CGPSC Success Story : रिक्शा चालक पिता का संघर्ष लाया रंग ,बेटे को था कुछ कर द‍िखाने का जुनून…. सहायक कर आयुक्त पद पर हुआ चयनित…..सिलाई मशीन चला कर अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले होनहार विद्यार्थी की Success Story जानकर आप भी हो जाएंगे भावुक……..

CGPSC Success Story : रिक्शा चालक पिता का संघर्ष लाया रंग ,बेटे को था कुछ कर द‍िखाने का जुनून…. सहायक कर आयुक्त पद पर हुआ चयनित…..सिलाई मशीन चला कर अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले होनहार विद्यार्थी की Success Story जानकर आप भी हो जाएंगे भावुक……..

बिलासपुर/तखतपुर। तुम्हारी हिम्मत कैसे हो गई मेरे बेटे के साथ के खेलने की. तुम्हें नहीं पता कि तुम क्या हो और कहां से आते हो? पढ़-लिखकर ज्यादा से ज्यादा अपने पिता का काम करके थोड़ा पैसा कमा लोगो, तुम कितना भी पढ़ लोगे रहोगे तो रिक्शा ही चलाने वाले' ये कुछ ऐसे शब्द थे जिसे सुनकर-सुनकर  बड़े हुए थे. 

 

अपने लिए ऐसे शब्द सुनकर वह हमेशा यही सोचते थे कि कैसे वह ऐसा क्या करें कि लोग उनकी इज्जत करना शुरू कर दें. उन्होंने इज्जत पाने के लिए पढ़ाई को चुना क्योंकि वह जानते थे कि पढ़ाई के अलावा कोई भी दूसरी चीज उन्हें इन शब्दों से छुटकारा नहीं दिला सकती है. 

रिक्शा चलाने वाले का बेटा पीएससी परीक्षा में सहायक कर आयुक्त के पद पर चयन हुआ कभी सिलाई मशीन चला कर अपनी पढ़ाई जारी रखने वाले इस होनहार बच्चे की सफलता पर पूरा नगर गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

सफलता किसी साधन का नहीं बल्कि मेहनत की मोहताज है और यह सिद्ध कर दिखाया है नगर के विजय कैवर्त ने जिसका चयन पीएससी की परीक्षा में सहायक कर आयुक्त पद पर हुआ है। 

 

बुरे दिन सिखाते हैं सबक 

 

अपने संघर्ष के बारे में वह बताते हैं, 'मेरी परिस्थतियां ऐसी थीं कि सिविल सर्विस की तैयारी के अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं था. सरकारी नौकरियां ज्यादातर फिक्स होती हैं इसलिए उनमें मेरे लिए मौके नहीं थे. न ही मेरे पास काफी रुपये थे जिससे मैं बिजनेस शुरू कर सकूं. मैं इस स्थिति में यही कर सकता था कि खूब पढ़ाई करूं.' 

 

रिज़ल्ट आने से पहले कई दिनों तक उनके पिता चिंता के कारण सो नहीं पाए थे. जब रिजल्ट आया तो सबकी आखों में आंसू आ गए थे. अपने सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया । 

कुलदीप कैवर्त को शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि आने वाला दिवाली उसके लिए सचमुच जिंदगी की सबसे बड़ी दिवाली होगी क्योंकि उसका पुत्र विजय कैवर्त पीएससी के द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में सहायक कर आयुक्त के पद पर चयन हुआ है। रिक्शा चलाकर कुलदीप अपने बच्चे का लालन-पालन कर वह संस्कार दिया जिससे वह एक काबिल इंसान बन सके और समाज में अपनी पहचान बना सके। पिता के इस सीख को विजय कैवर्त ने सर माथे रखकर परिश्रम करना नहीं छोड़ा ।वह भी अपने पिता कि परिश्रम को देखकर स्वयं ने टेलरिंग का कार्य सीखा और आज भी वह टेलरिंग का काम कर रहा है। लेकिन कुछ कर गुजरने की तमन्ना से वह प्रतिदिन पढ़ाई भी करता रहा और उसका परिणाम यह हुआ कि आज वह सहायक कर आयुक्त के रूप में चयन हुआ है। विजय कैवर्त की प्राथमिक शिक्षा गायत्री ज्ञान मंदिर में कक्षा आठवीं तक हुई वहीं 12वीं तक की पढ़ाई बालक हाई स्कूल में करने के बाद सीवी रमन यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिग्री हासिल किया। लेकिन एक अच्छा मुकाम हासिल हो सके इसके लिए प्रयास करता रहा । अभी भी बिलासपुर में एम साहब के यहां टेलरिंग का काम करता है। विजय कैवर्त ने बताया कि वह सफलता के लिए वो केवल परिश्रम को ही जिम्मेदार मानता है टेलरिंग के काम के साथ-साथ प्रतिदिन वह 5 घंटे पढ़ाई करता था।

साथ ही उसने बताया कि 3 बार वह प्री में उत्तीर्ण हुआ था और चौथी बार में मेंस की परीक्षा में पहुंचकर 21 वां रैंक हासिल हुआ है ।विजय के चयन होने पर उसके पिता ने ईश्वर का आशीर्वाद और संस्कार को आधार कहा है ।इसके चैन से नगर सहित सभी में हर्ष है कि सफलता के लिए किसी संपन्नता की आवश्यकता नहीं है।