CG VIDEO ब्रेकिंग: कवासी लखमा की फिसली जुबान.... आबकारी मंत्री ने BJP प्रदेश प्रभारी को कहा.… ’फूलन देवी’.... फिर जो हुआ.... शराबबंदी पर बोले.... जल्दी का काम शैतान का.... देखें VIDEO......

CG VIDEO ब्रेकिंग: कवासी लखमा की फिसली जुबान.... आबकारी मंत्री ने BJP प्रदेश प्रभारी को कहा.… ’फूलन देवी’.... फिर जो हुआ.... शराबबंदी पर बोले.... जल्दी का काम शैतान का.... देखें VIDEO......

रायपुर 19 जुलाई 2021। आबकारी मंत्री कवासी लखमा मीडिया से बात कर रहे थे। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने फिर विवादित बयान दे दिया है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के बस्तर में धर्मांतरण वाले बयान पर पलटवार किया। इस दौरान उनकी जुबान फिसल गई। आबकारी मंत्री कवासी लखमा बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी पर टिप्पणी कर बैठे। 

आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने डी पुरंदेश्वरी को कहा कि वो फूलन देवी का क्या नाम है, फिर हसंते हुए। सॉरी-सॉरी कहते दिखे। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि वे व्हाट्सप्प में देखकर धर्मांतरण का आरोप लगा रही हैं। मंत्री कवासी लखमा यहीं नहीं ठहरे उन्होंने कहा कि पुरंदेश्वरी हैदराबाद से हवाई जहाज से आई हैं। उनको बस्तर का भूगोल तक नहीं मालूम है। बस्तर में कांग्रेस सरकार आने के बाद कोई धर्मांतरण नहीं हुआ है। आदिवासी बहुत संगठित हैं। भाजपा के लोग नहीं बोलेंगे तो नागपुर से डंडा पड़ेगा।

बस्तर में धर्मांतरण के आरोपों को कवासी लखमा ने भाजपा की राजनीति बताया। उन्होंने कहा, भाजपा लड़ाने-भिड़ाने वाली पार्टी है। पिछले ढाई वर्षों में उन्हें कुछ नहीं मिला तो यह मुद्दा उठा रहे हैं। भाजपा बस्तर के शांत वातावरण को नुकसान पहुंचाना चाहती है। कोई धर्मांतरण नहीं हो रहा है। 

शराबबंदी पर बोले आबकारी मंत्री

शराबबंदी के बारे में पूछने पर प्रदेश के आबकारी और उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि जल्दी का काम शैतान का होता है। सरकार इस मामले में सोच-समझकर फैसला लेगी। हम ये भी देखेंगे कि इस फैसले का किसानों और मजदूरों पर क्या असर होता है। कवासी लखमा ने कहा कि विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में कर्ज माफी, टाटा की जमीन वापसी, धान के 2500 रुपया प्रति क्विंंटल दाम के साथ शराबबंदी को भी शामिल किया था। 

CM विधानसभा में और बाहर कई बार बोल चुके हैं कि शराबबंदी करेंगे, लेकिन यह जल्दबाजी में नहीं होगा।’ मंत्री लखमा ने कहा, छत्तीसगढ़ छोटा राज्य है। यह सामाजिक-आर्थिक और किसानों-मजदूरों से जुड़ा हुआ मामला है। राजनीतिक मुद्दा नहीं है। फैसला करने से पहले शराबबंदी के परिणाम देखने होंगे।

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