देना क्या क्या नहीं हुआ सीएम टीएमसी ममता बनर्जी दीदी के बंगाल में और सीएम ममता बनर्जी बोलती देश के कोने कोने में जाकर बीजेपी के राज मे लोकतन्त्र खतरे में है तो आपके बंगाल आपके सत्ता है और आपके ही लोगों का जानमाल का नुकसान हुआ तो क्या बंगाल की लोकतन्त्र खतरे मे नहीं है?
भले ही आपके बंगाल में आपके विपक्षी दलों के नेताओं ने दंगे कराए होंगे या आपके टीएमसी नेताओं के बोलने पर दंगा हुआ होगा लेकिन आपके सीएम होते हुए इतना बड़ा घटना कैसे घटी सीएम ममता बनर्जी जी जरा विचार कीजिए सवाल तो उठ खड़े होते है आपके उपर क्योकि आप भी भारत के एक अंग है और आप दिल्ली पटना आकर राजनीति करते है , बीजेपी ने ये किया बीजेपी ने वो किया बीजेपी को भारत से निकाल फेकना है पीएम नरेंद्र मोदी सरकार सही नहीं है तो क्या आप टीएमसी नेता ममता बनर्जी सही है जो बंगाल में छोटी सी पंचायत चुनाव में इतना बड़ा वायलेंस करवा दी।
अगर सम्पूर्ण भारत की पीएम बन जायेगी ममता दीदी आप तो क्या ऐसा ही बंगाल के जैसा हालात कर देंगे देश का और आपके समर्थन देने वाले सभी विपक्षी दलों के नेता व कांग्रेस नेता राहुल गाँधी जी चुप चाप देश के लोकतन्त्र की हत्या होते देखते रहेंगा जैसे अभी बंगाल में जान माल का नुकसान हुआ पंचायत चुनाव में उनको लेकर व उनके उपर कांग्रेस नेता या आपके सहयोगी दलों के नेता कुछ भी नहीं कहेंगे और आप लोग मनमानी करते रहे और देश में आप विपक्षी दलों के नेताओ के राज्य में कुछ भी गलत होता रहे तो कुछ भी गलत नहीं हुआ है ऐसा लगना चाहिए देश के आवाम को केवल बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी गलत कर रहे हैं देश में बाकी आप सभी विपक्षी दलों के नेता सब अच्छे काम कर रहे प्यार वाले राजनीति और बीजेपी नफरत वाले राजनीति देश में कर रहे हैं, यह राजसत्ता पाने की कैसा चाहत है।
राजनीति के प्यास बुझा पाना बड़ा ही मुश्किल है, जो राजनीतिक दल एक बार सत्ता सुख पा लिया और सत्ता जाने को बचाने के लिए देश के लोकतन्त्र को दो या तीन या चार भागो में देश के लोकतन्त्र को बाँटकर राजनीति का हिस्सा बनाकर उनका हत्या कर रहे हैं जो खुद उनके अपने ही भाई बंधु है, उन्ही के संग उन्ही माटी में पले बढ़े है और देश के लोकतन्त्र अपने हिसाब से राजनीतिक दलों के नेताओं की चुनाव करते हैं की हम लोकतन्त्र को मजबूत बनायेगी यही राजनीतिक दल नेता करके और वही राजनीतिक दल नेता वही लोकतन्त्र का शोषण कर रहे हैं,
और बड़े ही सफाई के साथ ये नेता कहते है बीजेपी शाषित राज्य मणिपुर में जान माल की नुकसान हुआ तो हम बोलेंगे और बंगाल में हुआ तो क्यों आप बीजेपी तिलमिला रहे हैं पहले मणिपुर को देखो तब आप बीजेपी बंगाल के उपर बात करना और एक दूसरे के दोषारोपन को पुरा देश के लोकतन्त्र चुप चाप तमाशा देखते रहते है क्योकि भारत के सभी लोकतन्त्र एक न एक राजनीतिक दलों से संबंध रखते हैं और यही हम लोकतन्त्र की सबसे बड़ी कमजोरी है और इन्ही कमजोरी का फ़ायदा देश के राजनीतिक दल नेता उठा रहे हैं और हम देश के लोकतन्त्र उनके हथियार है आपस में अपने ही भाई बहनो से लड़ने झगड़ने के लिए और राजनीतिक दल नेताओं को फ़ायदा पहुँचाने के लिए।
देश के कोई भी राज्य में हो रहे जान माल के नुकसान की सच और झूठ का पर्दाफ़ास राज्य के लायनआर्डर के बदहाली का जाँच पड़ताल कर व सबूत के आधार पर न्याय व्यवस्था को मजबूत देश के उच्च न्यायालय को करनी चाहिए कब तक देश व देश के लोकतन्त्र बलि चढ़ते रहेंगे और इन राजनीतिक दल के नेता सत्ता सुख पाकर देश के लोकतन्त्र को अपना राजनीतिक हिस्सा बनाकर मनमानी करते रहेंगे सुख पाए राजनीतिक दल नेता और इनके सहयोग कर देश में मरता रहे देश के लोकतन्त्र। देश की राजनीति कोई " देश " नहीं है जो इनके राजनीति के लिए देश के लोग बलिदान हो जाए और भारत के न्यायलय चुपचाप तमाशा देखती रहे कुछ बड़ी कदम उठाने की जरूरत है न्यायालय को ताकि देश के लोकतन्त्र व देश की संविधान की सुरक्षा हो सके।