हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: 15+ साल की पत्नी से सेक्स रेप नहीं.... अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने व प्रताड़ित करने का लगाया था आरोप.... मिली जमानत....

हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: 15+ साल की पत्नी से सेक्स रेप नहीं.... अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने व प्रताड़ित करने का लगाया था आरोप.... मिली जमानत....

डेस्क। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अप्राकृतिक सेक्स और दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने के एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि 15 वर्ष से अधिक उम्र की नाबालिग ‘पत्नी’ के साथ यौन संबंध को ‘बलात्कार’ नहीं माना जाएगा। इसी के साथ हाईकोर्ट ने आरोपित को जमानत दे दी। पत्नी के रेप मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि 15 साल से अधिक उम्र की पत्नी से यौन संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं माना जाएगा।

 

 

नाबालिग पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने के मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी पति की ज़मानत अर्जी मंजूर की है। इस मामले में पति पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया गया था।कोर्ट ने कहा है कि आईपीसी की धारा 375 में 2013 में संशोधन हुआ है, ऐसे में ये दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता है।ये मामला मुरादाबाद का है, जहां पर पत्नी ने अपने पति के खिलाफ दहेज, मारपीट करने और जबरन यौन संबंध बनाने को लेकर केस किया था। 

 

 

इसी मामले में पति द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। मुरादाबाद के खुशाबे अली की जमानत अर्जी पर जस्टिस मो असलम ने सुनवाई की। याची के खिलाफ उनकी पत्नी ने मुरादाबाद के भोजपुर थाने में दहेज उत्पीड़न, मारपीट करने और धमकी देने के अलावा अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का मुकदमा दर्ज कराया था। याची के वकील का कहना था कि मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में पीड़िता ने अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और याची के भाइयों के दुष्कर्म करने की बात से इनकार किया है।

 

 

आईपीसी की धारा 375 में 2013 में किए गए संशोधन के बाद 15 साल की आयु से अधिक की पत्नी से यौन संबंध बनाना दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता। कोर्ट ने कहा कि धारा 375 में कई संशोधन किए गए हैं। कोर्ट ने याची की जमानत मंजूर करते हुए शर्तों के साथ उसे रिहा करने का ‌आदेश दिया है। इससे पहले केरल हाई कोर्ट ने भी रेप मामले में एक बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट का कहना है कि पीड़िता की जांघों के बीच में कोई गलत हरकत की जाती है तो इसे भी बलात्कार के समान ही माना जाएगा।