बच्चों ! अच्छी नौकरी के इंतजार में खाली मत रहो, जो नौकरी मिले करो, जब और अच्छी मिले तो उसे कर लेना...

बच्चों ! अच्छी नौकरी के इंतजार में खाली मत रहो, जो नौकरी मिले करो, जब और अच्छी मिले तो उसे कर लेना...
बच्चों ! अच्छी नौकरी के इंतजार में खाली मत रहो, जो नौकरी मिले करो, जब और अच्छी मिले तो उसे कर लेना...

बच्चों ! अच्छी नौकरी के इंतजार में खाली मत रहो, जो नौकरी मिले करो, जब और अच्छी मिले तो उसे कर लेना

पाप समुद्र में भी नहीं समाता है, पाप से बचो

फैलते जहरीले वाद से दूर रहना चाहिए


पुष्कर (राजस्थान) : जान-अनजान में होने वाले पाप कर्मों जिनकी आगे भारी सजा मिलेगी, उनसे सतर्क कराने वाले,  समाज में फैलती गलत चीजों से सावधान कराने वाले, युवाओं को सही दिशा देने वाले, मालिक की दया किस पर होती है ये बता कर वैसा बनने की प्रेरणा देने वाले, वक़्त के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज ने 5 जून 2023 सायं नागौर (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि पाप की सजा बहुत बड़ी होती है। पाप तो समुद्र में भी नहीं समाता है। कहा है- कहा न अबला कर सके, का न सिन्धु समाय, खा न पावक में जरे, काको काल न खाय। तो कहा है- पुत्र न अबला करि सके, जल नहिं सिंधु समाय। धर्म न पावक जरै, नाम काल नहिं खाय। सिंधु यानी समुद्र। पाप इतना बड़ा होता है कि समुन्द्र में भी नहीं समाता है। पाप की गठरी बहुत बड़ी होती है। पहाड़ होता है। उससे दबने से कोई बच नहीं सकता है। छोटा पत्थर ऊपर से गिर जाए तो बच जाएगा। लेकिन कितना भी आप मजबूत लोहे का शरीर बना लो लेकिन जब पहाड़ ऊपर से गिरेगा तो शरीर टूटेगा या नहीं टूटेगा? (पाप का) पहाड़ टूटता है, ऊपर से गिरता है। लोगों को पापों की सजा मिल रही है, बीमारी तकलीफ से। कोई मौसम के बदलाव से रोगी हो जाए, जैसे गर्मी में तेज हवा चले, लू लग गया। आप गांव के लोगों को मालूम है इस सौंफ, खरबूजे का बीज, बेल की पत्ती आदि पीस के शरबत बना देते हैं तो पेट ठंडा हो जाता है। और अब तो दवाई चल गई तो उससे रोग ठीक हो जाता है। लेकिन जो कर्मों का रोग होता है, वह दवा से नहीं जाता है। कर्मों को काटना पड़ता है। कर्म को काटने का उपाय होता है। उसके द्वारा ही कर्म कटते हैं। कहने का मतलब यह है कि कर्मों की सजा मिल जाएगी। इसलिए जीवों पर दया करो।

फैलते जहरीले वाद से दूर रहना चाहिए

महाराज ने 3 जून 2023 दोपहर पुष्कर (राजस्थान) में बताया कि आपने हमको इतना समय दिया, हम आपके आभारी हैं। जो व्यवस्था किये, प्रचार किए उनके, जो भी इस कार्यक्रम को संपन्न बनाने में मदद किए, अधिकारी कर्मचारी प्रबुद्ध नागरिक सबके हम आभारी है। देश प्रेम बनाए रखना। देश की संपत्ति आपकी अपनी संपत्ति है। हड़ताल तोड़फोड़ आंदोलन धरना घेराव से दूर रहना। यह जो जातिवाद, भाई-भतीजावाद, कौमवाद, ऐरियावाद, भाषावाद, आतंकवाद, नक्सलवाद, माओवाद आदि जो वाद फैला है इन से दूर रहना और भजन ध्यान सुमिरन करते रहना। मेहनत ईमानदारी की कमाई करना। उसी में आपको बरकत मिलेगी। शाकाहारी नशा मुक्त रहना। प्रेम की जगह बनाए रखना। (सतसंग में) आते-जाते रहना, मिलते-जुलते रहना।

बच्चों अच्छी नौकरी के इंतजार में मत रहो

कोई भी काम करो बिजनेस का, व्यापार का, सीख करके करो। खेती करना सीख लो तब खेत खरीदो। सीख करके करोगे तो कभी भी घाटा नहीं होगा। पढ़ लिख लो, कोई न कोई नौकरी काम जो मिल जाए, बच्चों, उसको कर लो। अच्छी नौकरी के इंतजार में मत रहो। नौकरी कर लो। पढ़ते रहो। कॉन्पिटिशन में जब आ जाओ तब उस नौकरी को छोड़ करके अच्छी नौकरी कर लो। यह हम नहीं कहते हैं कि तरक्की न करो। हमारी इच्छा है आप तरक्की करो, आप नाम कमाओ, देश समाज के काम आओ, यह तो हमारी हार्दिक इच्छा है। प्रभु से हमारी प्रार्थना भी इस बात के लिए है क्योंकि हमारा-आपका अब प्रेम हो रहा, संबंध हो रहा है। इसलिए आपका मैं शुभचिंतक ही हूं और रहूंगा। यह जरूर बताता हूं कि काम सीख कर करो। झगडे की जमीन-जायदाद, घर मत लेना। सरकारी प्लाट, सरकारी जमीन जायदाद मत लेना। कोई आपको धोखा दे कर न खरीदवा दे इसलिए कागज पत्र देख लेना, समझ कर लेना। घर लेना, शादी ब्याह करना है, देख कर अपने हिसाब से कर लो, ये सब काम करते रहो, उसके लिए पूछने की जरुरत नहीं है। सबके लिए बताता हूँ।

निर्मल मन जिसका रहता है उसी पर मालिक दया करता है

निर्मल मन जन सो मोहि पावा, मोहे कपट छल छिद्र न भावा। निर्मल मन जिसका रहता है, उसी पर (वो मालिक) दया करता है, उसी को मिलता है।