बाहुबली के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई: पूर्व मंत्री व विधायक की 68 लाख की संपत्ति जब्त.... PMLA के तहत 68 लाख की संपत्ति अटैच.......

बाहुबली के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई: पूर्व मंत्री व विधायक की 68 लाख की संपत्ति जब्त.... PMLA के तहत 68 लाख की संपत्ति अटैच.......

डेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने बिहार के विधायक ददन सिंह पहलवान और उनके परिवार की 68 लाख रुपये की संपत्तियां उनके खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में कुर्क की है। कुर्क की गई संपत्तियों में सात भूखंड और समान संख्या में लक्जरी वाहन शामिल हैं। ददन सिंह की पहचान बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाहुबली नेता की है। ईडी द्वारा यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई है। 

 

 

प्रवर्तन निदेशालय ने बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक ददन सिंह यादव उर्फ ददन पहलवान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने ददन पहलवान और उनके परिवार से जुड़े कई लोगों की लगभग 68 लाख रुपये की संपत्तियों को अटैच कर ली है। यानी अवैध तौर पर कमाई गई संपत्तियों को प्रॉपर्टी में निवेश कर के ब्लैक मनी को सफेद बनाने की कोशिश की गई थी। इसके तहत सात स्थानों पर जमीन, सात लग्जरी गाड़ियां सहित कई संपत्तियों को अटैच किया है। 

 

 

जांच एजेंसी के मुताबिक ददन सिंह यादव उर्फ ददन पहलवान के खिलाफ बिहार और उत्तर प्रदेश में वर्ष 2004 में कई मामले दर्ज हुए थे। उन्हीं मामलों में कार्रवाई करते हुए ईडी की टीम द्वारा इन संपत्तियों को अटैच किया गया है। बाहुबली ददन यादव के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का आरोप, हथियार व गोला-बारूद रखने और इसके लेन-देन का आरोप, कई प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा, हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश रचने जैसे कई संगीन मामलों में बिहार और उत्तर प्रदेश में केस दर्ज है। इन मामलों को आधार बनाते हुए ईडी ने PMLA यानी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

 

 

पहलवान को जदूय ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पिछले साल निकाल दिया था। पहलवान से नेता बने ददन सिंह बिहार के बक्सर जिले की डुमराव विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। जब राबड़ी देवी राज्य की सीएम थीं, तब वह उनकी सरकार में मंत्री भी रहे थे। ईडी का आरोप है कि पूर्व विधायक ने अपराधों से प्राप्त पैसों से विभिन्न अचल संपत्तियां खरीदीं व बैंकों में अपने परिजनों के नाम पर धनराशि जमा कराई। उन्होंने बताया था कि यह पैसा उन्होंने कारेाबार व कंपनी से हुई कमाई से अर्जित किया था, जबकि उनके द्वारा कोई कारोबार या कंपनी चलाए जाने की पुष्टि नहीं हुई।