सोशल मीडिया का सीमित और उचित इस्तेमाल करें, लेकिन आज हर वर्ग के लोगों के द्वारा इस प्लेट फार्म का खुल कर दुरुपयोग किया जा रहा है?
Make limited and proper use of social media,




NBL, 29/05/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. RAIPUR CG: Make limited and proper use of social media, but today this platform is being misused openly by people of all classes?
यह शिक्षा के लिए एक अच्छा उपकरण है। यह कई सामाजिक मुद्दों के लिए जागरूकता पैदा कर सकता है। ऑनलाइन जानकारी तेज़ी से हस्तांतरित होती है, जिसकी मदद से उपयोगकर्ताओं को सूचना तत्काल ही प्राप्त हो जाती हैं। इसे एक समाचार माध्यम के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, पढ़े विस्तार से... लेकिन आज पूरे विश्व इस सोशल मिडिया के चक्कर में पूरी तरह से फस चुके हैं, क्योकी यह सोशल मिडिया आपके कमजोर दिमाग को सहायता देने में अहम भूमिका निभाते हैं, आपको अपने दिमाग ज्यादा खपाने की जरूरत नहीं पढ़ता और आसानी से आपके हर प्रश्नों का उत्तर मिल जाता हैं, लेकिन जरा सोचो क्या वाकई में हम मजबुत होते जा रहे है या कमजोर होते जा रहे हैं, इस सोशल मिडिया के ज्यादा उपयोग से?
आज जो विश्व अशांति की ओर जा रहा है, उसका मुख्य कारण है, सोशल मिडिया के माध्यम से परोसी जा रही गलत पोस्ट गलत खबरे जो कई विवाद खड़े कर रहा है, लोगों के तन व मन में, जो सही जागरुकता लाने की जगह क्रूरता को ला रही है, और लोगों मे आपसी भाईचारा खत्म कर आपसी दुश्मन बना रहे हैं, आराजता का माहोल पैदा किया जा रहा है इस सोशल मिडिया के माध्यम से.
वाकई ये विश्व के लिए एक चिंता का विषय है, क्योकी यह सोशल मिडिया का प्रभाव युवा पीढ़ीयो मे ज्यादा असर करता है, क्योकी इनके मानसिक चेतना परिपक्व नहीं होता, इसलिए सोशल मिडिया का कोई भी सत्य या असत्य पोस्ट को समझने मे बड़ा ही कठिन हो जाता हैं, अनुभव हिन होने के कारण यह वर्ग बहुत ही जल्द अनुशाशन को छोड़ कुशासन की ओर जल्द ही अग्रसर हो जाते हैं, और कई अनहोनी घटना कर डालते है। जिसका खामियाजा खुद को या औरों को भुगतना पड़ता है।
छात्र के जीवन पर सोशल मीडिया द्वारा नकारात्मक प्रभाव भी पड़ते हैं। यदि हम बिना सूझ बूझ के इन प्लेटफार्मों को अत्यधिक उपयोग करते हैं तो निश्चित रूप से परिणाम नकारत्मक होंगे।
बेवकूफी: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का का उपयोग समझदारी से करना जरुरी है। कुछ भी पोस्ट करने से पहले इस बात का ज्ञान होना जरुरी है की यह सामाग्री पोस्ट करने योग्य है भी या नहीं। युवा पीढ़ी अपरिपक्वता के चलते खुद को स्मार्ट दिखाने का प्रयास करते है। किन्तु कई बार उनके द्वारा पोस्ट की गयी सामग्री से वे बेवकूफ साबित होते है।
व्याकुलता: व्याकुलता छात्र के जीवन पर सोशल मीडिया के सबसे नकारात्मक प्रभावों में से एक है। अपना अधिक समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बिताने वाले छात्र पोस्ट, शेयर और लाइक को लेकर अत्यधिक व्याकुल नजर आते है। इस प्रकार की व्याकुलता छात्रों के व्यक्तित्व को प्रभावित करती है।
समय की बर्बादी: छात्र जीवन मे यदि कोई सबसे कीमती चीज होती है तो वह छात्रों का समय होता है। किन्तु इस बात से अनजान कुछ छात्र अपना अधिक समय सोशल मीडिया पर व्यतीत करते है। समय का यह दुरूपयोग छात्रों के भविष्य के लिए घातक साबित होता है। समय बचाने के लिए बनाए ये स्मार्ट फ़ोन आज समय बर्बाद करने के प्रमुख उपकरण बन गए है।
डिप्रेशन: आज सोशल मीडिया एक व्यसन की तरह हो गया है। छोटी उम्र के यह छात्र आसानी से इस व्यसन के आधीन हो जाते है। देर रात तक इंटरनेट और सोशल मीडिया पर समय बिताना , सर्फिंग, चैटिंग की वजह इनका बाहरी दुनिया से जैसे संपर्क टूट सा गया है। इस प्रकार की परिस्थियाँ छात्रों मे अवसाद और डिप्रेशन को जन्म देती है।
स्वास्थ्य पर असर: लंबे समय तक इंटरनेट और मोबाइल फोन पर काम करने से आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। मोबाइल डिवाइस की स्क्रीन और लैपटॉप की स्क्रीन से उत्पन्न होनी वाली रोशनी आंखों को शुष्क करती है। बिना ब्रेक के लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठना आपकी पीठ को कठोर बना सकता है, धीरे-धीरे, और तेजी से अगर ध्यान नहीं रखा गया तो दर्द और भी बढ़ सकता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म दोस्तों, परिवार और समाज को जोड़ने का अच्छा मंच है। वैश्वीकरण के इस दौर मे जहाँ दुनिया सिमटती जा रही है वहां सोशल मीडिया को अनदेखा नहीं है, नित्य प्रति दिन हमे इसका ध्यान रखना है की सोशल मीडिया का सीमित और उचित इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं, और कोई भी पोस्ट पढ़ने या भेजने से पहले इसे समझ ले ताकि समाज में इसका दुष्प्रभाव न पड़े और सोशल मिडिया का लाभ सभी को मिल सके।