CG स्पेशल VIDEO: रामायण काल में वनवास के दौरान यहां आए थे भगवान राम, सीता और लक्ष्मण.... भगवान के नाम पर पड़ा नाम रामचौरा.... राम ने चलाया बाण तो धरती के गर्भ से अनवरत निकल रहा गर्मपानी.... देखें VIDEO.......




बलरामपुर रामानुजगंज/ उज्जवल तिवारी/ रामानुजगंज से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम रजबंधा से लगा रामचौरा पहाड़ कई दशक पूर्व से लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना है। पौराणिक मान्यताएं है कि रामचौरा पहाड़ में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण के आने से ही इस पहाड़ का नाम रामचौरा पहाड़ पड़ा। वनवास के समय कुछ दिन तक इसी रामचौरा पहाड़ में अपना निवास बनाए हुए थे। इसी पहाड़ से तातापानी गर्म जल स्रोत का संबंध भी बताया जा रहा है। रामनवमी और 15 अगस्त के दिन यहां श्रद्घालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस क्षेत्र को पर्यटन व धार्मिक स्थल के रूप मेें विकसित करने कि मांग क्षेत्रवासी लंबे समय से कर रहे हैं बलरामपुर जिले के का यह रामचौरा स्थल आने वाले दिनों में जिले की पहचान बनेगा।
वनवास काल में भगवान राम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ आए थे रामचौरा पहाड़ी।
पौराणिक मान्यताएं हैं कि 14 वर्षों के वनवास काल के दौरान भगवान श्रीराम माता सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ रामचौरा पहाड़ी पर आए थे यहां से भगवान ने अपने दिव्य धनुष से बाण मारा वह बाण तातापानी में जाकर गिरा जिससे वहां कि धरती में छेद हो गया और चमत्कारिक रूप से तातापानी में गर्म पानी निकलने लगा हजारों लाखों वर्ष बाद आज भी निरंतर तातापानी में धरती के गर्भ से अनवरत गर्म पानी निकल रहा है।
घने जंगलों के बीच कठिन है रामचौरा पहाड़ी कि चढ़ाई।
आपको बता दें कि इस पहाड़ी कि चढ़ाई बहुत कठिन है पहाड़ी के चारों तरफ घने जंगल है जहां जंगली जानवरों का डेरा है पहाड़ों कि श्रृंखला है इस श्रृंखला कि सबसे ऊंची चोटी रामचौरा पहाड़ी है पहाड़ी के उपर पहुंचने के लिए झाड़ियों कि सफाई करके वैकल्पिक रास्ता बनाया गया है। रामचौरा सेवा समिति के सदस्यों के द्वारा आपसी सहयोग एवं चंदा एकत्रित कर धार्मिक अनुष्ठान सहित हर साल कि तरह मेला का आयोजन किया गया आस पास क्षेत्रों के साथ ही दुर दराज से भी आस्था और श्रद्धा भाव के साथ हजारों कि संख्या में लोग यहां पहुंचे।
पहाड़ी के नीचे मुख्य द्वार पर विराजते हैं भगवान हनुमान, यहां के रक्षक हैं भगवान हनुमान।
स्थानीय लोगों को करना है कि भगवान हनुमान हमारे गांव सहित आसपास क्षेत्र के रक्षक हैं हम सब की रक्षा करते हैं गांव के स्थानीय लोगों ने आपसी सहयोग से रामचौरा पहाड़ी के नीचे मुख्य द्वार पर भगवान हनुमान जी की भव्य प्रतिमा स्थापित कि गई है।
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है यह अति प्राचीन स्थान।
रामचौरा सेवा समिति के सदस्यों ने कहा कि हम शासन प्रशासन से इस अति प्राचीन धार्मिक महत्व स्थल को पर्यटन के रूप में विकसित करने कि मांग कर रहे हैं यहां पेयजल कि समस्या है सड़क कि आवश्यकता है समतलीकरण का कार्य भी जरूरी है अगर यह सब कार्य यहां हो जाता तो सुविधा के दृष्टिकोण से बहुत बेहतर होगा।
समिति के सदस्यों का रहा विशेष योगदान।
अध्यक्ष आशिष रजक उपाध्यक्ष संकेत रजक सचिव शैलेन्द्र रजक समिति संयोजक सत्यनारायण रजक कोषाध्यक्ष रामाशंकर रजक सह संयोजक रोहित गुप्ता सह सचिव करमचंद सिंह उपेंद्र रजक शिवपुजन रजक राजेंद्र रजक अजय रजक महेंद्र रजक टुननुलाल रजक अमन रजक पवन रजक रवि रजक देवेंद्र रजक सकेंद रजक लखन मनोज राम लगनराम अरूण रजक करन रजक किशन अमरदेव रजक संजय रजक हंसराज रजक गजेन्द्र रजक सुरजदेव रजक सहित समिति के सभी सदस्यों का इस आयोजन को संपन्न कराने में योगदान रहा।