CG Exclusive Story VIDEO: कभी नक्सली कमांडर रहे मड़कम ने CM भूपेश को सुनाई आपबीती... आत्मग्लानि में किया सरेंडर... पहले एसपीओ बना और आज हूं इंस्पेक्टर.... बच्चे इंग्लिश मीडियम में और जी रहे अच्छी लाइफ स्टाइल.... सम्मान में खड़े हो गए CM.... बजवायी ताली.... देखें वीडियो.....

Chhattisgarh Exclusive Story VIDEO

CG Exclusive Story VIDEO: कभी नक्सली कमांडर रहे मड़कम ने CM भूपेश को सुनाई आपबीती... आत्मग्लानि में किया सरेंडर... पहले एसपीओ बना और आज हूं इंस्पेक्टर.... बच्चे इंग्लिश मीडियम में और जी रहे अच्छी लाइफ स्टाइल.... सम्मान में खड़े हो गए CM.... बजवायी ताली.... देखें वीडियो.....
CG Exclusive Story VIDEO: कभी नक्सली कमांडर रहे मड़कम ने CM भूपेश को सुनाई आपबीती... आत्मग्लानि में किया सरेंडर... पहले एसपीओ बना और आज हूं इंस्पेक्टर.... बच्चे इंग्लिश मीडियम में और जी रहे अच्छी लाइफ स्टाइल.... सम्मान में खड़े हो गए CM.... बजवायी ताली.... देखें वीडियो.....

Chhattisgarh Exclusive Story VIDEO 

 

रायपुर। मुख्यमंत्री जी आपने सड़क , कैम्प और स्कूलों को सुधारकर नक्सल प्रभावित इलाके की तस्वीर बदल दी है। अब यहाँ लोगों में नक्सलियों का खौफ नहीं बल्कि आगे बढ़ने की चाहत है। यहां के लोग सरकार की योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं। कभी नक्सली संगठन में कमांडर रहे मड़कम मुदराज ने कोंटा में आयोजित चौपाल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आप बीती सुनाई और कहा कि मैं आपसे हाथ मिलाना चाहता हूं। इस पर मुख्यमंत्री ने बड़ी आत्मीयता से मड़कम के कंधे पर हाथ रखा और हाथ भी मिलाया। मुख्यमंत्री ने मड़कम के मुख्यधारा में लौटने पर सराहना की और उनके लिए ताली भी बजवायी। 

 

हाथों में बंदूक पहले भी थी और आज भी है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले खौफ ग्रामीणों में था और आज नक्सली इनके नाम से कांपते हैं। मड़कम ने बताया कि वे राह भटककर नक्सली संगठन में शामिल हो गए थे। लेकिन अपने ही भाई बन्धुओं का खून बहाने से आत्मग्लानि के चलते नींद नहीं आती थी। फिर एक दिन आत्मसमर्पण करने की ठान ली। आत्मसमर्पण के बाद एसपीओ बने। इसके बाद सिपाही, एएसआई, एसआई और अब डीआरजी में इन्स्पेक्टर हैं। 

 

पत्नी को भी दी थी नक्सली ट्रेनिंग - मड़कम बताते हैं कि कभी उनकी पत्नी भी उनके साथ संगठन में थीं। मैं ही उसे ट्रेनिंग देता था लेकिन हम दोनों ने तय किया कि अब खून-खराबे की जिंदगी नहीं जीना है। जिनके खिलाफ हमने बन्दूक उठाई है वे हमारे ही भाई-बहन हैं। मुख्यधारा में लौटकर अच्छा जीवन जीना है। आज बच्चे जी रहे अच्छी लाईफ स्टाइल - मड़कम कहते हैं कि आज वे उच्च पद पर पहुँच गए हैं। सैलरी भी अच्छी है। इस कारण बच्चों को अच्छे से पढ़ा पा रहे हैं। मेरे तीनों बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ रहे हैं और अच्छी लाइफ स्टाइल जी रहे हैं। अगर आज नक्सली संगठन में होता तो इन सब चीजों की कल्पना भी नहीं कर सकता था।