सरकार कि योजनाओ से वन्चित दिव्यांग दर दर भटकने को है मजबूर..प्रशासन की नाकामी के चलते दिव्यांग को नही मिल पाया कोई लाभ

सरकार कि योजनाओ से वन्चित दिव्यांग दर दर भटकने को है मजबूर..प्रशासन की नाकामी के चलते दिव्यांग को नही मिल पाया कोई लाभ

सुकमा - सुकमा जिले के जगरगुण्डा जैसे दुर्गम क्षेत्र जो अतिशवेदन शील माने जाते हैँ इन इलाकों के कई गांव और गांव के लोग सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजना से आज भी वंचित हैँ । आज हम एक ऐसे व्यक्ति से रूबरू कराने जा रहे हैं जो जन्म से हि दिव्यांग है। 

 दिव्यांगों की मदद के लिए सरकार भले कई योजनाएं चलाने का दावा करती है, लेकिन इन योजना का लाभ धरातल पर तक लोगो तक कितना पहुंच रहा है, इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। जिले में ऐसे अनगिनत दिव्यांग हैं और उनमे से एक जगरगुण्डा के अंतर्गत आने वाले ग्रामपंचायत ताराला गुडा के ग्राम विक्रमपल्ली निवासी सुंडाम जोगा भी हैं। 

 

*दिव्यांग युवक सरकार के द्वारा मिलने वाली पेंशन योजना से भी वंचित है*

जानकारी के मुताबिक युवक सुंडाम जोगा को आज तक नहीं मिली सरकार द्वारा निशक्त जनों को दी जाने वाली पेंशन योजना का लाभ।जबकी ग्रामपंचायत के सचिव और सरपंच की जिम्मेदारी होती है ऐसे निशक्त जनो को सरकार द्वारा मिलने वाली हर योजना का लाभ मिल सके लेकिन जिम्मेदारो कि गैरजिम्मेदरि के चलते जोगा इन सब योजनाओ से आज तक वंचित है ।

 

*दिव्यांगों की मदद के लिए सरकार की कई योजनाएं*

 

 दिव्यागो को लाभ मिल सके इस लिये सरकार द्वारा विभिन्न योजना दी जाती है जैसे की दिव्यांगो को 500रु.पेंशन दी जाती है।दिव्यांगों को प्रोत्साहित करने के लिए 20 हजार तक की धनराशि निजी भूमि पर दुकान निर्माण के लिए दी जाती है। जिन दिव्यांग के पास अपनी भूमि नहीं है, उन्हें दुकान संचालन के लिए 10 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसमें सरकार की तरफ से ढाई हजार रुपये का अनुदान है। बाकी रकम चार प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करनी होती है। ये भी योजनाएं इसके अलावा भी सरकार की बहुत सी योजना है जो दिव्यांग के लिए है। जैसे दिव्यांग निवारण के लिए शल्य चिकित्सा के लिए अनुदान, राज्य परिवहन निगम की बसों में नि:शुल्क यात्रा, शासकीय सेवा में आरक्षण की व्यवस्था और विशिष्ट दिव्यांगों को राज्य स्तरीय पुरस्कार के साथ-साथ जलकर और हाउस टैक्स में दृष्टिहीन और दिव्यांग को सौ फीसदी से लेकर पचास फीसदी तक छूट प्रदान की भी व्यवस्था है। साथ ही दिव्यांगों के उपकरण वितरण व पेंशन सहित कई सुविधाएं हैं। लेकिन जोगा और इन जैसे कई अन्य लोग इन सब् सुविधओ से वन्चित रह जाते है सिर्फ विभागिय अधिकारियो के लापरवाही के चलतें।

 

*जोगा ने अपनी कमजोरी को अपने उपर कभी हावी होने नही दिया*

 

ऐसे बहुत से दिव्यांग हैं, जो अपनी शारीरिक दिव्यांगता को अभिशाप मानकर बैठ जाते हैं। किंतु उनमें कुछ ऐसे भी होते हैं, जो अपनी विपरीत परिस्थितियों से लड़कर समाज में अपना स्थान बनाते हैं । ऐसे ही ग्रामपंचायत तारलागुडा ग्राम विक्रमपल्ली निवासी सुंडाम जोगा दिव्यांगों में से एक हैं जो पैर से होने के वजह से घुठनो से चलता है लेकिन कभी इस कमजोरी को अपने उपर हावि होने नही दिया।

अब देखना ये है की इस युवक पर प्रशासन की नजर कब तक पढ़ेगी और जोगा के लिए कौन सी सुविधा मुहैया कराई जाएगी