राहुल से मिले CM भूपेश VIDEO: मुख्यमंत्री भूपेश का बड़ा ऐलान.... राहुल के पढ़ाई-लिखाई का खर्च भी उठाएगी सरकार.... राहुल से पूछा, दर्द हो रहा है क्या.... भावुक माँ ने रोते हुए मुख्यमंत्री के पैर छूकर कहा, 'आप मेरे भगवान हो'.... देखें पूरा VIDEO.....
Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel reaches Apollo Hospital to meet Rahul, Chhattisgarh government will also arrange for the education of the child बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपोलो हॉस्पिटल पहुँचे। राहुल को देखने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुँचे। राहुल और परिजनों से मुलाकात किए। मुख्यमंत्री ने कहा की बच्चे की पढ़ाई लिखायी की भी व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार करेगी। रेस्क्यू टीम ने अपना काम बेहतरीन तरीके से किया। मुख्यमंत्री ने राहुल की माँ गीता के सर पर हाथ रखकर सांतवना दी। भावुक माँ ने रोते हुए मुख्यमंत्री के पैर छूकर कहा आप मेरे भगवान हो। माँ गीता ने कहा मुख्यमंत्री तो हमारे लिए भगवान समान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा हमने अपना फर्ज निभाया।




Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel reaches Apollo Hospital to meet Rahul, Chhattisgarh government will also arrange for the education of the child
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपोलो हॉस्पिटल पहुँचे। राहुल को देखने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुँचे। राहुल और परिजनों से मुलाकात किए। मुख्यमंत्री ने कहा की बच्चे की पढ़ाई लिखायी की भी व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार करेगी। रेस्क्यू टीम ने अपना काम बेहतरीन तरीके से किया। मुख्यमंत्री ने राहुल की माँ गीता के सर पर हाथ रखकर सांतवना दी। भावुक माँ ने रोते हुए मुख्यमंत्री के पैर छूकर कहा आप मेरे भगवान हो। माँ गीता ने कहा मुख्यमंत्री तो हमारे लिए भगवान समान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा हमने अपना फर्ज निभाया।
तारीख़ 10 जून 2022 दिन शुक्रवार और समय करीब अपरान्ह 3 बजे ज़ब राहुल और उसके भाई ऋषभ अपनी बाड़ी में खेल रहे थे तभी खुले बोर में राहुल गिर गया. करीब 70-80 फिट गहरे बोर में गिरने की खबर घर से लेकर गांव तक और गांव से लेकर कलेक्टर जांजगीर तक पहुंच गया. कलेक्टर जीतेन्द्र शुक्ल, पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी, कर्मचारी राहुल को बचाने ग्राम पिहरीद पहुंचे.
इस बात की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तत्काल कलेक्टर को मोबाइल पर निर्देश जारी किया कि राहुल को बचाने हर सम्भव प्रयास किया जाए. कलेक्टर ने तत्काल तमाम सुरक्षा व्यवस्था के लिए राज्य आपदा मोचन से लेकर सेना के जवान सहित सभी प्रकार के संसाधन जुटाने के निर्देश अपने अधीनस्थ लोगों को दिया. कोरबा, बिलासपुर, भिलाई सहित अनेक शहरों व राज्यों से मदद ली गई.
पल पल की जानकारी लेते रहे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री बघेल लगातार राहुल के परिजनों से औऱ कलेक्टर से बातचीत करते रहे. कलेक्टर को हर उपाय करने के निर्देश देते रहे तो परिजनों को आश्वासत किया कि बेटा राहुल को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा. सबसे पहले ऑक्सीजन की व्यवस्था कर तत्काल राहुल तक पहुचाई गई. विशेष कैमरे लगाकर राहुल की हर गतिविधियों पर नज़र रखी गई और उसे खाने पीने के सामान भी दिए गए. यह घटना कोई सामान्य घटना नहीं थी. जिला प्रशासन द्वारा बच्चे को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित आवश्यकता अनुसार सभी से संपर्क बनाया गया. आसपास की भीड़ हटाने पुलिस फोर्स लगाकर बेरिकेडिंग की गई. समय रहते बच्चे को ऊपर लाने का भी प्रयास किया गया. जिला प्रशासन की मांग पर रेस्कयू के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों के साथ एक्सपर्ट भी बुलाए गए. भिलाई,कटक,कोरबा, झारखण्ड,रायगढ़,बिलासपुर सहित अन्य स्थानों से भी राहत एवं बचाव के लिए मशीनें तथा वाहन मांगी गई. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के पहुचने के बाद सैकड़ो कोशिशें की गई कि राहुल किसी तरह रस्सी, हुक को पकड़ ले. गुजरात से रोबोट बुलाकर भी निकालने की कोशिशें जारी रही. एक तरफ बोर के गहराई में गिरे राहुल के समानांतर गड्ढा कर सुरंग बनाकर राहुल तक पहुँचने की रणनीति बनी और अमल में लाया गया, वही दूसरी ओर कभी मैनुअल क्रेन में रस्सी के सहारे राहुल को ऊपर खीचने का प्रयास किया गया.
जाको राखे साइंया मार सकय न कोय
यह मुहावरा मासूम राहुल के लिए ही बना है. बोरवेल में फंसे राहुल को आखिरकार 105 घण्टे रेस्क्यू के पश्चात सकुशल बाहर निकाल लिया गया. "ऑपरेशन राहुल" की चुनौती यही थीं कि राहुल न सुन सकता है, न बोल सकता है वे मानसिक रूप से दिव्यांग भी है ऐसे में लगभग 65-70 फीट नीचे गड्ढे में उतरी रेस्क्यू दल ने कड़ी मशक्कत के बाद राहुल को सुरक्षित बाहर निकाला. राहुल जहाँ फसे थे उसके आसपास सांप भी था लेकिन कहते है न ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं.
प्रदेश के करीब 3 करोड़ आबादी के प्रार्थना ने राहुल को नया जीवन दिया तो इस आबादी के मुखिया संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ऊपर भरोसा भी था कि राहुल को बचाने जिला से लेकर राज्य औऱ राष्ट्रीय स्तर तक व्यवस्था में भी कोई कम नहीं था.
मौत को दिया मात
रेस्कयु टीम के 105 घंटे के कड़ी मशक्क्त के बाद सुरंग से बाहर आते ही राहुल का आँख खुला था. वे अपने गांव पिहरीद की खुले जगहों से सांस लेने को आतुर था. जिला प्रशासन ने पहले से ही डॉक्टर, नर्स से लेकर राहुल के तमाम सुरक्षा व्यवस्था कर ली गई थीं. ज़ब राहुल सुरंग से बाहर आया तो रेस्कयु टीम में जो उत्साह औऱ उमंग दिखाई दिया वह पिहरीद औऱ जिला जांजगीर के इतिहास में दर्ज हो गया. हजारों ग्रामीणो को बेसब्री से राहुल का इंतजार था. पूरे गाँव में खुशी के आँसू देखने को मिला, क्योंकि बेटा राहुल मौत को मात दे दिया. राहुल को बेहतर इलाज के लिए अपोलो अस्पताल बिलासपुर में भर्ती कराया गया है इस घटना ने सभी लोगो को सोचने को मजबूर किया है. छोटी से लापरवाही से कितना बड़ा नुकसान हो सकता है, इसलिए बोर को खुला न छोड़े. स्वयं औऱ बच्चों का विशेष ध्यान रखें. राहुल बहुत जल्द स्वस्थ होकर घर लौटेगा, इसी उम्मीद के साथ "ऑपरेशन राहुल" में जुड़े जिला प्रशासन, राज्य शासन तमाम अधिकारी, कर्मचारीगण रेस्कयु टीम के सभी सदस्यों, ग्राम पिहरीद के प्रत्येक नागरिक औऱ मीडिया के अभूतपूर्व योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता.