श्रमवीरो के सम्मान में दुर्ग की नन्ही बिटिया आद्विका पाणिग्रही ने "बैगा जनजाति" की पारंपरिक वेशभूषा में बोरे बासी खाया...

Durg's little Advika Panigrahi ate stale sacks in the traditional dress of "Baiga tribe" in honor of laborers

श्रमवीरो के सम्मान में दुर्ग की नन्ही बिटिया आद्विका पाणिग्रही ने
श्रमवीरो के सम्मान में दुर्ग की नन्ही बिटिया आद्विका पाणिग्रही ने "बैगा जनजाति" की पारंपरिक वेशभूषा में बोरे बासी खाया...

दुर्ग , 01 मई 2023/  दुर्ग शहर पद्मानाभपुर की 5 वर्षीय नन्ही बिटिया आद्विका पाणिग्रही ने लगातार दूसरे वर्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आव्हन पर श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमवीरों के सम्मान में "बैगा जनजाति" की पारंपरिक वेशभूषा में आज बोरे-बासी का आनंद लिया। आज बोरे-बासी तिहार के  भोज में आद्विका के साथ पूरे  पाणिग्रही परिवार के सदस्यों  ने अथान, चटनी, भाजी, बड़ी-बिजौरी और गोंदली के साथ जमीन में बैठकर बोरे-बासी खाई और श्रमिक दिवस मनाया। आद्विका दुर्ग निवासी शिक्षाविद् रवींद्रनाथ पाणिग्रही व स्मिता पाणिग्रही की सुपुत्री है। 

             इस अवसर पर आद्विका के पिता रवींद्र नाथ पाणिग्रही ने कहा कि बोरे-बासी छत्तीसगढ़िया श्रमिकों की संस्कृति का अहम हिस्सा है और उनके सम्मान और योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए ही बोरे-बासी तिहार मनाया जा रहा है। बोरे-बासी श्रमिकों का प्रिय आहार भी है और उनके जीवन का अहम हिस्सा भी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में  श्रमिकों का योगदान अमूल्य है और उनके प्रयासों से हम नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे है।