CGPSC टॉपर : स्टेट टॉपर परीक्षा के ठीक पहले हो गयी थी कोरोना पॉजेटिव….जनपद CEO अब बनी डिप्टी कलेक्टर….टॉपर बोली - इच्छाएं मारकर नहीं मिलती सफलता, पढ़ाई के साथ खुलकर जिएं….पार्टी, मस्ती, मूवी के सारे शौक पूरे करते हुए बनी स्टेट टॉपर….जानिए CGPSC 2020 की टॉपर ने कैसे हासिल की इतनी बड़ी सफलता, पढ़िए टिप्स……

CGPSC टॉपर : स्टेट टॉपर परीक्षा के ठीक पहले हो गयी थी कोरोना पॉजेटिव….जनपद CEO अब बनी डिप्टी कलेक्टर….टॉपर बोली - इच्छाएं मारकर नहीं मिलती सफलता, पढ़ाई के साथ खुलकर जिएं….पार्टी, मस्ती, मूवी के सारे शौक पूरे करते हुए बनी स्टेट टॉपर….जानिए CGPSC 2020 की टॉपर ने कैसे हासिल की इतनी बड़ी सफलता, पढ़िए टिप्स……

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ पीएससी 2020 की परीक्षा में आस्था बोरकर ने टॉप किया है. CGPSC रिजल्ट में राजनांदगांव की आस्था बोरकर ने पूरे छत्तीसगढ़ में टॉप किया है. परिवार समेत जिलेभर में खुशी का माहौल है. बेटी आस्था बोरकर ने जिले समेत मां-बाप का नाम रौशन किया है.

 

CGPSC में टॉप करने वाली आस्था बोरकर ने अपनी स्कूली शिक्षा दुर्ग के महावीर जैन विद्यालय से की। इसके बाद वह राजनांदगांव शिफ्ट हो गईं और गुजराती राष्ट्रीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई की। उन्होंने शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव से एमएससी भौतिक किया।

 

आस्था शुरू से ही मेधावी छात्रा रही हैं। PSC की तैयारी उन्होंने 2018 में शुरू की और दूसरे प्रयास में 2019 की PSC परीक्षा पास कर सीईओ जनपद पंचायत पद के लिए चयन हुई। आस्था ने अभी जनपद सीईओ के पद पर ज्वॉइन भी नहीं किया था कि उनका 2020 की PSC का रिजल्ट आ गया और उन्होंने पूरे छत्तीसगढ़ में टॉप कर अपने माता पिता और जिले का नाम रोशन किया।

 

आस्था का कहना है कि लड़कियां चाहें तो कुछ भी कर सकती हैं, जरूरत है तो बस उन्हें सहयोग देने की। उनकी इस सफलता के पीछे उनके घर परिवार और गुरुजन का पूरा सहयोग मिला। घर में मां उन्हें अधिक काम नहीं करने देती थी। बड़ी बहन का भी हमेशा सपोर्ट मिला।वह अपनी तैयारी छोड़कर आस्था को पढ़ाई के लिए सपोर्ट करती थीं। पिता ने दूर रहकर भी पूरा साथ दिया। परीक्षा से पहले फोन करके उनसे तैयारी को लेकर पूछते थे।

 

आस्था की मां सुशीला बोरकर गृहणी हैं। पिता ध्रुवराज बोरकर रेलवे में वरिष्ठ खंड अभियंता (SECR) हैं। उनकी एक बड़ी बहन आकांक्षा बोरकर, शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने की तैयारी कर रही हैं। इस छोटे से परिवार को आस्था के मामा का काफी सहयोग मिला। आस्था के मामा सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी थे।साल 2013 में बीमारी के चलते उनका देहांत हो गया। मामा ने आस्था से कहा था कि उनका सपना है कि आस्था डिप्टी कलेक्टर बने। उसी सपने को पूरा करने के लिए आस्था ने जीतोड़ मेहनत की और राज्य में टॉप करके दिखाया।

 

2018 की PSC  में प्री भी नहीं क्लियर कर पायी आस्था ने 2019 PSC में 125 वीं रैंक पायी और फिर 2020 PSC की स्टेट टॉपर बन गयी। ये दीवाली आस्था के लिए डबल बोनाज़ा लेकर आया है। 2019 PSC  में जनपद CEO के पद का जश्न अभी ठीक से मना भी नहीं पायी थी कि 2020 की स्टेट टॉपर की खबर ने खुशिया दुगुनी कर दी ।

 

2020 पीएससी की मेंस परीक्षा जून में प्रस्तावित थी, लेकिन ठीक उससे पहले मई में आस्था कोरोना पीड़ित हो गयी और 15 दिन के लिए बीमार पड़ गयी। कोरोना से उबरने के बाद भी उन्हें रिकवर होने में वक्त लगा, बावजूद अपनी तैयारियों को आस्था ने नहीं छोड़ा। इसी बीच जून की मेंस परीक्षा जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गयी, जिसकी वजह से उन्हें तैयारियों का थोड़ा वक्त मिल गया और फिर कल आये परिणाण में आस्था प्रदेश में सबसे अव्वल आयी।

 

 

आस्था बताती है कि उनका इंटरव्यू तो ज्यादा फोकस उनके सब्जेक्ट पर ही था, लेकिन कुछ दिलचस्प सवाल भी हुए। मुझे पूछा गया कि – आप क्या कांफिडेंट हैं कि आप डिप्टी कलेक्टर बनेगी। जवाब में आस्था ने पूरी दृढ़ता से कहा कि- बिल्कुल में बनूंगी। उसी तरह बस्तर से छत्तीसगढ़ के साहित्य, संस्कृति, हिंदी साहित्य जैसे विषयों पर ही सवाल पूछे गये। पूर्व परीक्षा में जनपद सीईओ के पद पर चयनित होने की वजह से उनसे जनपद सीईओ को लेकर भी सवाल पूछा गया।

 

आस्था ने कहा कि उन्होंने PSC की तैयारी के दौरान भी कॉलेज में दोस्तों के साथ खूब इंजॉय किया। फोटो खिचवाए, पिकनिक की और घर परिवार को पूरा समय देकर त्योहारों में खुशियां भी मनाई। आस्था ने कहा कि सफल होने के लिए अगर कुछ जरूरी है तो वह आपका लक्ष्य और उसको पाने के लिए टाइम मैनेजमेंट होना।

 

आस्था ने बताया UPSC और PSC जैसी बड़े कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी के लिए युवा अपने आपको तीन चार सालों के लिए पढ़ाई के नाम पर कमरे में बंद कर लेते हैं। अपनी इच्छाओं को मारते हैं। घर परिवार और दोस्तों से दूर रहने लगते हैं। इस तरह कभी सफलता नहीं मिलती।

 

अगर युवा टाइम मैनेजमेंट करें और जितने घंटे भी पढ़े मन लगाकर पढ़े तो उसे सफलता जरूरी मिलेगी। आस्था ने बताया कि जिस परीक्षा में उन्होंने टॉप किया उसमें कई बाधाएं भी आई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्हें मेंस एग्जाम के समय कोविड हो गया था। जून में पेपर थे। ऐसे में इसका फायदा पढ़ाई के लिए उठाया।