सत्य अहिंसा परोपकार सेवा रूपी मानव धर्म की रक्षा और विकास के लिए सबको एक होकर प्रयास करने की जरूरत - सन्त बाबा उमाकान्त महाराज

सत्य अहिंसा परोपकार सेवा रूपी मानव धर्म की रक्षा और विकास के लिए सबको एक होकर प्रयास करने की जरूरत - सन्त बाबा उमाकान्त महाराज
सत्य अहिंसा परोपकार सेवा रूपी मानव धर्म की रक्षा और विकास के लिए सबको एक होकर प्रयास करने की जरूरत - सन्त बाबा उमाकान्त महाराज

सत्य अहिंसा परोपकार सेवा रूपी मानव धर्म की रक्षा और विकास के लिए सबको एक होकर प्रयास करने की जरूरत - सन्त बाबा उमाकान्त महाराज

जयपुर। मानव रक्षा, धर्म की रक्षा, देश की रक्षा, जीव-जंतुओं की रक्षा, प्रकृति की रक्षा, भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए सत्य, अहिंसा, परोपकार, सेवा रूपी मानवता को अपनाकर इस अभियान में सबको एक होकर प्रयास करने की जरूरत है। यह बात बाबा जयगुरुदेव  के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी वक्त के संत सतगुरु बाबा उमाकांत  महाराज ने जयपुर राजस्थान में आयोजित तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव के पूर्व दिवस पर पत्रकार, जैन, सिख व साधु समाज के सम्मान समारोह में कही।

बाबा ने कहा की आप पत्रकार लोग पुरोहित की तरह से हैं। जैसे आप दुनिया में विद्या गुरु बनाते हैं और आप समाज और देश की सेवा कर रहे हैं इसी प्रकार आपको भी आध्यात्मिक गुरु बनाना चाहिए।

कार्यक्रम में आये हुए पत्रकार आशीष कुलश्रेष्ठ  ने कहा की परम पूज्य बाबा उमाकांत  महाराज के सानिध्य में शाकाहारी, नशा मुक्ति का जो कार्य चल रहा है उसमें हम पूर्णतया आपके साथ हैं। हम, आपकी इस मुहिम का समर्थन करते हैं और हम से जो बेहतर और संभव हो पाएगा,  हम वह करने का, आज यहां पर आपसे वादा करते हैं।

बाबा  ने बताया कि प्रेम से प्रभु मिलता है। प्रेम से उस प्रभु की ताकत अपने में लाने की जरूरत है। जब सबमें उस प्रभु की शक्ति आ जाएगी, जब वाणी दृष्टि स्पर्श में शक्ति आ जाएगी तब भारत विश्व गुरु बनेगा, धरा पर सतयुग उतर आएगा।

बाबा  ने बताया कि जयगुरुदेव नाम प्रभु का है। जब आप सभी तरफ से निराश हो जाएं तब आप जयगुरुदेव बोलिए, कोई न कोई आपकी मदद के लिए आ जाएगा।

सिख समाज की तरफ से आये जसवीर सिंह  ने कहा की इस समय के महान संत बाबा उमाकांत जी हैं जो लोगों को मांसाहार, नशा, व्यसन, हिंसा, व्यभिचार से दूर रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और शाकाहार अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

जुगल किशोर  ने महाराज  के शाकाहारी नशामुक्ति सिद्धांत का समर्थन करते हुए कहा कि पहले रहन-सहन, खान-पान शुद्ध कर आत्म कल्याण करने की जरुरत है।

राजस्थान जैन समाज प्रमुख सुभाष जैन  ने भी महाराज जी के सत्य अहिंसा शाकाहार के सिद्धांत का समर्थन किया।

महामंडलेश्वर मनोहर दास  ने बताया कि बाबा जयगुरुदेव  के दो घंटे का सतसंग सुनकर मेरे जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आया।

आचार्य अरुण  ने परम पूज्य बाबाजी को दिव्यात्मा बताते हुए कहा कि ये करोड़ो जीवात्माओं को किनारे लगा सकते हैं। पशु-पक्षी, जीवों पर दया करने की बात का समर्थन किया। गुरु जीव और परमात्मा के बीच सेतु का काम करते हैं। 

अवधेश ने बताया कि बाबा जयगुरुदेव महाराज ने बिना भेदभाव के समाज के सभी लोगों को एक सूत्र में बाँधने का काम किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को अपने जीवन में जीव हिंसा, नशा व गलत कार्य नहीं करना चाहिए।