CG - सुशील मौर्य ने कहा कि हंसदेव जंगल में 50 हजार पेड़ों की कटाई हो रहा है, वनमंत्री केदार कश्यप हंसदेव जंगल को कटाई होने से बचाये...

CG -  सुशील मौर्य ने कहा कि हंसदेव जंगल में 50 हजार पेड़ों की कटाई हो रहा है, वनमंत्री केदार कश्यप हंसदेव जंगल को कटाई होने से बचाये...
CG - सुशील मौर्य ने कहा कि हंसदेव जंगल में 50 हजार पेड़ों की कटाई हो रहा है, वनमंत्री केदार कश्यप हंसदेव जंगल को कटाई होने से बचाये...

वनमंत्री केदार जी हंसदेव जंगल को बचाये - सुशील मौर्य

हंसदेव जंगल में 50 हजार पेड़ों की कटाई

सफेद भालू व अन्य जीव जंतुओं का अस्तित्व संकट में
आदिवासियों को जेल में डाला जा रहा 

जगदलपुर : शहर कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष  सुशील मौर्य ने जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से केदार कश्यप को वन मंत्री बनने पर हार्दिक बधाई व उनके उज्जवल राजनैतिक भविष्य की कामना करते हुए बस्तर व समस्त वन क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण में महत्वपूर्ण व उल्लेखनीय कार्य करें।

विदित है कि केदार कश्यप स्वयं आदिवासी वर्ग से हैं और जल जंगल और जमीन की क्या अहमियत होती है उन्हें समझ है और मैं आषा करता हूं कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री जो कि खुद सरगुजा संभाग से आते हैं पर वो ‘‘हंसदेव जंगल के कटाई पर मौन हैंA हंसदेव जंगल में अभी तक 50 हजार पेड़ कांटे जा चुके हैं तथा दुर्लभ सफेद भालु सहित अन्य जीव जंतु एवं दुर्लभ वनस्पतियों का अस्तित्व संकट में है।

सरकार माईनिंग खनन को त्वरित रूप से निरस्त करे। जंगल का विनाष केवल पूंजीपतियों के लिए है देष के इतिहास में पहली बार सुरक्षा बलों की पहरेदारी में जंगल की कटाई की जा रही है और क्षेत्रीय आदिवासियों को जेलों में डाला जा रहा है। 

सुशील मौर्य ने प्रदेष के सभी पर्यावरण प्रेमियों से भी अपील की है कि वे आगे आकर मुख्यमंत्री व वन मंत्री को पत्र लिखकर कटाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग करें।

सुशील मौर्य ने आगे कहा कि इस स्थिति में केदार कष्यप जी की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है क्योंकि अब वे वनमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं जब बड़ी घटना पर एक राज्य का मुख्यमंत्री मौन हो जाता है तो उसके बाद विभागीय वनमंत्री की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।

छ0ग0 प्रदेष के हर एक आदिवासी ‘हंसदेव जंगल कटाई‘  से अपने मतदान पर पछता रहा है और कह रहे हैं कि प्रदेष का मुख्यमंत्री जो खुद आदिवासी समाज से आते है कुछ नहीं कर पा रहे हैं मतलब ‘कमजोर आदिवासी नेता^ को प्रदेष की कमान दे दी गई है जिसका रिमोट कंट्रोल मोदी-षाह जैसे नेता के हाथों में हैं। इस परिस्थिति में अब वन मंत्री केदार कष्यप ही कुछ कर सकते हैं। वैसे अब देखना होगा कि केदार कष्यप आदिवासी हित में ‘‘हंसदेव जंगल कटाई पर कुछ कदम उठायेंगे या फिर कुछ न कर पाने वाले प्रदेष के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के रास्ते पर चलकर मंत्री पद पर विराजमान होकर राजभोगने का आनंद लेंगे तो कांग्रेस पार्टी इसका भरपुर विरोध करेगी।