आंगनबाड़ी केन्द्र पर हो रही स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़ी गतिविधियां 8 कुपोषित बच्चों को किया गया सुपोषित




सुकमा 21 जुलाई। लॉकडाउन और कोरोना की वजह से कुछ समय तक आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़े थे लेकिन धीरे-धीरे आंगनबाड़ी केन्द्र पर स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़ी गतिविधियां एक बार फिर से सुचारु रूप से संचालित की जाने लगी हैं। इस दौरान कोरोना से बचाव एवं नियमों का पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है। मंगलवार को आंगनबाड़ी केंद्र इन्दिरा कॉलोनी में गर्भवती और शिशुवती माताओं की स्वास्थ्य जांच की गई और उन्हें कुपोषण के संबंध में जानकारी दी। वहीं किशोरियों की ऊंचाई और वजन की भी जांच की गई।
आंगनबाड़ी सहायिका सपना चौहान ने बताया, " कोरोना महामारी के कारण आंगनबाड़ी में गर्म भोजन वितरण के अलावा सभी प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी गतिविधियो को नियमित रूप से संचालित किया जा रहा है। बीते दिनों कुपोषण की पहचान के लिये वजन त्योहार मनाया गया था। इस दौरान कुल 50 बच्चों की जांच की गई थी। अभी साप्ताहिक रूप से 37 बच्चों के लिये रेडी-टू-इट का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया, बीते वर्ष इंदिरा कॉलोनी आंगनबाड़ी के अंतर्गत 8 बच्चे गम्भीर कुपोषण श्रेणी के थे। सभी कुपोषित बच्चों के परिजनों से लगातार गृह भ्रमण कर सम्पर्क किया गया। और उन्हें घर पर ही उपलब्ध सामग्रियों से बना हुआ पौष्टिक आहार खिलाने की जानकारी दी गई। इस दौरान अभिभावकों को समय-समय पर बच्चों की वजन जांच कराने के लिये भी बुलाया गया क्योंकि बच्चों को सुपोषित करने के लिए उनके वजन की जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस तरह नियमित जांच और उचित परामर्श से अब सभी बच्चो को सुपोषित किया जा चुका है। वर्तमान में केवल 3 बच्चे गम्भीर कुपोषण की श्रेणी में शामिल है जिन्हें जल्द ही सामान्य की श्रेणी में लाया जाएगा”।
महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता लक्ष्मी मण्डल ने बताया, "आंगनबाड़ी केंद्र में आए अभिभावकों को बताया जा रहा है कि बच्चों के सुपोषण पर विशेष ध्यान दें और उन्हें पौष्टिक आहार दें। समय-समय पर होने वाली स्वास्थ्य जांच के लिये आंगनबाड़ी केंद्र पर आएं। आगँनबाड़ी केन्द्रों पर दी जाने वाली टीकाकरण सेवा का प्रमुख उद्देश्य बच्चों में जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करना है। टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत सभी बच्चों को आगँनबाड़ी केन्द्रों पर टीका सेवाएं मुफ्त दी जाती है ताकि बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके। उन्होंने बताया, जून में प्रारम्भ हुई पीसीवी कार्यक्रम के तहत निमोनिया से बचाव के लिए अब तक कुल 6 बच्चों का पीसीवी टीकाकरण किया गया है। यह टीका निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर,कान का इन्फेक्शन जैसी प्रमुख बीमारियों से बचाव के लिये बहुत उपयोगी है”।
आंगनबाड़ी में उपलब्ध कराई जाती है निम्न सेवाएँ।
-छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की टीकाकरण
-समस्त गर्भवती स्त्रियों के लिए प्रसव पूर्व देखभाल और टीकाकरण
-नए जन्मे शिशुओं तथा 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों की देखभाल
-छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को अनुपूरक पोषण
- गर्भवती और शिशुओं की देखभाल करने वाली स्त्रियों को अनूपूरक पोषण
-कुपोषण अथवा बीमारी के गंभीर मामलों को पोषण पुनर्वास केंद्र/नवजात शिशु गहन देखरेख भेजना।
-3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को अनौपचारिक विद्यालयपूर्व शिक्षा प्रदान करना
- किशोरियों की स्वास्थ्य जाँच, आवश्यक्तानुसार उन्हें आयरन और अन्य दवा उपलब्ध कराना।