CG MLA और मंत्री में तगड़ी भिड़ंत VIDEO: बीच बैठक में जमकर हुई तू-तू-मैं-मै.... इस बात पर एक-दूसरे से भिड़े मंत्री और विधायक.... विधायक बोले, चपरासी का काम करते हैं तहसीलदार और SDO.... फिर जो हुआ.... देखें VIDEO.......

CG MLA और मंत्री में तगड़ी भिड़ंत VIDEO: बीच बैठक में जमकर हुई तू-तू-मैं-मै.... इस बात पर एक-दूसरे से भिड़े मंत्री और विधायक.... विधायक बोले, चपरासी का काम करते हैं तहसीलदार और SDO.... फिर जो हुआ.... देखें VIDEO.......

कोरबा 17 अगस्त 2021। कोरबा लोकसभा की सांसद ज्योत्सना महंत की अध्यक्षता में आज जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक हुई। बैठक में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक रामपुर ननकीराम कंवर, विधायक कटघोरा पुरूषोत्तम कंवर, विधायक पाली-तानाखार मोहित राम केरकेट्टा समेत अधिकारी और वरिष्ठ जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। बीच बैठक में आज मंत्री जयसिंह अग्रवाल और पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर में तगड़ी भिड़ंत हो गयी। विवाद बढ़ता देख सांसद ज्योत्सना महंत ने दोनों को शांत कराया।

मजदूरी भुगतान को लेकर दोनों सीनियर लीडर के चिल्लम-चोट को सुनकर मौजूद अफसर-नेता सब सकते में आ गये। करीब 5 मिनट तक दोनों के बीच तू-तू-मैं-मैं चलती रही। बैठक में मनरेगा की समीक्षा चल रही थी। तभी रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने मनरेगा से वन विभाग में कराए गए कार्यो के लंबित भुगतान का मुद्दा उठाया। DFO प्रियंका पांडेय ननकीराम के सवाल का जवाब देती उससे पहले राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जवाब देते हुए ये कह दिया कि सेंट्रल से फंड नही आया है, इसलिए भुगतान बकाया है। 


राजस्व मंत्री के इस जवाब से ननकीराम कंवर तिलमिला गये और भड़कते हुए कहा कि इसमें केंद्र कहा से आ गया। काम 6 से 7 महीने पुराना है। ननकीराम ने DFO प्रियंका पांडेय को कहा कि क्यो मेम साहब मैं क्या गलत बोल रहा हूं! ननकीराम के इस सवाल पर DFO और जिला पंचायत सीईओ जवाब देते इसी बीच एक बार फिर जयसिंह अग्रवाल ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए ये कह दिया कि फंड मिलते ही भुगतान कर दिया जाएगा। 

बस फिर क्या था ननकीराम कंवर भड़क गए और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को ये कह दिया कि आप पहले मेरी बात सुनिए। मैं क्या गलत बोल रहा हूं ? इतने में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी नही रुके और उन्होंने बैठक में सबको बोलने का अधिकार होने की बात कहते हुए ननकीराम कंवर के जवाब पर पलटवार कर दिया। इस दौरान सभागार में पिन ड्राप साइलेंस की स्थिति बनी रही। जनप्रतिनिधि और अफसर भौचक एक दूसरे को निहारते रहे। 


तभी सांसद ज्योत्सना महंत ने पटाक्षेप कर मामले को शांत कराया और बीच बैठक में मनरेगा का भुगतान जल्द ही कराने का आश्वाशन देकर मामला शांत कराया गया। बैठक में केंद्र सरकार द्वारा जिले में संचालित योजनाओं और विकास कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की गई। जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में महंत ने सभी जनप्रतिनिधियों को दलगत राजनीति से उपर उठकर क्षेत्र एवं जिले के विकास के लिए समन्वित प्रयास करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों को जनता ने क्षेत्र के विकास के लिए ही प्रतिनिधि के रूप में चुना है और हम सब को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना है। 


सांसद ने सभी अधिकारियों को जिलेवासियों के हित में जनकल्याणकारी योजनाओं को जिले के दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों तक पहुंचाकर लोकहित में काम करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिले के गांवों में बिजली, पानी तथा स्कूलों में बालिकाओं के लिये शौचालय की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये। सांसद ने कहा कि लोगों को मूलभूत सुविधाएं बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, मकान सहित किसानों को खेती के लिए जरूरी सुविधाएं और सहयोग उपलब्ध कराना ही पहली प्राथमिकता है और इस दिशा में तेजी से काम करना चाहिए। 

बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न मांगो, सुझावों और शिकायतों को भी उपस्थित अधिकारियों को बताया गया। सांसद महंत ने जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गये सुझावों और मांगो-शिकायतों पर भी तेजी से कार्यवाही करने के निर्देश उपस्थित अधिकारियों को दिए। बैठक में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक रामपुर ननकीराम कंवर, विधायक कटघोरा पुरूषोत्तम कंवर, विधायक पाली-तानाखार मोहित राम केरकेट्टा, महापौर राजकिशोर प्रसाद, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर, कलेक्टर रानू साहू, पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार सहित सभी जनपद पंचायतों के अध्यक्ष और वरिष्ठ जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए।


जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सांसद महंत ने केंद्र सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों जैसे- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, पेंशन योजना, स्वच्छ भारत मिशन, रूरबन मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, प्रधानमंत्री फसल बीमा और कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना, एकीकृत बाल विकास योजना आदि की समीक्षा की। 

उन्होंने लोगों के हित में योजनाओं की उपलब्धियों की जानकारी भी ली। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों से इन योजनाओं के लिए पात्र सभी हितग्राहियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान सांसद महंत ने कुछ योजनाओं में तेजी से काम कर प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में कहा कि दिशा समिति की बैठक की प्रगति से ही जिले में केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और लाभान्वित लोगों के बारे में जानकारी मिलती है। इन योजनाओं के लिए प्राप्त लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति की जाए।

 
सांसद ज्योत्सना महंत की अध्यक्षता में आयोजित दिशा समिति की बैठक में जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना कार्यों की भी समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2021-22 के लिये मनरेगा के अंतर्गत कुल दो हजार 139 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। इन कार्यों में हितग्राहियों के लिये निजी डबरी निर्माण, सामुदायिक तालाब गहरीकरण, सामुदायिक नवीन तालाब, कूप निर्माण, चेक डेम निर्माण, एनीकट निर्माण, बकरी शेड निर्माण, डेयरी शेड निर्माण, वर्मी टांका बनाने का कार्य और वृक्षारोपण जैसे काम किए जा रहे है। इसके लिए 38 करोड़ 23 लाख रूपए की कार्ययोजना स्वीकृत की गई है। इस वर्ष स्वीकृत कामों के लिए ग्रामीणों को 34 करोड़ 19 लाख रूपए मजदूरी के रूप में और चार करोड़ 04 लाख रूपए से अधिक सामग्री के रूप में मिलेंगे। 

बैठक में विधायक ननकीराम कंवर ने मनरेगा के तहत किए गए कामों की ग्रामीणों को मजूदरी नहीं मिलने की जानकारी दी। जिस पर सांसद महंत ने गांव स्तर पर मनरेगा के तहत किए गए सभी कामों के लिए मजदूरी का भुगतान समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीणों को काम के हिसाब से हर 15 दिनों में एफटीओ शासन को भेजने के निर्देश दिए ताकि समय पर शासकीय आबंटन प्राप्त हो सके। जिले में कुल एक लाख 51 हजार 922 परिवार रोजगार के लिये मनरेगा में पंजीकृत हैं। इन परिवारों में कुल पंजीकृत मजदूरोें की संख्या तीन लाख 76 हजार 764 है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल सक्रिय परिवार एक लाख 25 हजार 091 में से 55 हजार 065 परिवारों को मान के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इन सक्रिय परिवारों के एक लाख दो हजार 461 श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिला है।

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