हिन्दू व हिंदुत्व की परिभाषा उद्धव ठाकरे शिव सेना प्रमुख को याद आ गया होगा की "बाबा साहेब ठाकरे" का कद क्यो ऊँचा था महारास्ट्र में.
Definition of Hindu and Hindutva Uddhav Thackeray Shiv Sena chief




NBL, 23/06/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Definition of Hindu and Hindutva Uddhav Thackeray Shiv Sena chief must have remembered why the stature of "Baba Saheb Thackeray" was high in Maharastra.
आज महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल मचा हुआ है, शिवसेना प्रमुख व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार के ऊपर और इसके मुख्य कारण है, खुद के पार्टि में दरार पड़ना और इस दरार का नाम है, हिन्दू व हिंदुत्व जो शिव सेना की मुख्य मार्ग था, पढ़े विस्तार से... जिसे महाराष्ट्र में सबलता के साथ बाबा साहेब ठाकरे ने पूरे दबदबा के साथ खड़े किया महाराष्ट्र में और कभी भी महाराष्ट्र मे हिन्दू व हिंदुत्व को कमजोर नहीं बनाया बाबा साहेब ठाकरे, जिसको दुनिया व देश उनके कट्टरता को देख हतप्रभ रह जाता था और महाराष्ट्र के लोग गर्व करता था शिवसेना के हिंदुत्व को देखकर।
पूर्व शिवसेना प्रमुख स्व. बाबा साहेब ठाकरे जी के वेषभूषा व उनके बोल चाल व उनके बोली भाषा में भी हिन्दू धर्म के प्रति समरपन भाव दिखता था उनने दोहरे चरित्र कभी भी अपने जीवन में आने नहीं दिया, भले ही उनके पास कोई भी धर्म के लोग जाते, उनके विचार संगत मे राष्ट्र हित में होता था तो उनके मदद पूरे ईमानदारी के साथ निभाते उनके दरवाजे से खाली हाथ कोई नहीं आता था, यही उनमे एक खूबसूरत खूबी था, यही उनके आचरण देख महाराष्ट्र व देश दुनिया पसंद करते थे बाबा साहेब ठाकरे को।
शिवसेना की लहराती भगवा ध्वज को देखकर ऐसा लगता था मानो कोई युद्ध के लिए कुच कर रहे हैं, हर हर महादेव व जय भवानी व छत्रपती शिवा जी महाराज के नारे के साथ गली मोहल्ले में जब जाते थे, तो एक तरह से मन मस्तिष्क में उमंगो की लहर पैदा हो जाते थे, और यही शिवसेना का मुख्य ताकत है, जो महाराष्ट्र के हिन्दूओ को जोड़ती है।
इन्ही के बीच भारतीय जनता पार्टि के हिंदुत्व ऐजेन्डा को देखकर महाराष्ट्र के शिवसेना अपने तुल्य भाई मान लिया और उनको महाराष्ट्र में समर्रथन देने के लिए आगे आये, और दोनों मिलकर सरकार भी चलाएँ, लेकिन सत्ता का लोलुपता बाबा साहेब ठाकरे मे रत्ती मात्र भी न रहा, यही उनके कद को और ऊँचा उठाते हैं। और शिव सेना का मान बढ़ाते है। बाबा साहेब ठाकरे खुद अपने आप में एक सरकार थे जो उनके सामने सब झुकते थे, और इसका कारण है, सौदे बाजी न करना जो आज उनके बेटे उद्धव ठाकरे, शरद पवार व अन्य राजनीतक दलों के नेताओ का बात मानकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए और इनके आचरण मे ढल कर हिन्दू व हिंदुत्व के नियम व नीति को बदलने की कोशिश की और यहाँ तक हनुमान चालीसा जैसे पवित्र नाम जप करने वाले के ऊपर कठोरता दिखाई यह भी हिन्दू धर्म वालो के अपमान के बराबर है जो शिवसेना का प्रमुख अंग है हिन्दू व हिंदुत्व।
आज शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे अपने साथ कई विधायको को लेकर अपने राज्य से दूसरे राज्य के जमीन पर एकीकरण कर शिवसेना प्रमुख व सीएम उद्धव ठाकरे के बगावत मे आ गया है, जो उद्धव ठाकरे को सरकारी आवास वर्षा को छोड़कर मातोश्री अपने पैतृक निवास स्थान पर जाना पड़ गया। जो भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ है, जबकि अभी वर्तमान में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री है राज्य की। सीएम उद्धव ठाकरे अपने आप के बचाव में शरद पवार के नाम तो दे दिया लेकिन सवाल तो अब उठने वाले है, हिन्दू व हिंदुत्व को लेकर और इसका जवाब देना थोड़ा मुस्किल पड़ेगा उद्धव ठाकरे को और महामहिम बाबा साहेब ठाकरे जी के बनाए शिवसेना दो हिस्से में कही न बट जायें और हिन्दू व हिंदुत्व कही मुख्य मुद्दा न बन जायें, जो महाराष्ट्र मराठी लोगों को समझाने मे आशानि हो एकनाथ शिंदे को और बनी बनाई विरासत को कही उद्धव ठाकरे के हाथ से खो ना जायें या कमजोर पड़ जायें महाराष्ट्र में।
यह लेख शिवसेना के दूरदृष्टि व समीपता को देखते हुए लिखें गये है, अब इस लेख की सत्यता कितने कारगर होते हैं, ये तो भविष्य के शिवसेना के कार्यकलाप निर्धारित करेंगे। लेकिन जो अपने नैतिक विचार मे आया उनके आधार पर लिखी गई है। जो वर्तमान मे शिवसेना महाराष्ट्र के स्थिति परिस्थिति के अनुसार...।