पहले देश के लोग ED को इतना नहीं जानते थे, जितना अब जानते हैं। ED की क्या-क्या ताकतें हैं? आपको जरूर जानना चाहिए...
Earlier, people of the country did not know ED




NBL, 01/04/2024, Lokeshwar Prasad Verma Raipur CG: Earlier, people of the country did not know ED as much as they know now. What are the powers of ED? You must know. पढ़े विस्तार से....
आइए जानते हैं, ये ईडी है क्या, कब बना, इसकी ताकत क्या है और अब तक क्या कार्रवाई हुई हैं?
* ED या एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट क्या है?...
भारत को जब अंग्रेजों से आजादी मिली तब 1947 में फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट (विदेशी मुद्रा नियमन कानून) बना था. इसे वित्त मंत्रालय का डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स देखता था. साल 1956 में प्रवर्तन इकाई बनी. इसी में इकनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट बना. साल 1957 में इसका नाम बदलकर डायरेक्टोरेट ऑफ एनफोर्समेंट या एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट रखा गया. इसे ही अब ईडी कहते हैं. साल 1960 में ED को रेवेन्यू डिपार्टमेंट में शिफ्ट कर दिया गया और तब से यह उसी में काम कर रहा है।
* ईडी कैसे काम करती है?...
ईडी या एंफोर्समेंट डायरेक्टरेट आर्थिक अपराध और विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन की जांच के लिए बनाई गई है. यह फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (Fema) के तहत कार्रवाई करती है. ईडी आपराधिक श्रेणी वाले फाइनैंशल फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले भी देखने लगी है. प्रीवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के तहत ईडी कार्रवाई करती है।
* ईडी के तहत PMLA.
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट जब बना तो सरकार ने तय किया कि इसे एनफोर्स ईडी करेगी. ईडी में काफी लोग बाहर से भी तैनात किए जाते हैं. काफी लोग डेप्यूटेशन पर भी आते हैं. साल 2018 जब सरकार ने देखा कि आर्थिक अपराधी काफी संख्या में देश से बाहर भाग रहे हैं तो फ्यूजिटिव ऑफेंडर एक्ट लाया गया, इसे भी ईडी के तहत रखा गया।
* किन कानून के तहत काम करती है ईडी?...
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (FEMA. धन सोधन निवारण अधिनियम 2002 (PMLA). भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 (FEOA). FEMA के तहत ईडी फॉरेन एक्सचेंज नियमों के उल्लंघन की जांच करता है. PMLA को मनीलॉन्ड्रिंग को रोकने या मामले में शामिल अवैध संपत्ति को जब्त करने के लिए बनाया गया. FEOA को आर्थिक अपराधियों को भारत से भागने से रोकने के लिए बनाया गया है।
* किन मामलों की जांच कर सकती है ईडी?...
किसी थाने में एक करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की हेराफेरी का मामला दर्ज होने पर पुलिस ईडी को इसकी जानकारी देती है. इसके बाद ईडी थाने से एफआईआर या चार्जशीट की कॉपी लेकर जांच शुरू कर सकती है. ईडी को अगर स्थानीय पुलिस से पहले मामले की जानकारी लग जाती है, तब भी वह जांच शुरू कर सकती है।
* बड़े आर्थिक अपराध ईडी के हाथ में...
ईडी फेमा उल्लंघन, हवाला लेनदेन, फॉरेन एक्सचेंज वायलेशन, विदेश में मौजूद संपत्ति पर कार्रवाई और विदेश में संपत्ति की खरीद के मामलों की जांच करती है. एजेंसी के पास मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों के खिलाफ संपत्ति-धन की जब्ती और गिरफ्तारी के अधिकार हैं. ईडी गैरकानूनी वित्तीय काम पर कार्रवाई कर सकती है. पीएमएलए के तहत ईडी को संपत्ति जब्त करने, छापा मारने और गिरफ्तारी का अधिकार है. ईडी की ताकत अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि एजेंसी पूछताछ के बिना भी संपत्ति जब्त कर सकती है।
* प्रवर्तन निदेशालय एक वैधानिक निकाय है?
ईडी या प्रवर्तन निदेशालय वैधानिक निकाय नहीं है, यह वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एक सरकारी एजेंसी है.
ED या एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट क्या है?
ईडी वित्तीय गबन या धोखाधड़ी की जांच करने वाली एक केंद्रीय एजेंसी है.
ईडी का फुल फॉर्म क्या होता है?
ईडी को एंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट या प्रवर्तन निदेशालय के नाम से जाना जाता है. हिंदी में ईडी का फुल फॉर्म एंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट, प्रवर्तन निदेशालय या आर्थिक प्रवर्तन महानिदेशालय होता है.
प्रवर्तन निदेशालय का क्या काम है?
प्रवर्तन निदेशालय गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति का पता लगाने हेतु जांच करने, संपत्ति को जब्त करने और अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और विशेष अदालत द्वारा संपत्ति की जब्ती सुनिश्चित करवाते हुए पीएमएलए के प्रावधानों को लागू करने जिम्मेदारी दी गई है।