Home Tribulation : क्या आप भी रोज रोज के गृह क्लेश से परेशान हैं? तो करें ये उपाय, मिल सकता है फायदा...

Home Tribulation : Are you also troubled by daily household troubles? So do this remedy, you can get benefit... Home Tribulation : क्या आप भी रोज रोज के गृह क्लेश से परेशान हैं? तो करें ये उपाय, मिल सकता है फायदा...

Home Tribulation : क्या आप भी रोज रोज के गृह क्लेश से परेशान हैं? तो करें ये उपाय, मिल सकता है फायदा...
Home Tribulation : क्या आप भी रोज रोज के गृह क्लेश से परेशान हैं? तो करें ये उपाय, मिल सकता है फायदा...

Home Tribulation :

 

आइए सबसे पहले जाने की आपस में ही क्यों लड़ते रहते हैं, क्यों एक दूसरे को बुरा बोल कर या विरोध करके ही संतुष्टि मिलती है. इसका ज्योतिषी कारण देखा जाए तब परिवार के किसी भी जातक की कुंडली देखने तो यह सैंपल की तरह दिखाई देगा. किसी जातक की कुंडली में द्वितीय चतुर्थ अष्टम और भाग्य स्थान अथवा इन स्थानों का स्वामी राहु से पाप आक्रांत होकर अपने स्थान से छठे आठवें और बारहवें स्थान में हो जाए तब ऐसे घर में अशांति और मतभेद होता है. विशेषकर शनि और राहु की दशा चल रही हो तब यह मतभेद जरुर उभरकर निकलता है और रिश्ते आपस में खराब से खराब होते जाते हैं. जैसे शनि द्वितीय सोकर राहु से आक्रांत हो और अष्टम या द्वादश में हो जाए तब आपस में एक दूसरे का विरोध दिखाई देता है. जिसका कारण इगो होता है. (Home Tribulation)

धन स्वास्थ्य का कष्ट ना होने के बाद भी पारिवारिक शांति ना हो, घर में लोगों के आपस के रिश्ते अच्छे ना हो, पारिवारिक सदस्यों में हमेशा मतभेद रहता हो, लोग एक दूसरे से उखड़े-उखड़े रहते हो, हर बात में वाद विवाद हो, छोटी-छोटी बातों पर मतभेद उभरे तो, यह सब गृह क्लेश का कारण होता है. जब आपस में बात करते ही झगड़े होने लगे, एक दूसरे की बातों को काटना अथवा विरोध करना आदत बन जाए तब पारिवारिक सदस्यों में विशेषकर जो परिवार में मुखिया हो तो उसे ग्रह विश्लेषण जरूर कराना चाहिए. क्योंकि घरेलू शांति बहुत आवश्यक है सुख समृद्धि के साथ ही साथ रिश्तों में प्यार और अंडरस्टैंडिंग बहुत ही जरूरी है. अगर यह नहीं है तो दूसरों में अपनापन ढूंढते हैं और इससे पारिवारिक रिश्ते और कमजोर होते हैं, इसलिए जरूरी है कि परिवार में शांति और भाईचारा बना रहे. (Home Tribulation)

अगर शुक्र राहु से आक्रांत हो तब धन को लेकर एक दूसरे की अपेक्षाएं बढ़ जाती है, गुरु हो तब दूसरे को लगता है कि मेरा मान कम हो रहा है. इसी तरीके से एक दूसरे की तुलना अशांति का कारण होती है. इस प्रकार किसी जातक की कुंडली में दूसरे चतुर्थ या अष्टम भाव में राहु हो तब जरूर अशांति और इन दशा में पारिवारिक अशांति या घरेलू कलह बहुत ज्यादा दिखाई देता है. अगर धन और स्वास्थ्य अच्छा हो और पारिवारिक कलह बढ़ रहा हो या एक दूसरे के साथ रिश्ते खराब हो रहे हो तब जरूर कुंडली दिखाकर ग्रह शांति कराना चाहिए इसके लिए पहली रोटी गाय के लिए निकालें. पूजा घर में सदैव जल का एक कलश भरकर रखें और सभी प्रकार की सुख समृधि के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, वैभव लक्ष्मी का व्रत करें और चना-गुड का भोग लगाकर गाय को खिलाएं. सात सुहागन स्त्रियों को सुहाग की सामग्री भेट करें. इस प्रकार सात शुक्रवार व्रत कर उद्यापन करने से सुख और शांति आती है. (Home Tribulation)