मतिभ्रम एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी एक या अधिक विषयों के बारे में एक महीने या उससे अधिक समय तक भ्रमित रहता है, भ्रम रोग क्या है?

Hallucinations are a condition in which

मतिभ्रम एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी एक या अधिक विषयों के बारे में एक महीने या उससे अधिक समय तक भ्रमित रहता है, भ्रम रोग क्या है?
मतिभ्रम एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी एक या अधिक विषयों के बारे में एक महीने या उससे अधिक समय तक भ्रमित रहता है, भ्रम रोग क्या है?

NBL, 30/09/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: Hallucinations are a condition in which the patient remains confused about one or more subjects for a month or more. What is Hallucinations? पढ़े विस्तार से.... 

* भ्रम रोग क्या होता है ?... 

भ्रम रोग एक ऐसा मनोविकार है जिसमें व्यक्ति वास्तविक और काल्पनिक में अंतर नहीं कर पाता है। इस रोग में व्यक्ति काल्पनिक चीज़ों पर विश्वास करता है। भ्रम कई मानसिक रोगों का एक लक्षण हो सकता है लेकिन भ्रम रोग उसे कहते हैं जब व्यक्ति को मुख्य रूप से भ्रम की समस्या हो रही हो। भ्रम रोग ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी एक महीने या उससे अधिक समय के लिए एक या एक से अधिक विषय के बारे में भ्रमित रहता है।

अच्छे साकारात्मक विषय आने के बावजूद भी वह रोगी अपने आप में भ्रम पैदा कर निगेटिव सोच पैदा कर लेते है और खुद से उलझन में पड़ जाते है और उस उलझन को सुलझाने के लिए उपाय ढूँढते रहते है उबरने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को सहारा लेकर मंजिल को पाना चाहता है ताकि उस भ्रम जाल से अपने आप को बचा सके और होने वाले फायदा उनको मिल सके और इस तरह से अपने आप के उत्थान में बाधा डाल लेते है,और वह व्यक्ति कभी भी सक्सेस नही होता क्योंकि उनके मति भ्रमित है।

भ्रम रोग से ग्रस्त व्यक्ति अपने सामान्य कार्य करता रहता है और कोई अजीब व्यवहार नहीं करता। हालांकि, वह भ्रम से इतना अधिक प्रभावित हो जाता है कि इससे उसके सामान्य जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।

भ्रम रोग के परीक्षण के लिए एक मनोचिकित्सक व्यक्ति के लक्षणों की जांच करते हैं। इसके इलाज के लिए दवाओं और काउंसलिंग (परामर्श) की आवश्यकता होती है। लम्बे समय तक भ्रम रोग से ग्रस्त रहने से रोगी को कानूनी और आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं क्योंकि वह अपने भ्रम के कारण मुसीबत में फंस सकते हैं।

भ्रम रोग के प्रकार - Types of Delusional Disorder in Hindi भ्रम रोग के प्रकार कितने होते हैं ? भ्रम रोग के कुछ प्रकार होते हैं और हर प्रकार के भ्रम का अलग विषय होता है। यह प्रकार निम्नलिखित हैं -

* सोमैटिक (Somatic) - सोमैटिक प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि उन्हें कुछ महसूस हो रहा है या उन्हें कोई शारीरिक अक्षमता है। जैसे - दुर्गन्ध आना और ऐसा लगना जैसे उनकी त्वचा पर या उसके अंदर कीड़े रेंग रहे हैं।

* पर्सिक्यूटरी (Persecutory) - पर्सिक्यूटरी प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि -

1. उन्हें धोखा दिया जा रहा है,

2. उनकी जासूसी की जा रही है, 

3. उनका पीछा किया जा रहा है,

4. उन्हें ड्रग्स दिए जा रहे हैं,

5. या मेरे दुश्मन मुझ पर जादू टोने करवा रहे है, 

6 . उन्हें बदनाम किया जा रहा है या है किसी भी तरह से उनके साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है।

* ग्रेन्डिओस (Grandiose) - ग्रेन्डिओस प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि उसके पास कोई खास योग्यता, विशेष पहचान, ज्ञान या शक्ति है या उनका किसी मशहूर व्यक्ति या भगवान के साथ रिश्ता है।

* जेलेस (Jealous) - जेलेस प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि उसका साथी उसके साथ वफादार नहीं है।

* एरोटोमैनिक (Erotomanic) - एरोटोमैनिक प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऐसा लगता है कि कोई उनसे बेहतर व्यक्ति उनसे प्यार करता है।

* मिक्स्ड (Mixed) - मिक्स्ड प्रकार के भ्रम रोग में व्यक्ति को ऊपर दिए गए अलग-अलग प्रकारों के लक्षण साथ में होते हैं।

* अनस्पेसिफाइड (Unspecified) - अगर किसी व्यक्ति के भ्रम रोग के लक्षण ऊपर दिए गए किसी भी प्रकार में नाहीं आते हैं, तो वह अनस्पेसिफाइड प्रकार होता है।

* भ्रम रोग के लक्षण क्या होते हैं ?... 

भ्रम रोग के शुरूआती लक्षण निम्नलिखित हैं -

1. खुद को शोषण का शिकार समझना

2.दोस्तों की वफादारी और विश्वसनीयता के लिए संदेह

3. अच्छी बातों या छोटी-मोटी घटनाओं के भी डराने वाले मतलब निकालना

4. मन में शिकायतें रखना

5. किसी भी बात पर तुरंत प्रतिक्रिया देना

6. भ्रम रोग से ग्रस्त लोगों को दूसरे लोगों पर शक करने और विश्वास न करने की आदत बड़े होने पर शुरू हो जाती है और अंत तक रहती है।

* मनोसामाजिक लक्षण

1.आसानी से उत्तेजित हो जाना

2. मानसिक खतरों से बचते हुए खुद को नुकसान पहुंचाना

3. मानसिक विकार की शुरुआत होना या उसका बढ़ना

4. सामाजिक रिश्तों में समस्याए 

5. प्रेम संबधों में कड़वाहट

6. भ्रम के कारण लोगों से लड़ना

7. जानबूझकर खुद को अकेला रखना

8. काम करने में कठिनाई होना

* व्यावहारिक लक्षण

1. दूसरों के प्रति आक्रामक व्यवहार

2. हमेशा सामने वाले व्यक्ति के विपरीत बोलना

3. अजीब व्यवहार करना, जैसे - लगातार खंरोचते रहना

4. दफ्तर में ठीक से काम न कर पाना

5. भ्रम का विषय न होने पर अमूमन सामान्य व्यवहार करना

6. कभी हाँ कभी ना बोलना मति भ्रम के कारण सही से डीसीजन ना ले पाना

* भ्रम रोग के कारण क्या होते हैं ?... 

कई अन्य मानसिक विकारों की तरह ही भ्रम रोग के कारणों का भी अभी तक पता नहीं चल पाया है। इसके लिए अनुवांशिक, जैविक और पर्यावरणीय कारकों को जिम्मेदार माना जाता है।

* अनुवांशिक कारण.... 

भ्रम रोग उन लोगों में अधिक आम है जिनके परिवार में किसी को भ्रम रोग या स्किज़ोफ्रेनिया है, इसीलिए इससे यह समझा जाता है कि अनुवांशिकता भ्रम रोग का एक कारण हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि भ्रम रोग होने की प्रवृत्ति माता-पिता से बच्चों में आती है।

* जैविक कारण... 

शोधकर्ता इस बात पर खोज कर रहे हैं कि कैसे मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में नुकसान पहुंचने से भ्रम रोग हो सकता है। दिमाग में कुछ पदार्थों के असंतुलन को भी भ्रम रोग का कारण माना जाता है।

* भ्रम रोग होने का खतरा कब बढ़ जाता है ? भ्रम रोग के निम्नलिखित जोखिम कारक हो सकते हैं :

1.चिंता 

2. शराब व ड्रग्स लेना

3. जो लोग अकेले रहते हैं, जैसे - बाहर से आए लोग, कम सुनने या देखने वाले लोग, आदि उन्हें भ्रम रोग होने का जोखिम अधिक होता है।

* भ्रम रोग से बचाव कैसे होता है ?... 

भ्रम रोग से बचने का कोई उपाय नहीं है। हालांकि, इसका जल्दी पता चलने और इलाज होने से व्यक्ति के जीवन, परिवार और दोस्तों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सकता है।

नोट: अगर आपको ऐसे कोई भी लक्षण दिखें तो तुरंत मनोचिकित्सक से सलाह लें और इन भ्रामक बीमारियों से बचें और खुद को बचाएं।