CG ब्रेकिंग: राज्य सरकार ने 50 हजार मुआवजे के नियम में किया बदलाव.... CDAC से जारी कोरोना मृत्यु वाला प्रमाणपत्र अनिवार्य नहीं.... पॉजिटिव होने के 30 दिन के भीतर मौत हुई है तो मिलेगा मुआवजा.... इसमें खुदकुशी करने वाले भी शामिल... पढ़िए नए नियम......

CG ब्रेकिंग: राज्य सरकार ने 50 हजार मुआवजे के नियम में किया बदलाव.... CDAC से जारी कोरोना मृत्यु वाला प्रमाणपत्र अनिवार्य नहीं.... पॉजिटिव होने के 30 दिन के भीतर मौत हुई है तो मिलेगा मुआवजा.... इसमें खुदकुशी करने वाले भी शामिल... पढ़िए नए नियम......


रायपुर 8 अक्टूबर 2021। छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने कोविड-19 के कारण मृत व्यक्तियों के परिजनों / आश्रितों को अनुदान सहायता देने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। "आवेदक के पास CDAC द्वारा जारी कोविड—19 से मृत्यु के संबंधित अधिकारिक प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है" को विलोपित माना जाएगा। इसी प्रकार आवेदन पत्र के प्रारूप में संलग्न 1 CDAC द्वारा जारी कोविड-19 से मृत्यु के संबंध में प्रमाण-पत्र को भी विलोपित माना जाएगा। कोविड-19 के कारण मृत व्यक्तियों के परिजनों / आश्रितों को राज्य आपदा मोचन निधि से आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

उपर्युक्त के अनुकम में भारत सरकार गृह मंत्रालय (आपदा प्रबंधन प्रभाग), नई दिल्ली का पत्र क्रमांक C-18018/2/2021-DM-1 दिनांक 06.10. 2021 के साथ संलग्न माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश दिनांक 30.06.2021 तथा 04.10.2021 में कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के परिजनों को आर्थिक अनुदान सहायता किस आधार पर दिया जाना है, इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया गया है। नयाभारत को मिली जानकारी के मुताबिक उक्त आदेशों की छायाप्रति संलग्न प्रेषित है। भारत सरकार गृह मंत्रालय, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 30.06.2021 के पालन में दिनांक 03.09.2021 को जारी सर्कुलर तथा तत्संबंध में संशोधन दिनांक 11.09.2021 की छायाप्रति भी सुलभ संदर्भ हेतु संलग्न है।


माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 04.10.2021 को पारित निर्णय से संबंधित कंडिका 10 की उप कंडिका i) से xi) से संबंधित महत्वपूर्ण बिन्दु निम्नानुसार है, जिसका अनुपालन किया जाना है। कोविङ-19 के कारण मृत व्यक्ति के परिजन को रुपए 50,000/ अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाएगा, जिसे आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 12 (ii) के अंतर्गत अनुग्रह भुगतान माना जाएगा तथा यह भुगतान भारत संघ / राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न परोपकारी योजनाओं के तहत् इस संबंध में घोषित अथवा प्रदान की जाने वाली राशि से अतिरिक्त होगा।

अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान राज्य आपदा मोचन निधि से किया जाएगा। मृतक के परिजनों को अनुग्रह सहायता राशि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण / जिला प्रशासन द्वारा संवितरित किया जाएगा। कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के परिजनों को रुपए 50,000/- की अनुग्रह राशि दी जाएगी, जिसका जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण / जिला प्रशासन द्वारा प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाएगा एवं इस संबंध में सूचना एक सप्ताह के भीतर प्रकाशित की जाएगी। नयाभारत को मिली जानकारी के मुताबिक ऐसी सूचना ग्राम पंचायत कार्यालय, तहसील, जनपद पंचायत कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय, नगर पंचायत / नगर पालिका / नगर निगम कार्यालय तथा जिला कार्यालय में चस्पा कर प्रकाशित की जाएगी।


जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण / जिला प्रशासन द्वारा (कोविड-19 के कारण मृत्यु तथा तत्संबंध में प्रमाण पत्र के साथ) आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों की अवधि में अनुग्रह सहायता राशि रुपए 50,000/- का भुगतान किया जाएगा। दिनांक 11.09.2021 को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कोविड-19 से हुई मृत्यु के संबंध में मृत्यु प्रमाण-पत्र में उल्लेखित मृत्यु का कारण निर्णायक नहीं होगा तथा मृतक की मृत्यु कोविंड-19 के कारण हुई है, ऐसी स्थिति में भी उसके परिजन को रुपए 50,000 /- अनुग्रह राशि की पात्रता होगी।

मृतक के परिजनों को रुपए 50,000/- की अनुग्रह सहायता से इस आधार पर इंकार नहीं किया जाएगा कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र में मृत्यु का कारण "कोविड-19 के कारण मृत्यु के रूप में नहीं किया गया है। मृत्यु के प्रमाणीकरण संबंधी शिकायत होने पर पीड़ित व्यक्ति जिला स्तर पर समिति से संपर्क कर सकता है। नयाभारत को मिली जानकारी के मुताबिक समिति में अतिरिक्त जिला कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी / विभागाध्यक्ष मेडिसिन ( यदि मेडिकल कॉलेज जिले में स्थित है) और एक विषय विशेषज्ञ होंगे, जो आवश्यक दस्तावेजों के परीक्षण एवं सत्यापन पश्चात् कोविड-19 से मृत्यु के संबंध में अधिकारिक प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे कि मृतक की मृत्यु का कारण कोविड-19 है।

यह कि सभी जिलों में इस प्रकार की समिति गठित की जाएगी तथा जिला स्तर पर उक्त समिति का पूर्ण पता और उससे संबंधित विवरण प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित एवं प्रसारित किया जाएगा। नगर निगम क्षेत्र में उसी प्रकार की एक समिति उपायुक्त नगर निगम ( चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिविल अस्पताल अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी / प्राचार्य / विभागाध्यक्ष मेडिसिन (यदि मेडिकल कॉलेज स्थित है।) तथा विषय विशेषज्ञ की गठित की जाएगी तथा इस समिति का कार्यालय संबंधित नगर निगम कार्यालय होगा। यदि समिति का निर्णय आवेदक (दावेदार) के पक्ष में नहीं है, तब इसका स्पष्ट कारण शिकायत निवारण समिति द्वारा अभिलिखित किया जाएगा।

 

भविष्य में कोविड-19 से होने वाली मृत्यु से प्रभावित परिवारों को भी अनुग्रह सहायता राशि प्रदान की जाएगी। कोविङ-19 से मृत्यु के संबंध में सही कारण बताते हुए मृत्यु प्रमाण-पत्र / अधिकारिक प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णय दिनांक 04.10.2021 की कंडिका 11 के i) से ix ) के संबंध में निम्नानुसार निर्देशित किया गया है यदि मृतक की RTPCR / Molecular test / RAT Report पॉजिटिव पाई गई हो अथवा अस्पताल / रोगी सुविधा केन्द्र में चिकित्सक द्वारा जांच के माध्यम से चिकित्सकीय रूप से कोविङ-19 निर्धारित किया गया हो।

 परीक्षण की तारीख से कोविड-19 अथवा चिकित्सकीय रूप से कोविड-19 निर्धारित होने के 30 दिन के भीतर होने वाली मृत्यु को कोविड-19 के कारण होने वाली मृत्यु माना जाएगा, भले ही मृत्यु अस्पताल / रोगी सुविधा केन्द्र के बाहर हुई हो। साथ ही अस्पताल / रोगी सुविधा केन्द्र में कोविड-19 के ऐसे मामले जिनमें मरीज 30 दिनों से अधिक समय तक भर्ती रहा और बाद में उसकी मृत्यु हो गई, उन्हें भी कोविड-19 से मृत्यु माना जाएगा। नयाभारत को मिली जानकारी के मुताबिक कोविड-19 के ऐसे मामले जो हल नहीं हुए हैं तथा ऐसे व्यक्तियों की मृत्यु अस्पताल अथवा घर में हुई हो और जहाँ फॉर्म-4 एवं 4 (A) में मृत्यु के कारण का मेडिकल प्रमाण-पत्र (MCCD) पंजीकरण प्राधिकारी को जारी किया गया हो, उसे कोविड-19 से मृत्यु के रूप में माना जाएगा।


सभी संबंधित अस्पतालों द्वारा जहाँ रोगी को भर्ती कराया गया था तथा उपचार दिया गया था, मृतक के परिवार के सदस्य को उसके द्वारा मांगे जाने पर उपचार संबंधी सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे। अस्पताल द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाने की स्थिति में शिकायत निवारण समिति द्वारा संबंधित अस्पताल से मरीज के उपचार से संबंधित ऐसे दस्तावेज प्राप्त किए जाएंगे, जिससे यह निर्धारित किया जा सके कि मृतक के मृत्यु का कारण कोविड-19 है। कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के 30 दिनों के भीतर यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है। उस स्थिति में भी परिवार के सदस्य को रुपए 50,000/- अनुग्रह सहायता राशि की पात्रता होगी। 


यदि कोविड-19 से मृत व्यक्ति के परिवार के सदस्य को अनुग्रह राशि प्राप्त नहीं होने के संबंध में यदि कोई शिकायत हो, तो वह अपनी शिकायत शिकायत निवारण समिति के समक्ष दर्ज करा सकेगा तथा शिकायत निवारण समिति मृत व्यक्ति के चिकित्सा उपचार संबंधी दस्तावेजों की जाँच कर शिकायत प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर समुचित निर्णय लेगी। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण / जिला प्रशासन तथा शिकायत निवारण समिति को तकनीकी जटिलताओं को छोड़कर इस प्रकार कार्य करना चाहिए जिससे कोविड-19 से हुई मृत्यु के कारण प्रभावित परिवार को अनुग्रह सहायता राशि सुगमता से प्राप्त हो सके। नयाभारत को मिली जानकारी के मुताबिक पहले से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र के मामले में यदि मृतक के परिवार का कोई भी सदस्य मृत्यु प्रमाण पत्र में उल्लेखित मृत्यु के कारण से व्यथित है. वह मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने वाले और / या पंजीकरण प्राधिकारी से संपर्क करेगा तथा जाँच एवं चिकित्सा उपचार संबंधी आवश्यक दस्तावेजों के परीक्षण के उपरांत सक्षम / पंजीकरण अधिकारी मृत्यु प्रमाण-पत्र को संशोधित करेगा। 

यदि परिवार का सदस्य पंजीकरण प्राधिकारी के आदेश से व्यथित हो, • शिकायत निवारण समिति के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करेगा। संबंधित प्रकरण में शिकायत निवारण समिति द्वारा दिए गए निर्देश के अनुरूप मृत्यु प्रमाण पत्र को संशोधित करेगा। अतः माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 04.10.2021 के अनुक्रम में भारत सरकार, गृह मंत्रालय (आपदा प्रबंधन प्रभाग) तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देश / परिपत्र के अनुकम में प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल आर्थिक अनुदान सहायता देने हेतु समुचित कार्यवाही शीघ्र किया जाना सुनिश्चित करें। छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के राहत आयुक्त / सचिव रीता शांडिल्य ने इस बाबत समस्त कलेक्टर / अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को पत्र जारी किए हैं।